पांवटा साहिब: देश और दुनिया के साथ-साथ पांवटा साहिब की स्ट्रॉबेरी पर भी कोरोना की मार पड़ी है. पांवटा की स्ट्रॉबेरी जो मार्केट में आते ही हाथों-हाथ बिक जाती थी, वहीं अब खरीददारों के इंतजार में खराब होने की कगार पर पहुंच गई है.
स्ट्रॉबेरी कारोबार पर कोरोना की मार
देश और दुनिया पर जब कोरोना की मार पड़ी तो बड़े से बड़े उद्योग ठप हो गए. लॉकडाउन ने बड़े से बड़े व्यापारियों की आय पर ब्रेक लगा दी. पांवटा साहिब की स्ट्रॉबेरी भी कोरोना की मार से नहीं बच पाई. मीठी और रसीली स्ट्रॉबेरी जो मार्केट में आते ही हाथों-हाथ बिक जाती थी, वह खरीददारों के इंतजार में खराब होने की कगार पर पहुंच गई. इसके साथ ही बदलते मौसम का असर भी फलों की कीमतों पर पड़ता है.
स्ट्रॉबेरी की बिक्री पर पड़ा ठंड का असर
कोरोना के साथ साथ ठंड का असर भी स्ट्रॉबेरी की बिक्री पर पड़ा. स्ट्रॉबेरी के किसानों की मेहनत पर पहले कोरोना की मार पड़ी और फिर मौसम की. सर्दी से पहले कम बारिश होने से भी स्ट्रॉबेरी की फसल पर असर पड़ा. किसानों का कहना है कि बोर का पानी भी नहीं मिल पाया. जिसकी दोहरी मार इन स्ट्रॉबेरी के किसानों पर पड़ी. पहले तो स्ट्रॉबेरी की फसल कम हुई. फिर सर्दी के सितम के बीच खरीदारों ने स्ट्रॉबेरी से दूरी बना ली.
किसानों और खरीदारों की जेब पर पड़ा असर
किसानों की जेब तक भले मुनाफा नहीं पहुंच पाया हो, लेकिन स्ट्रॉबेरी का स्वाद लेने वाले खरीदारों को जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ी. पांवटा साहिब की स्ट्रॉबेरी पूरे हिमाचल में मशहूर है. पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और सारे सिरमौर के लोग स्ट्रॉबेरी खरीदने पांवटा साहिब पहुंचते हैं, लेकिन इस बार कोरोना के डर की वजह से इसमें भी गिरावट आई है.
स्ट्रॉबेरी के विपणन की उचित व्यवस्था की मांग
स्ट्रॉबेरी को ज्यादा दिन तक स्टोर करके नहीं रख सकते. जितना जल्दी हो इसकी बिक्री होनी चाहिए, लेकिन खरीददार न मिलने की वजह से इस बार किसानों को स्ट्रॉबेरी के खराब होने का डर सता रहा है. स्ट्रॉबेरी की फसल और बिक्री पर लगा ग्रहण किसानों को बहुत नुकसान पहुंचा रहा है. ऐसे में उनकी सरकार से मांग है कि स्ट्रॉबेरी के विपणन की उचित व्यवस्था की जाए ताकि किसानों को भारी नुकसान से बचाया जा सके.
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