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एयरफोर्स में सेवाएं दे चुके सुरेश कश्यप की नई परीक्षा, लोकसभा के चुनावी रण में विजयी उड़ान की चुनौती

बीजेपी ने इस बार शिमला संसदीय सीट पर युवा चेहरे पर दांव खेला है. एयरफोर्स में सेवाएं दे चुके सुरेश कश्यप की अब नई परीक्षा है जिसमें उन्हें लोकसभा चुनाव के रण में विजयी उड़ान की चुनौती मिली है.

सुरेश कश्यप
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Published : Mar 23, 2019, 10:48 PM IST

नाहन: बीजेपी ने इस बार शिमला संसदीय सीट पर युवा चेहरे पर दांव खेला है. एयरफोर्स में सेवाएं दे चुके सुरेश कश्यप की अब नई परीक्षा है जिसमें उन्हें लोकसभा चुनाव के रण में विजयी उड़ान की चुनौती मिली है. वर्तमान में सिरमौर जिला के पच्छाद विधानसभा क्षेत्र से जयराम सरकार में विधायक सुरेश कश्यप ने पार्टी आलाकमान ने लोकसभा चुनाव-2019 के लिए अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है. खास बात ये भी है कि आज यानी 23 मार्च को सुरेश कश्यप का जन्मदिन भी है. लिहाजा राजनीतिक गलियारों सहित आम लोगों में इस बात की भी चर्चा है कि पार्टी ने उन्हें शिमला सीट से टिकट देकर बर्थर्ड गिफ्ट भी दिया है. अपने सौम्य व मिलनसार स्वभाव का ही कारण वे लगातार पच्छाद विस सीट से दूसरी मर्तबा जीतकर हिमाचल प्रदेश की विधानसभा में पहुंचे.
बता दें कि करीब 16 महीने बीजेपी प्रत्याशी सुरेश कश्यप ने एयरफोर्स में देश की सेवा की. सुरेश कश्यप का जन्म 23 मार्च 1971 को पच्छाद के पपलाहा गांव में हुआ. कश्यप की सादगी व उच्चशिक्षा भी वजह मानी जा रही है कि पार्टी आलाकमान ने इस बर शिमला संसदीय सीट से उन्हें टिकट दिया है. पच्छाद विधानसभा क्षेत्र में सुरेश कश्यप ने लगातार दो बार कांग्रेस के दिग्गज नेता गंगूराम मुसाफिर को हराया. 10 मई 1997 को सुरेश कश्यप का विवाह रजनी कश्यप के साथ हुआ. एयरफोर्स में सेवाएं देने के बाद ही सुरेश कश्यप बीजेपी के साथ जुड़े. पच्छाद बीडीसी में 2005-10 तक बतौर सदस्य के तौर पर कश्यप ने अपनी एक अलग पहचान बना ली. 2006 से 2009 तक भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष पद पर रहे और पार्टी संगठन के लिए पूरी ईमानदारी से काम किया.
2017 में दोबारा निर्वाचित होने के बाद सुरेश कश्यप को सामान्य विकास समिति का चेयरमैन भी बनाया गया है. इसके अलावा कल्याण व आचार समिति के विधानसभा में सदस्य भी हैं.

suresh kashyap
सुरेश कश्यप

7 बार के कांग्रेसी दिग्गज विधायक को लगातार 2 बार दी पटखनी
कभी 7 बार विधायक बनकर जनता के दुलारे रहे कांग्रेस के कद्दावर नेता गंगूराम मुसाफिर को सुरेश कश्यप ने लगातार दूसरी बार विधानसभा चुनाव में पटखनी दी थी. पिछले 2 चुनाव से पच्छाद की जनता ने मुसाफिर को राम-राम कहकर विधायक की कुर्सी के लिए सुरेश कश्यप पर ही भरोसा दिखाया. भाजपा के युवा विधायक सुरेश कश्यप के हाथों लगातार मुसाफिर पिछले विस चुनाव में दूसरी हार थी.
ये है युवा प्रत्याशी का प्रोफाइल
अपने मिलनसार स्वभाव के साथ-साथ सुरेश कश्यप उच्च शिक्षा भी प्राप्त है. पच्छाद से दो मर्तबा विधायक बन चुके सुरेश कश्यप ने लोक प्रशासन में एमफिल की है. अंग्रेजी व टूरिज्म स्टडी में पोस्ट ग्रेजुएशन भी की है. वहीं, लोक संपर्क व संचार प्रबंधन में डिप्लोमा भी प्राप्त किया है. बीएड की डिग्री भी कश्यप ने हासिल की हुई है. इस युवा नेता ने भारतीय वायुसेना में 22 अप्रैल 1988 को अपनी सेवाएं शुरू की थी. करीब 16 साल देश की सेवा के बाद सीनियर नॉन कमीशंड ऑफिसर के पद से रिटायर हुए.

