सोलन: जिला में बुधवार को एटक (All India Trade Union Congress) द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया. पुराने बस स्टैंड से शुरू हुए इस धरने प्रदर्शन को ओल्ड बस स्टैंड तक नारेबाजी के साथ किया गया.
इस मौके पर एटक के प्रदेशाध्यक्ष जगदीश भारद्वाज ने कहा कि पिछले 100 वर्षों में जो कानून मजदूर वर्ग ने कड़े संघर्ष और बलिदान के बाद अपने हित में बनवाए थे उन्हें केंद्र सरकार ने समाप्त कर दिया है और इन कानून को समाप्त करके चार श्रम सहिताएं बना दी है जो की पूरी तरह से इजारेदारी, उद्योगपतियों, बहुराष्ट्रीय कंपनियों और कॉरपोरेटस का सरंक्षण करते हैं.
अडानी अंबानी को लाभ पहुंचाना चाहती है मोदी सरकार
उन्होंने कहा कि ये श्रम सहिताएं अंबानी और अडानी जैसे बड़े पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने और मजदूरों कर्मचारियों का शोषण करने का रास्ता साफ करते हैं. इन सभी मुद्दों को लेकर आज एटक द्वारा चार नए श्रम कानूनों के प्रति लिखो प्रतिलिपि को जलाकर विरोध प्रदर्शन भी जताया गया. वहीं, इस प्रदर्शन में पुरुषों और महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया.
44 श्रम कानूनों को खत्म करके 4 श्रम संहिताएं मजदूरों पर थोप रही मोदी सरकार
इस मौके पर एटक के प्रदेशाध्यक्ष जगदीश भारद्वाज ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार 1 अप्रैल 2021 को 44 कानूनों को खत्म करके 4 कानून बनाकर मजदूरों के खिलाफ थोप कर तानाशाही दिखा रही है. उन्होंने कहा कि 4 श्रम कानून लाकर केंद्र की मोदी सरकार अडानी और अंबानी को लाभ पहुंचाना चाहती है.
बेरोजगारी और महंगाई पर ध्यान नहीं
उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार का ना तो बेरोजगारी पर ध्यान है और ना ही महंगाई पर वे सिर्फ किसान, मजदूरों और देश के छात्रों से लड़ना चाहती है. वहीं, उन्होंने कांग्रेस से भी आग्रह किया है कि वे भी किसानों को लेकर सड़कों पर उतरे ताकि किसानों के बाद बुलंद हो सके.
सत्य और अहिंसा से लड़ी जाएगी लड़ाई
उन्होंने कहा कि 4 श्रम कानूनों के खिलाफ अगर मोदी सरकार इन्हें वापस नहीं लेती है तो सत्य और अहिंसा के साथ इसकी लड़ाई लड़ी जाएगी उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान को मोदी और शाह ने नहीं देश के किसान मजदूरों ने बनाया है और इन कानूनों के खिलाफ लड़ाई के लिए किसान मजदूर सड़कों पर भी उतरेंगे.
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