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साल 2021 के 19 लाख की ठगी के मामले में दो आरोपी महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश से गिरफ्तार

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Published : Feb 4, 2023, 8:09 PM IST

हिमाचल प्रदेश के जिला नाहन में मार्च साल 2021 के एक ऑनलाइन ठगी में पुलिस ने दो और आरोपियों को पकड़ने में सफलता हासिल की है. ठगो ने कुल बैंक अकाउंट से 19 लाख 3 हजार 376 रुपये उठाए थे. पूरा मामला जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...(19 lakh Online Fraud in Sirmaur) (Sirmaur Police Arrested Two accused)

19 lakh Online Fraud in Sirmaur.
साल 2021 के 19 लाख की ठगी के मामले में दो आरोपी महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश से गिरफ्तार

नाहन: सिरमौर पुलिस ने मार्च 2021 में 19 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी के मामले में दो और आरोपियों को महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से पकड़ने में कामयाबी हासिल की है. पुलिस ने इस मामले में अभी तक हार नहीं मानी है और मामले को सुलझाने में ऐडी चोटी का जोर लगा दिया है. जिससे पुलिस को लगातार सफलता हाथ लग रही है. मामले में पुलिस अब तक 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.

शनिवार शाम मीडिया को जानकारी देते हुए एसपी सिरमौर रमन कुमार मीणा ने बताया कि इस मामले में शिकायतकर्ता ने स्वयं मोबाइल पर अपने बैंक खातों की जानकारी आरोपियों से सांझा की थी. उन्होंने बताया कि 4 मार्च 2021 को लाजिंद्र दत्त जो नाहन के गांव चौंरिया के निवासी हैं, उन्होंने इस संबंध में पुलिस थाना में करीब 19 लाख रुपये की ठगी की शिकायत दर्ज करवाई थी. इसके बाद मामले की जांच के लिए इंस्पेक्टर सेवा सिंह के नेतृत्व में एक जांच टीम का गठन किया गया.

उन्होंने बताया कि टीम को इस मामले में पहली सफलता उस 6 जनवरी 2023 को हाथ लगी थी, जब पुलिस टीम ने नासिक से एक आरोपी चेतन को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने आरोपी से मामले में पूछताछ की और जांच को आगे बढ़ाया. एसपी ने बताया कि आरोपी चेतन से पूछताछ में ठगी के इस मामले में दो अन्य लोगों की संलिप्तता पाई गई. आरोपी से मिली जानकारी के बाद पुलिस टीम एक बार फिर इंस्पेक्टर सेवा सिंह की अगुवाई में 23 जनवरी को महाराष्ट्र के मुंबई के लिए रवाना हुई.

यहां पहुंचकर पुलिस ने प्रीतम रवि कुमार सैनी से नवी मुंबई में पूछताछ की, जिसने बताया कि इस अपराध में अरविंद कुशवाह नाम का व्यक्ति भी शामिल है. प्रीतम से प्राप्त जानकारी के बाद सिरमौर पुलिस टीम तुरंत मुंबई से मध्य प्रदेश के भोपाल के लिए रवाना हुई. जहां अरविंद कुशवाह से भी पूछताछ की गई और आरोपी के इस ठगी के मामले में संबंध के साक्ष्य भी पुलिस को मिले. इसके बाद गत दिवस 3 फरवरी को पुलिस टीम ने इन दोनों आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया, जिन्हें अदालत में पेश किया जा रहा है.

एसपी ने बताया कि पुलिस ने अब तक मामले में तीन आरोपियों 21 वर्षीय चेतन निवासी मरीमाता गेट भीमनगर, ओमार नासिक महाराष्ट्र, 31 वर्षीय प्रीतम पुत्र रवि कुमार निवासी विहाईद पावर हाउस सिद्धार्थ नगर, जिला वर्धा महाराष्ट्र और 33 वर्षीय अरविंद कुशवाह निवासी मकान नंबर 7, साई राम कॉलोनी सेमरा गेट चदावरा तहसील, जिला हजुर भोपाल मध्य प्रदेश को गिरफ्तार किया है. उन्होंने बताया कि मामले में अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता भी पाई जा रही हैं, जिन्हें दबोचने के लिए पुलिस पूरे प्रयास कर रही है.

अजनबी से शेयर न करें कोई भी जानकारी- एसपी ने कहा कि यह मामला 19 लाख रुपये की ठगी का था, जिसमें शिकायतकर्ता ने स्वयं फोन पर अपने बैंक खातों की जानकारी आरोपियों से सांझा की थी. लिहाजा उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि वह अपनी किसी भी तरह की जानकारी खासकर फोन पर किसी भी अजनबी से शेयर न करें, अन्यथा ठगी का शिकार हो सकते हैं. उन्होंने मामले को सुलझाने में कामयाबी हासिल करने वाले पुलिस टीम की भी प्रशंसा की है. उन्होंने बताया कि उक्त पुलिस टीम को इसके लिए प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया गया है.