नाहन: बीजेपी ने इस बार शिमला संसदीय सीट पर युवा चेहरे पर दांव खेला है. एयरफोर्स में सेवाएं दे चुके सुरेश कश्यप की अब नई परीक्षा है जिसमें उन्हें लोकसभा चुनाव के रण में विजयी उड़ान की चुनौती मिली है. वर्तमान में सिरमौर जिला के पच्छाद विधानसभा क्षेत्र से जयराम सरकार में विधायक सुरेश कश्यप ने पार्टी आलाकमान ने लोकसभा चुनाव-2019 के लिए अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है. खास बात ये भी है कि आज यानी 23 मार्च को सुरेश कश्यप का जन्मदिन भी है. लिहाजा राजनीतिक गलियारों सहित आम लोगों में इस बात की भी चर्चा है कि पार्टी ने उन्हें शिमला सीट से टिकट देकर बर्थर्ड गिफ्ट भी दिया है. अपने सौम्य व मिलनसार स्वभाव का ही कारण वे लगातार पच्छाद विस सीट से दूसरी मर्तबा जीतकर हिमाचल प्रदेश की विधानसभा में पहुंचे.
बता दें कि करीब 16 महीने बीजेपी प्रत्याशी सुरेश कश्यप ने एयरफोर्स में देश की सेवा की. सुरेश कश्यप का जन्म 23 मार्च 1971 को पच्छाद के पपलाहा गांव में हुआ. कश्यप की सादगी व उच्चशिक्षा भी वजह मानी जा रही है कि पार्टी आलाकमान ने इस बर शिमला संसदीय सीट से उन्हें टिकट दिया है. पच्छाद विधानसभा क्षेत्र में सुरेश कश्यप ने लगातार दो बार कांग्रेस के दिग्गज नेता गंगूराम मुसाफिर को हराया. 10 मई 1997 को सुरेश कश्यप का विवाह रजनी कश्यप के साथ हुआ. एयरफोर्स में सेवाएं देने के बाद ही सुरेश कश्यप बीजेपी के साथ जुड़े. पच्छाद बीडीसी में 2005-10 तक बतौर सदस्य के तौर पर कश्यप ने अपनी एक अलग पहचान बना ली. 2006 से 2009 तक भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष पद पर रहे और पार्टी संगठन के लिए पूरी ईमानदारी से काम किया.
2017 में दोबारा निर्वाचित होने के बाद सुरेश कश्यप को सामान्य विकास समिति का चेयरमैन भी बनाया गया है. इसके अलावा कल्याण व आचार समिति के विधानसभा में सदस्य भी हैं.

