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महिला शक्ति को सलाम, बंद हो चुकी बावड़ियों की सफाई कर बना दिया पीने योग्य

महिलाओं ने फैसला लिया है कि हर महीने इस क्षेत्र की बावड़ियों की सफाई की जाएगी और यह क्रम अब भी जारी है. समूह की महिलाओं के अनुसार आज इन बावड़ियों से जहां यहां रहने वालों को पेयजल मिल रहा है, वहीं दूसरी और जंगल में चरने वाले पशु भी इसका लाभ उठा रहे हैं. बावड़ी साफ होने के बाद स्थानीय लोग इन बावड़ियों का उपयोग समय-समय पर सिंचाई में भी कर रहे हैं.

Water bowl in Nahan
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Published : Jul 13, 2019, 10:52 PM IST

नाहन: धारटीधार क्षेत्र के गांव थाना कसोगा की महिलाएं आज पुरुषों के लिए प्रेरणा बनी हुई हैं. दरअसल जिला के इस क्षेत्र में पानी का काफी संकट रहता है. इस पूरे इलाके में गर्मियों के मौसम में लोगों के लिए पेयजल संकट उत्पन्न हो जाता है. यहां पर वर्षों पहले कई बावड़ियां थीं, जो कि देखरेख के अभाव में खत्म हो चली थीं. इसे देखते हुए स्थानीय महिलाओं ने मिलकर एक महिला मंडल बनाया. 11 सदस्यीय समूह ने प्राचीन बावड़ियों को जीवित करने का संकल्प लिया. धीरे-धीरे सभी महिलाओं ने इनकी सफाई शुरू कर दी और देखते ही देखते ये साफ व निर्मल हो गई.

Water bowl in Nahan
बावड़ी की सफाई करती महिलाएं.
महिलाओं ने फैसला लिया है कि हर महीने इस क्षेत्र की बावड़ियों की सफाई की जाएगी और यह क्रम अब भी जारी है. समूह की महिलाओं के अनुसार आज इन बावड़ियों से जहां यहां रहने वालों को पेयजल मिल रहा है, वहीं दूसरी और जंगल में चरने वाले पशु भी इसका लाभ उठा रहे हैं. बावड़ी साफ होने के बाद स्थानीय लोग इन बावड़ियों का उपयोग समय-समय पर सिंचाई में भी कर रहे हैं. अब इस क्षेत्र में जलसंकट नाममात्र को भी नहीं है और यह सब संभव महिला मंडल की सदस्यों के सार्थक प्रयास व परिश्रम से हुआ है. महिलाओं ने मिलकर पूरे गांव की एक ज्वलंत समस्या को हल कर दिया है.
वीडियो.

ये भी पढ़ें: ईटीवी भारत लाया आपके लिए आपकी भाषा में न्यूज बुलेटिन, देखिए हमारा कार्यक्रम 'खबरां पहाड़ां री'

वहीं महिलाओं के इस कार्य की पुरुष भी प्रशंसा कर रहे हैं. पंचायत के पूर्व प्रधान वीरेंद्र ने बताया कि इन महिलाओं ने आज सारे क्षेत्र में एक मिसाल पेश की है और यह बता दिया है कि महिला शक्ति अगर चाहे तो कोई भी काम असंभव नहीं हो सकता है. उन्होंने बताया कि समूह की महिलाओं के कार्य से अब जल संकट खत्म हो चुका है और सभी महिलाएं मिलजुल कर बावड़ियों की देखरेख करती हैं.
गौर रहे कि धारटीधार क्षेत्र सिरमौर का ऐसा इलाका है जहां गर्मियों में सिंचाई व पेयजल संकट होता है, लेकिन महिला मंडल की इन महिलाओं ने सभी को एक मार्ग दिखाया है, जो कि अनुकरणीय बनता जा रहा है.

नाहन: धारटीधार क्षेत्र के गांव थाना कसोगा की महिलाएं आज पुरुषों के लिए प्रेरणा बनी हुई हैं. दरअसल जिला के इस क्षेत्र में पानी का काफी संकट रहता है. इस पूरे इलाके में गर्मियों के मौसम में लोगों के लिए पेयजल संकट उत्पन्न हो जाता है. यहां पर वर्षों पहले कई बावड़ियां थीं, जो कि देखरेख के अभाव में खत्म हो चली थीं. इसे देखते हुए स्थानीय महिलाओं ने मिलकर एक महिला मंडल बनाया. 11 सदस्यीय समूह ने प्राचीन बावड़ियों को जीवित करने का संकल्प लिया. धीरे-धीरे सभी महिलाओं ने इनकी सफाई शुरू कर दी और देखते ही देखते ये साफ व निर्मल हो गई.

