सोलन: नगर पंचायत अर्की में टैक्स बढ़ोतरी के विरोध में विकास मंच अर्की का एक प्रतिनिधिमंडल एसडीएम अर्की विकास शुक्ला से मिला. इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल ने एसडीएम शुक्ला को ज्ञापन सौंपा, जिसमें बढ़ाए गए गृह कर पर विरोध जताया.
ज्ञापन में कहा है कि अर्की नगर पंचायत में अर्की निवासियों पर बढ़ाए गया गृह कर शिमला शहर की तर्ज पर है, जबकि अर्की और शिमला की किसी भी लिहाज से बराबरी नहीं की जा सकती. शिमला प्रदेश की राजधानी के साथ-साथ नगर निगम है, जबकि अर्की एक उपमंडल मुख्यालय होने के साथ-साथ नगर पंचायत है.
लोगों का कहना है कि अर्की की जनता पर भारी टैक्स थोपा है, जबकि यह 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. लोगों ने मांग की है कि गृह कर निर्धारण के लिए वार्ड सदस्य की अध्यक्षता में हर वार्ड की एक कमेटी बनाई जानी चाहिए. लोकेशन फैक्टर, जोन सिस्टम, स्ट्रक्चरल फैक्टर, भवनों की निर्माण अवधि, ऑक्यूपैंसी फैक्टर और यूज फैक्टर को ध्यान में रख कर गृह कर का निर्धारण किया जाए.
लोगों ने यह भी मांग की है कि कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए सरकार आम आदमी को कई जगह छूट दे रही है. इसी तरह नगर पंचायत भी वर्ष 2018-19 व वर्ष 2019-20 के गृह कर में 25 से 50 प्रतिशत की छूट दे. कोरोना काल में लॉकडाउन के चलते आम आदमी आर्थिक रूप से त्रस्त है.
नप अर्की ने लोगों को थमाया था छह गुना ज्यादा टैक्स
बता दें कि बीते दिनों नगर पंचायत अर्की की हाउस टैक्स में मनमाने ढंग से बढ़ोतरी पर लोग भड़क गए थे. लोगों ने कहा कि पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे लोगों के लिए बढ़ाया गढ़ाया टैक्स आफत बन रहा है. नगर पंचायत ने टैक्स दोगुना कर दिया है, जिसका कोई तय मापदंड भी लोगों को समझ में नहीं आ रहा है.