सोलनः हिमाचल प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमण तेज गति से बढ़ रहा है. प्रदेश के साथ-साथ जिला सोलन में भी लगातार कोरोना वायरस के मामले और कोरोना से मौत का आंकड़ा तेज गति से रफ्तार पकड़ता जा रहा है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पूरी तरह से तैयार है, लेकिन लोग अब कोरोना वायरस की दूसरी लहर से डरने लगे हैं. यही कारण है कि लोग सामान्य खांसी, जुकाम और बुखार होने पर अब अस्पतालों का रुख करने लगे थे जिससे अस्पतालों में भीड़ भी होने लगी थी.
लोग आपातकाल की स्थिति में ही अस्पतालों का कर रहे रुख
वहीं, प्रदेश सरकार ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू लगाया है जिसके चलते आवश्यक वस्तुओं को खरीदने के लिए लोग बाजारों में आ रहे हैं. लेकिन जिस तरह से कोरोना कर्फ्यू का असर बाजारों में दिख रहा है वैसे अस्पतालों में भी कोरोना कर्फ्यू का असर देखने को मिल रहा है. लोग कोरोना वायरस के डर से घरों से कम ही बाहर निकल रहे हैं. अस्पतालों में जहां पहले मरीजों की लंबी-लंबी लाइनें देखने को मिलती थीं, वहीं अब आपातकाल की स्थिति में ही लोग अस्पतालों का रुख कर रहे हैं.
कोरोना कर्फ्यू के चलते ओपीडी में पहुंच रहे अब 400 से 500 लोग
क्षेत्रीय अस्पताल सोलन के एमएस डॉ. श्याम लाल वर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस से प्रदेश के साथ जिला में लागू हुआ है तब से लेकर अस्पताल की ओपीडी घट चुकी है, कोरोना कर्फ्यू से पहले अस्पताल में ओपीडी 1000 से लेकर 1500 तक पहुंच जाती थी लेकिन कोरोना कर्फ्यू के बाद अब लोग घर से कम ही बाहर निकल रहे हैं, जिसके चलते अस्पताल में ओपीडी अब 400 से 500 तक ही सीमित रह चुकी है. वहीं, उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि वे लोग जरूरत पड़ने पर ही अस्पतालों का रुख करें और कोरोना वायरस बचे रहें.
हालांकि अस्पतालों में कम होती ओपीडी इस बात को दर्शाती है कि लोग कोरोना वायरस के लेकर एहतियात बरत रहे हैं. सामान्य बीमारी होने पर भी अस्पतालों का रुख नहीं कर रहे हैं. प्रदेश सरकार ने जो नियम और कोरोना संक्रमण की चेन को रोकने के लिए बनाए हैं, लोग उसका पालन कर रहे हैं. बहरहाल देखना होगा कि प्रदेश में लगाया गया कोरोना कर्फ्यू संक्रमण की चेन तोड़ने में कितना कारगर साबित होता है.
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