पांवटा साहिब: शहरों में सीवेज और अन्य वेस्ट से जल स्रोत प्रदूषित हो रहे हैं. शहरों में रोजाना कई एमएलडी बिना ट्रीट किया हुआ सीवेज निकलता है. वहीं, अगर पांवटा साहिब की बात की जाए तो यहां भी सबसे ज्यादा समस्या सीवेज के पानी की है.
पांवटा साहिब में शहर का सारा गंदा पानी व सीवेज नालियों के जरिए बहकर नदियों को नुकसान पहुंचा रहा है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी भले ही इस समस्या से निजात की बात कह रहे हैं, लेकिन सारे दावे सिर्फ कागजों में ही नजर आ रहे हैं.
'यमुना नदी में 200 नालों का पानी पहुंचता है'
बता दें कि पांवटा साहिब में पिछले कई वर्षों से यमुना नदी की देखरेख व यमुना नदी को सुंदर बनाने के लिए हरि यमुना प्रोजेक्ट काम कर रहा है. हरि यमुना प्रोजेक्ट के सचिव विशाल वालिया ने बताया कि पांवटा साहिब में 13 वार्ड हैं और अधिकांश वार्डों का पानी सीवेज (Sewage) के माध्यम से नदियों में पहुंचता है. उन्होंने कहा कि यमुना नदी ((Yamuna River) में 200 नालों का पानी पहुंचता है. ऐसे में यमुना नदी ((Yamuna River) दिन-प्रतिदिन प्रदूषित होती जा रही है.
विशाल वालिया ने कहा कि हरि यमुना प्रोजेक्ट अपने लेवल पर सफाई करवाता है और वे अपने स्तर पर यमुना नदी को बचाने का प्रयास कर रहे हैं. वहीं, पांवटा शहर के समाज सेवक हेमंत शर्मा ने बताया कि यमुना नदी पर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, अमृतसर, पठानकोट व समूचे हिमाचल से रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु नदी में डुबकी लगाने के लिए पहुंचते हैं.
'नदी का पानी मैला दिख रहा है'
समाज सेवक हेमंत शर्मा ने कहा कि पहले यमुना नदी (Yamuna River) पवित्र हुआ करती थी, लेकिन आज नदी का पानी मैला दिख रहा है. उन्होंने कहा कि शहर के सीवेज को रोकने के लिए उचित प्रावधान किया जाना चाहिए, ताकि पानी को दूषित होने से बचाया जा सके.
वहीं, जब ईटीवी भारत की टीम ने पांवटा साहिब के नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी से बात की तो उन्होंने कहा कि शहर के सीवेज के पानी को रोकने के लिए प्रबंध किए जा रहे हैं और यमुना नदी मैली ना हो इसके लिए नगर परिषद द्वारा कई नई योजनाएं भी तैयार की जा रही हैं.
हिंदु धर्म में इसे पवित्र नदी माना गया है
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी एसएस नेगी ने कहा कि दो से तीन स्पॉट चिन्हित किए गए हैं और सीवेज (Sewage) के पानी की ट्रीट किया जाएगा और इस योजना कार्य चल रहा है. कहा जाता है कि यमुना नदी वेदों के काल से गंगा नदी के साथ-साथ बहती है और हिंदु धर्म में इसे पवित्र नदी माना गया है. जिसके दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. ऐसे में धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से भी इस नदी को सुंदर बनाने के लिए प्रशासन को कार्य करना चाहिए.
'जमीनी हकीकत कुछ और ही है'
बता दें कि यमुना नदी ((Yamuna River) को मैला होने से बचाने के लिए भले ही प्रशासन और पॉल्यूशन विभाग (Pollution Department) दावे कर रहा हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. प्रशासन की सारी बातें सिर्फ कागजों में ही नजर आती है. खैर अब देखना ये होगा कि विभागों की योजनाएं धरातल पर कब सफल होंगी और हम यमुना नदी के पानी को साफ देख पाएंगे.
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