Water bowl in Nahan
बावड़ी की सफाई करती महिलाएं.
महिलाओं ने फैसला लिया है कि हर महीने इस क्षेत्र की बावड़ियों की सफाई की जाएगी और यह क्रम अब भी जारी है. समूह की महिलाओं के अनुसार आज इन बावड़ियों से जहां यहां रहने वालों को पेयजल मिल रहा है, वहीं दूसरी और जंगल में चरने वाले पशु भी इसका लाभ उठा रहे हैं. बावड़ी साफ होने के बाद स्थानीय लोग इन बावड़ियों का उपयोग समय-समय पर सिंचाई में भी कर रहे हैं. अब इस क्षेत्र में जलसंकट नाममात्र को भी नहीं है और यह सब संभव महिला मंडल की सदस्यों के सार्थक प्रयास व परिश्रम से हुआ है. महिलाओं ने मिलकर पूरे गांव की एक ज्वलंत समस्या को हल कर दिया है.
वीडियो.

ये भी पढ़ें: ईटीवी भारत लाया आपके लिए आपकी भाषा में न्यूज बुलेटिन, देखिए हमारा कार्यक्रम 'खबरां पहाड़ां री'

वहीं महिलाओं के इस कार्य की पुरुष भी प्रशंसा कर रहे हैं. पंचायत के पूर्व प्रधान वीरेंद्र ने बताया कि इन महिलाओं ने आज सारे क्षेत्र में एक मिसाल पेश की है और यह बता दिया है कि महिला शक्ति अगर चाहे तो कोई भी काम असंभव नहीं हो सकता है. उन्होंने बताया कि समूह की महिलाओं के कार्य से अब जल संकट खत्म हो चुका है और सभी महिलाएं मिलजुल कर बावड़ियों की देखरेख करती हैं.
गौर रहे कि धारटीधार क्षेत्र सिरमौर का ऐसा इलाका है जहां गर्मियों में सिंचाई व पेयजल संकट होता है, लेकिन महिला मंडल की इन महिलाओं ने सभी को एक मार्ग दिखाया है, जो कि अनुकरणीय बनता जा रहा है.

Intro:-सभी महिलाएं मिलकर करती है बावडियों की नियमित सफाई
नाहन। यदि मनुष्य में कुछ करने के लिए लग्न हो, तो कोई भी कार्य असंभव नहीं होता। ऐसा ही कुछ सिरमौर जिला के धारटीधार क्षेत्र के गांव थाना कसोगा की महिलाओं ने कर दिखाया है।


Body:दरअसल जिला के इस क्षेत्र में पानी का काफी संकट रहता है। इस पूरे इलाके में गर्मियों के मौसम में लोगों के लिए पेयजल संकट उत्पन्न हो जाता है। वहीं जंगलों में चरने वाले पशुओं को भी पानी के लिए तरसना पड़ता है। यहां पर कई प्राचीन समय से जल की बावडियां थी, जोकि देखरेख के अभाव में खत्म हो चली थी। ऐसा देखते हुए स्थानीय महिलाओं ने मिलकर एक महिला मंडल बनायाए जिसका नाम लाॅ शक्ति स्वयं सहायता समूह रखा गया। 11 सदस्यों के इस समूह ने प्राचीन बावडियों को जीवित करने का संकल्प लिया। धीरे-धीरे सभी महिलाओं ने इनकी सफाई शुरू कर दी और देखते ही देखते ये साफ व निर्मल हो गई। इन महिलाओं ने फैसला लिया है कि हर महीने इस क्षेत्र की बावड़ियों की सफाई की जाएगी और यह क्रम अब भी जारी है।
उधर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के अनुसर आज इन बावड़ियों से जहां यहां रहने वालों को पेयजल मिल रहा है, वहीं दूसरी और जंगल में चरने वाले पशु भी इसका लाभ उठा रहे है। साफ होने के बाद स्थानीय लोगों द्वारा इन बावडियों का उपयोग समय.समय पर सिंचाई में भी किया जा रहा है। अब इस क्षेत्र में जलसंकट नाममात्र को भी नहीं है और यह सब संभव महिला मंडल की सदस्यों के सार्थक प्रयास व परिश्रम से हुआ है। महिलाओं ने मिलकर पूरे गांव की एक ज्वलंत समस्या को हल कर दिया है।
वहीं महिलाओं के इस कार्य की पुरुष भी प्रशंसा कर रहे है। पंचायत के पूर्व प्रधान वीरेंद्र ने बताया कि इन महिलाओं ने आज सारे क्षेत्र में एक मिसाल पेश की है और यह बता दिया है कि महिला शक्ति अगर चाहे तो कोई भी काम असंभव नहीं हो सकता है। उन्होंने बताया कि समूह की महिलाओं के कार्य से अब जल संकट खत्म हो चूका है और सभी महिलाएं मिलजुल कर बावड़ियों की देखरेख करती है।Conclusion:उल्लेखनीय है कि धारटीधार क्षेत्र सिरमौर का ऐसा इलाका हैए जहां गर्मियों में खासतौर पर सिंचाईए पेयजल संकट होता है, लेकिन महिला मंडल की इन महिलाओं ने सभी को एक मार्ग दिखाया है, जोकि अनुकरणीय बनता जा रहा है।
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