सोलन: जिला सोलन के कंडाघाट में सिरिनगर ग्राम पंचायत को अपने कार्यालय का उद्घाटन से पहले ही इसे खाली करने के आदेश जारी हो गए हैं. इस आलीशान कार्यालय के कब्जे को लेकर नगर पंचायत कंडाघाट और ग्राम पंचायत सिरिनगर में विवाद शुरू हो चुका है.
ग्राम पंचायत ने दो टूक शब्दों में कार्यालय को खाली करने से इनकार कर दिया है और कहा कि यदि प्रशासन ने इसको लेकर ज्यादा दबाव बनाया तो ग्राम पंचायत कोर्ट में अपील करेंगे क्योंकि यह भूमि ग्राम पंचायत कार्यालय के निर्माण के लिए दान की गई है.
ये कहना है महिला प्रधान का
सिरिनगर ग्राम पंचायत की प्रधान राजविंदर कौर ने प्रेस वार्ता के दौरान आरोप लगाते हुए कहा कि स्थानीय प्रशासन इस कार्यालय को खाली करने के लिए उन पर बेवजह का दबाव बना रहा है.
उन्होंने कहा कि प्रशासन जितना भी दबाव बना ले लेकिन पंचायत को खाली नहीं किया जाएगा क्योंकि यह जमीन पंचायत कार्यालय के निर्माण के लिए दान की गई है. उन्होंने कहा कि पंचायत के लोग भी इसके विरोध में है यदि प्रशासन नहीं मानेगा तो वे लोग कोर्ट में अपील करेंगे.
ये कहते हैं पूर्व प्रधान
सिरिनगर ग्राम पंचायत के पूर्व प्रधान अमित ठाकुर का कहना है कि प्रदेश में कई ऐसे पंचायत घर है जो नगर पंचायत, नगर परिषद व नगर निगम के क्षेत्र में है, लेकिन केवल कंडाघाट को लेकर ही कार्रवाई क्यों की जा रही है.
सोलन नगर निगम में शामिल किए गए ग्रामीण क्षेत्रों के पंचायत घर निगम क्षेत्र में आ गए हैं उन्हें तो खाली नहीं करवाया गया. उनका कहना है कि यह जमीन आबादी देह में है नियमों के मुताबिक इस पर जिसका कब्जा होगा वही मालिक होगा.
इस पर ग्राम पंचायत का कब्जा है इसीलिए सरकार को नगर पंचायत कार्यालय के लिए दूसरी जगह पर जमीन तलाशनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार तानाशाही बन रही है उन्होंने बताया कि उनके कार्यकाल के दौरान इस कार्यालय का निर्माण हुआ था यह जमीन पंचायत के लिए दान दी गई है इसीलिए पंचायत वहां से शिफ्ट नहीं होगी.
ये बोले नगर पंचायत के कार्यकारी अधिकारी
वहीं, जब इस बारे में नगर पंचायत कंडाघाट के कार्यकारी अधिकारी रजनीश चौहान से बात की गई तो उनका कहना था कि ये सरकार के आदेश है, सरकार ने नगर पंचायत को यह कार्यालय आवंटित किया है इसलिए पंचायत को यह खाली करना पड़ेगा. अब कार्यालय नगर पंचायत एरिया में ग्राम पंचायत की पूरी संपत्ति और दायित्व और नगर पंचायत को ट्रांसफर हो गए हैं इसलिए इसको लेकर विरोध नहीं होना चाहिए.
बता दें कि ग्रामीण भी अपने इस कार्यालय को बचाने के लिए ग्राम पंचायत के समर्थन में उतर गए हैं इसके कारण प्रशासन की चिंताएं बढ़ने शुरू हो चुकी है क्योंकि ग्राम पंचायत को अब आम लोगों का समर्थन मिलना शुरू हो चुका है.
ग्राम पंचायत ने कार्यालय में अपना कामकाज शुरू कर दिया था
कंडाघाट शहर में करीब 60 लाख की लागत से सिरिनगर ग्राम पंचायत कार्यालय का निर्माण नवंबर 2019 में पूरा हुआ था. वर्ष 2020 के प्रारंभ में इस भवन के उद्घाटन की योजना थी, लेकिन कोरोना वायरस के चलते कार्यालय का उद्घाटन आज तक नहीं हो पाया. हालांकि ग्राम पंचायत ने कार्यालय में अपना कामकाज शुरू कर दिया था.
कंडाघाट शहर भी सिरीनगर पंचायत का हिस्सा था लेकिन पिछले वर्ष सरकार ने सोलन को नगर निगम बनाने के साथ ही कंडाघाट को नगर पंचायत बना दिया क्योंकि यह कार्यालय शहर में है इसलिए प्रदेश सरकार ने इसे नगर पंचायत को आवंटित कर दिया, जबकि ग्राम पंचायत कार्यालय के निर्माण के लिए एरिया में ही जगह चिन्हित की जा रही है.
विवाद लगातार गहराता जा रहा है
फिलहाल पंचायत को अंबेडकर भवन में शिफ्ट करने के लिए डीसी की ओर से आदेश हुए हैं. यही नहीं इस कार्यालय को नगर पंचायत को देने के लिए कहा गया है. स्थानीय प्रशासन पिछले कुछ दिनों में ग्राम पंचायत कब्जे को लेकर लगातार पंचायत प्रतिनिधियों व स्थानीय लोगों को मनाने में लगा हुआ है, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं है. अब ये विवाद लगातार गहराता जा रहा है.
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