suresh kashyap
सुरेश कश्यप

7 बार के कांग्रेसी दिग्गज विधायक को लगातार 2 बार दी पटखनी
कभी 7 बार विधायक बनकर जनता के दुलारे रहे कांग्रेस के कद्दावर नेता गंगूराम मुसाफिर को सुरेश कश्यप ने लगातार दूसरी बार विधानसभा चुनाव में पटखनी दी थी. पिछले 2 चुनाव से पच्छाद की जनता ने मुसाफिर को राम-राम कहकर विधायक की कुर्सी के लिए सुरेश कश्यप पर ही भरोसा दिखाया. भाजपा के युवा विधायक सुरेश कश्यप के हाथों लगातार मुसाफिर पिछले विस चुनाव में दूसरी हार थी.
ये है युवा प्रत्याशी का प्रोफाइल
अपने मिलनसार स्वभाव के साथ-साथ सुरेश कश्यप उच्च शिक्षा भी प्राप्त है. पच्छाद से दो मर्तबा विधायक बन चुके सुरेश कश्यप ने लोक प्रशासन में एमफिल की है. अंग्रेजी व टूरिज्म स्टडी में पोस्ट ग्रेजुएशन भी की है. वहीं, लोक संपर्क व संचार प्रबंधन में डिप्लोमा भी प्राप्त किया है. बीएड की डिग्री भी कश्यप ने हासिल की हुई है. इस युवा नेता ने भारतीय वायुसेना में 22 अप्रैल 1988 को अपनी सेवाएं शुरू की थी. करीब 16 साल देश की सेवा के बाद सीनियर नॉन कमीशंड ऑफिसर के पद से रिटायर हुए.
एयरफोर्स में सेवाएं दे चुके सुरेश कश्यप की नई परीक्षा, लोकसभा के चुनावी रण में विजयी उड़ान की चुनौती 
नाहन। बीजेपी ने इस बार शिमला संसदीय सीट पर युवा चेहरे पर दांव खेला है। एयरफोर्स में सेवाएं दे चुके सुरेश कश्यप की अब नई परीक्षा है और लोकसभा चुनाव के रण में विजयी उड़ान की चुनौती भी। वर्तमान में सिरमौर जिला के पच्छाद विधानसभा क्षेत्र से जयराम सरकार में विधायक सुरेश कश्यप ने पार्टी आलाकमान ने लोकसभा चुनाव-2019 के लिए अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। खास बात यह भी है कि आज यानी 23 मार्च को सुरेश कश्यप का जन्मदिन भी है। लिहाजा राजनीतिक गलियारों सहित आम लोगों में इस बात की भी चर्चा है कि पार्टी ने उन्हें शिमला सीट से टिकट देकर बर्थर्ड गिफ्ट भी दिया है। अपने सौम्य व मिलनसार स्वभाव का ही कारण है कि वह लगातार पच्छाद विस सीट से दूसरी मर्तबा जीतकर हिमाचल प्रदेश की विधानसभा में पहुंचे। बता दें कि करीब 16 महीने बीजेपी प्रत्याशी सुरेश कश्यप ने एयरफोर्स में देश की सेवा की। यही नहीं उच्च शिक्षा हासिल करने के क्षेत्र में भी उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी। सुरेश कश्यप का जन्म 23 मार्च 1971 को पच्छाद के पपलाहा गांव में हुआ। कश्यप की सादगी व उच्चशिक्षा भी वजह मानी जा रही है कि पार्टी आलाकमान ने इस बर शिमला संसदीय सीट से उन्हें टिकट दिया है। पच्छाद विधानसभा क्षेत्र में सुरेश कश्यप ने लगातार दो बार कांग्रेस के दिग्गज नेता गंगूराम मुसाफिर को हराया। 10 मई 1997 को सुरेश कश्यप का विवाह रजनी कश्यप के साथ हुआ। एयरफोर्स में सेवाएं देने के बाद ही सुरेश कश्यप बीजेपी के साथ जुड़े। पच्छाद बीडीसी में 2005-10 तक बतौर सदस्य के तौर पर कश्यप ने अपनी एक अलग पहचान बना ली। 2006 से 2009 तक भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष पद पर रहे और पार्टी संगठन के लिए पूरी ईमानदारी से काम किया। पार्टी में सुरेश कश्यप का कद इस कारण भी बढ़ा, क्योंकि पच्छाद में कांग्रेस के अभेद किले में वह सेंध लगाने में सफल रहे थे। पच्छाद बीजेपी मंडल के अध्यक्ष रहने के दौरान भी सुरेश कश्यप ने पार्टी संगठन को खूब मजबूती प्रदान करवाई। यह भी कारण रहा कि कांग्रेस के इस गढ़ में बीजेपी इस वक्त पूरी तरह से सशक्त है। अपने निर्वाचन क्षेत्र की मांगों को विधानसभा में उठाने को लेकर सुरेश कश्यप माहिर हैं। 2017 में पुनः निर्वाचित होने के बाद सुरेश कश्यप को सामान्य विकास समिति का चेयरमैन भी बनाया गया है। इसके अलावा कल्याण व आचार समिति के विधानसभा में सदस्य भी हैं। 
7 बार के कांग्रेसी दिग्गज विधायक को लगातार 2 बार दी पटखनी 
कभी 7 बार विधायक बनकर जनता के दुलारे रहे कांग्रेस के कद्दावर नेता गंगूराम मुसाफिर को सुरेश कश्यप ने लगातार दूसरी बार विधानसभा चुनाव में पटखनी दी थी। पिछले 2 चुनाव से पच्छाद की जनता ने मुसाफिर को राम-राम कहकर विधायक की कुर्सी के लिए सुरेश कश्यप पर ही भरोसा जा रही है। भाजपा के युवा विधायक सुरेश कश्यप के हाथों लगातार मुसाफिर पिछले विस चुनाव में दूसरी हार थी। 
ये है युवा प्रत्याशी का प्रोफाइल 
अपने मिलनसार स्वभाव के साथ-साथ सुरेश कश्यप उच्च शिक्षा भी प्राप्त है। पच्छाद से दो मर्तबा विधायक बन चुके सुरेश कश्यप ने लोक प्रशासन में एमफिल की है। अंग्रेजी व टूरिज्म स्टडी में पोस्ट ग्रेजुएशन भी की है। वहीं लोक संपर्क व संचार प्रबंधन में डिप्लोमा भी प्राप्त किया है। बीएड की डिग्री भी कश्यप ने हासिल की हुई है। इस युवा नेता ने भारतीय वायुसेना में 22 अप्रैल 1988 को अपनी सेवाएं शुरू की थी। करीब 16 साल देश की सेवा के बाद सीनियर नॉन कमीशंड ऑफिसर के पद से रिटायर हुए।

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