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नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 7 साल की सजा, लगा 20 हजार का जुर्माना

जिला सिरमौर में नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी पिंकू उर्फ बंटी को 7 साल का कठोर कारावास और 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है. जांच में पाया गया कि नाबालिग की उम्र 16 साल 6 महीने है. स्पेशल जज सिरमौर देविंद्र कुमार की अदालत में बंटी को सजा सुनाई गई है. जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.

The accused got 7 years imprisonment in the case of raping a minor in Nahan
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Published : Jul 26, 2021, 10:15 PM IST

नाहन: स्पेशल जज सिरमौर देविंद्र कुमार की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी पिंकू उर्फ बंटी को सात 7 का कठोर कारावास और 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है. जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. मामले की पैरवी जिला न्यायावादी भीमानंद शांडिल ने की.

जानकारी के अनुसार रमेश ठाकुर निवासी गांव मताहन ने 8 फरवरी 2018 को थाना संगड़ाह में शिकायत दर्ज करवाई कि उसकी बहन (पीड़िता) 6 फरवरी को घर मताहन से दोगरी (आइछा) के लिए गई, जो वहां नहीं पहुंची. उसने बहन की तलाश की तो लोगों से पता चला कि उसकी बहन को 3 बजे शाम को अम्बोटा में बंटी के साथ देखा गया था. वहीं, जब बंटी के मोबाइल नंबर पर फोन किया तो उसने बताया कि तेरी बहन मेरे रिश्तेदार विक्की के साथ चौपाल चली गई है.

रमेश ने बंटी पर ही शक जाहिर करते हुए कहा कि वह शादी का झांसा देकर उसकी बहन को बहला फुसलाकर कर भगा ले गया है. जिसके बाद 7 फरवरी को बंटी ने अपने मोबाइल नंबर से कॉन्फ्रेंस के जरिए रमेश से बात उसकी बहन से करवाई.

इस दौरान पीड़िता ने अपने भाई को बताया कि उसे पता नहीं वह कहां हैं. मामला दर्ज होने के बाद संगड़ाह पुलिस ने आगामी कार्रवाई शुरू की. इस दौरान 9 फरवरी को पीड़िता और बंटी टिम्बी के साथ संपर्क मार्ग गांव दुबोड़ की ओर सडक़ पर पैदल जाते मिले. पीड़िता की उसके पिता राजू ने उसकी शिनाख्त की.

जांच के दौरान पीड़िता ने यह बताया कि आरोपी बंटी उर्फ पिंकू ही उसे शादी का झांसा देकर गांव मताहन में 6 फरवरी 2018 को भगा कर ले गया था. इस दौरान बंटी ने अपने रिश्तेदार के पास पंझोड़ धार में उसके साथ दुष्कर्म किया. जबकि दोषी पहले से ही शादी शुदा था और उस की एक 9 माह की बेटी भी है.

वहीं, जांच में पाया गया कि नाबालिग की उम्र 16 साल 6 महीने है. जांच पूरी होने पर मुकदमा स्पेशल जज देवेंद्र कुमार की अदालत में पेश किया गया, जिसकी पैरवी जिला न्यायावादी भीमानंद शांडिल ने की. उन्होंने बताया कि मुकदमा में कुल 14 गवाह पेश किए गए. जिसके पश्चात जुर्म साबित होने पर दोषी को सात साल का कठोर कारावास और 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई.

ये भी पढ़ें- करगिल विजय दिवस: हिमाचल BJP प्रभारी ने शहीदों को किया नमन, कहा- सैनिकों के जीवन से लें प्रेरणा

नाहन: स्पेशल जज सिरमौर देविंद्र कुमार की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी पिंकू उर्फ बंटी को सात 7 का कठोर कारावास और 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है. जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. मामले की पैरवी जिला न्यायावादी भीमानंद शांडिल ने की.

जानकारी के अनुसार रमेश ठाकुर निवासी गांव मताहन ने 8 फरवरी 2018 को थाना संगड़ाह में शिकायत दर्ज करवाई कि उसकी बहन (पीड़िता) 6 फरवरी को घर मताहन से दोगरी (आइछा) के लिए गई, जो वहां नहीं पहुंची. उसने बहन की तलाश की तो लोगों से पता चला कि उसकी बहन को 3 बजे शाम को अम्बोटा में बंटी के साथ देखा गया था. वहीं, जब बंटी के मोबाइल नंबर पर फोन किया तो उसने बताया कि तेरी बहन मेरे रिश्तेदार विक्की के साथ चौपाल चली गई है.

रमेश ने बंटी पर ही शक जाहिर करते हुए कहा कि वह शादी का झांसा देकर उसकी बहन को बहला फुसलाकर कर भगा ले गया है. जिसके बाद 7 फरवरी को बंटी ने अपने मोबाइल नंबर से कॉन्फ्रेंस के जरिए रमेश से बात उसकी बहन से करवाई.

इस दौरान पीड़िता ने अपने भाई को बताया कि उसे पता नहीं वह कहां हैं. मामला दर्ज होने के बाद संगड़ाह पुलिस ने आगामी कार्रवाई शुरू की. इस दौरान 9 फरवरी को पीड़िता और बंटी टिम्बी के साथ संपर्क मार्ग गांव दुबोड़ की ओर सडक़ पर पैदल जाते मिले. पीड़िता की उसके पिता राजू ने उसकी शिनाख्त की.

जांच के दौरान पीड़िता ने यह बताया कि आरोपी बंटी उर्फ पिंकू ही उसे शादी का झांसा देकर गांव मताहन में 6 फरवरी 2018 को भगा कर ले गया था. इस दौरान बंटी ने अपने रिश्तेदार के पास पंझोड़ धार में उसके साथ दुष्कर्म किया. जबकि दोषी पहले से ही शादी शुदा था और उस की एक 9 माह की बेटी भी है.

वहीं, जांच में पाया गया कि नाबालिग की उम्र 16 साल 6 महीने है. जांच पूरी होने पर मुकदमा स्पेशल जज देवेंद्र कुमार की अदालत में पेश किया गया, जिसकी पैरवी जिला न्यायावादी भीमानंद शांडिल ने की. उन्होंने बताया कि मुकदमा में कुल 14 गवाह पेश किए गए. जिसके पश्चात जुर्म साबित होने पर दोषी को सात साल का कठोर कारावास और 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई.

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