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खेतों की सिंचाई के लिए किसानों को नहीं मिल रहा पानी, गांव छोड़ कर जा चुके हैं कई परिवार - सिंचाई के पानी की कमी

केंद्र और प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के वादे कर रही हैं, लेकिन जिला सिरमौर के दुर्गम गांव खंढेला की कहनी कुछ और ही ब्यान कर रही है. खंढेला गांव के लोगों की जमीन सिंचाई योजनाओं के दम तोड़ने के कारण बंजर होती जा रही है.

water crisis in khandela village near sirmour
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Published : Oct 30, 2019, 7:50 AM IST

सिरमौरः केंद्र और प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के वादे कर रही हैं, लेकिन जिला सिरमौर के दुर्गम गांव खंढेला की कहनी कुछ और ही ब्यान कर रही है. खंढेला गांव के लोगों की जमीन सिंचाई योजनाओं के दम तोड़ने के कारण बंजर होती जा रही है.

बता दें कि हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि पानी की समस्या के चलते गांव से अब तक 10 परिवार पलायन चुके हैं. गांव के किसानों का कहना है कि छोटी नहर (कुहल) के माध्यम से खेतों की सिंचाई की जाती थी, लेकिन नहर के जगह-जगह से टूट जाने के बाद खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है. जिस कारण अदरक, लहसुन, प्याज, गेहूं की पारंपरिक खेती उनके लिए आसान नहीं रही.

वीडियो

वहीं, पंचायत प्रधान और संबंधित अधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद भी कोई हल नहीं हो पा रहा है. खेतों में अनाज पैदा ना होने के कारण कई लोग यहां से पलायन भी कर चुके हैं. गांव के लोगों ने प्रशासन से आग्रह किया है कि खेतों की सिंचाई करने वाली नहरों को ठीक किया जाए, जिससे यहां के किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिल सके और आने वाले समय में वह अपनी जमीन छोड़ने के लिए मजबूर ना हों.

सिरमौरः केंद्र और प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के वादे कर रही हैं, लेकिन जिला सिरमौर के दुर्गम गांव खंढेला की कहनी कुछ और ही ब्यान कर रही है. खंढेला गांव के लोगों की जमीन सिंचाई योजनाओं के दम तोड़ने के कारण बंजर होती जा रही है.

बता दें कि हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि पानी की समस्या के चलते गांव से अब तक 10 परिवार पलायन चुके हैं. गांव के किसानों का कहना है कि छोटी नहर (कुहल) के माध्यम से खेतों की सिंचाई की जाती थी, लेकिन नहर के जगह-जगह से टूट जाने के बाद खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है. जिस कारण अदरक, लहसुन, प्याज, गेहूं की पारंपरिक खेती उनके लिए आसान नहीं रही.

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वहीं, पंचायत प्रधान और संबंधित अधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद भी कोई हल नहीं हो पा रहा है. खेतों में अनाज पैदा ना होने के कारण कई लोग यहां से पलायन भी कर चुके हैं. गांव के लोगों ने प्रशासन से आग्रह किया है कि खेतों की सिंचाई करने वाली नहरों को ठीक किया जाए, जिससे यहां के किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिल सके और आने वाले समय में वह अपनी जमीन छोड़ने के लिए मजबूर ना हों.

Intro:सिंचाई के पानी की कमी झेल रहे किसान
पानी न मिलने पर कई परिवार हो चुके हैं प्लान
गरीबों की शिकायत करने पर कोई कार्यवाही नहीं
कम बारिश और घटते भूगर्भ जल ने देश के किसानों को आगे नया संकटBody:
एक और केंद्र और प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुनी करने का सपना देख रही है जबकि दूसरी और किसान अपनी फसलों को उगाने के लिए दो बूंद पानी के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो रहे हैं आलम यह है कि सिंचाई के लिए पानी न होने के संकट से जूझ रहे हैं। पानी की कमी से खेत बंजर हो रहे हैं। अदरक लहसुन प्याज गेहूं की पारंपरिक खेती उनके लिए आसान नहीं रही। लोग अपनी पुरानी प्रॉपर्टी को छोड़ने के लिए विवश हो रहे हैं

देवभूमि हिमाचल का जिला सिरमौर के दुर्गम गांव खंढेला के लोगों की हालत यह हो गई है बिना पानी के खेते बंजर हो रही है किसानों का कहना है कि छोटी नहर (कुल) के माध्यम से खेतों की सिंचाई की जाती थी लेकिन जगह-जगह टूट जाने के बाद खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है और पंचायत प्रधान व जिम्मेदार अधिकारियों को शिकायत करने के बावजूद भी कोई समाधान नहीं हो रहा है खेतों में अनाज पैदा ना होने के कारण कई लोग यहां से प्लान भी कर चुके हैं अगर यही हाल रहा तो हमें भी अपने भूमि को छोड़कर कहीं और जाना पड़ेगा उन्होंने प्रशासन से जोरदार आग्रह किया है कि कुल की रिपेयर की जाए ताकि यहां के किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिल सके

बाइट रमेश कुमार खंढेलाConclusion:
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