ठगों ने ऐसे दिया था ठगी को अंजाम- पुलिस के अनुसार 4 मार्च 2021 को तहसील नाहन गांव चौंरिया के निवासी लाजिंद्र दत्त ने पुलिस थाना नाहन में इस संबंध में शिकायत दर्ज करवाई थी. शिकायत में लाजिंद्र दत्त ने पुलिस को बताया था कि 2 मार्च को उसके मोबाइल नंबर पर बैंक मैनेजर के नाम से फोन आया कि उनका पीएनबी का एटीएम कार्ड ब्लाक हो रहा है. इसे चालू रखने के लिए अपना आधार कार्ड नंबर बताएं, जिस पर शिकायतकर्ता ने काॅलर को अपना आधार कार्ड नंबर बता दिया.

इसके बाद काॅलर ने खाता नंबर और फिर एटीएम कार्ड का नंबर मांगा. तत्पश्चात काॅलर ने शिकायतकर्ता को नॉमिनी बनाने के लिए किसी अन्य कार्ड होल्डर का खता नंबर भी सांझा करने की बात कही. इसके बाद फोन करने वाले व्यक्ति ने शिकायतकर्ता को कहा कि वह अपनी पत्नी के मोबाइल से फोन करे और उस पर एक मैसेज आएगा. इसके बाद शिकायतकर्ता की पत्नी के मोबाइल पर ओटीपी नंबर आया, जो उन्होंने काॅलर को बता दिया.

इसके बाद देखते ही देखते उनकी पत्नी के खाते से 25000 रुपये की राशि कट गई. काॅलर से पैसे कटने का कारण पूछने पर उसने बताया कि यह पैसे वापिस आ जाएंगे. कुछ समय बाद काॅलर का दोबारा से फोन आया और कहा कि उनके खाते में नॉमिनी उनकी पत्नी नहीं है और उन्हें दोबारा से ओटीपी आया है, उसे बताएं. इसके बाद शिकायतकर्ता ने दोबारा से ओटीपी सांझा किया. फिर क्या था, उसके खाते से फिर 35000 रुपये कट गए. कारण पूछने पर काॅलर ने शिकायतकर्ता को बताया कि यह सर्वर प्रॉब्लम है और 24 घंटे के अंदर पैसे वापिस आ जाएंगे.

अकाउंट से उड़े 19,03,376 रुपये- शिकायकर्ता ने पुलिस को बताया कि अगले दिन सुबह एक बार फिर उसे फोन आया कि उनकी पत्नी के पैसे वापिस कर रहा हूं और इनका नॉमिनी एक्टिवेट नहीं हुआ है. लिहाजा कोई दूसरा एटीएम बताओ. इसके बाद शिकायतकर्ता ने काॅलर को अपना एसबीआई के खाते की डिटेल बता दी. इस पर उनके खाते से 50000 रुपये की राशि निकाल ली गई. ऐसे करते हुए उनके खातों से कुल 19,03,376 रुपये निकाल लिए गए. शिकायत पर पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था. कुल मिलाकर पुलिस ने एक बार फिर साबित कर दिया कि कानून के हाथ लंबे होते हैं. बेशक समय लगता है, लेकिन अपराध करने वाला आरोपी कभी न कभी पुलिस के शिकंजे में आ ही जाता है.

ये भी पढ़ें: सिरमौर में भूतपूर्व सैनिक से 14 लाख की ठगी का आरोपी गिरफ्तार, सैनिक से साथ ऐसे हुआ था फ्रॉड

नाहन: सिरमौर पुलिस ने मार्च 2021 में 19 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी के मामले में दो और आरोपियों को महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से पकड़ने में कामयाबी हासिल की है. पुलिस ने इस मामले में अभी तक हार नहीं मानी है और मामले को सुलझाने में ऐडी चोटी का जोर लगा दिया है. जिससे पुलिस को लगातार सफलता हाथ लग रही है. मामले में पुलिस अब तक 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.

शनिवार शाम मीडिया को जानकारी देते हुए एसपी सिरमौर रमन कुमार मीणा ने बताया कि इस मामले में शिकायतकर्ता ने स्वयं मोबाइल पर अपने बैंक खातों की जानकारी आरोपियों से सांझा की थी. उन्होंने बताया कि 4 मार्च 2021 को लाजिंद्र दत्त जो नाहन के गांव चौंरिया के निवासी हैं, उन्होंने इस संबंध में पुलिस थाना में करीब 19 लाख रुपये की ठगी की शिकायत दर्ज करवाई थी. इसके बाद मामले की जांच के लिए इंस्पेक्टर सेवा सिंह के नेतृत्व में एक जांच टीम का गठन किया गया.

उन्होंने बताया कि टीम को इस मामले में पहली सफलता उस 6 जनवरी 2023 को हाथ लगी थी, जब पुलिस टीम ने नासिक से एक आरोपी चेतन को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने आरोपी से मामले में पूछताछ की और जांच को आगे बढ़ाया. एसपी ने बताया कि आरोपी चेतन से पूछताछ में ठगी के इस मामले में दो अन्य लोगों की संलिप्तता पाई गई. आरोपी से मिली जानकारी के बाद पुलिस टीम एक बार फिर इंस्पेक्टर सेवा सिंह की अगुवाई में 23 जनवरी को महाराष्ट्र के मुंबई के लिए रवाना हुई.

यहां पहुंचकर पुलिस ने प्रीतम रवि कुमार सैनी से नवी मुंबई में पूछताछ की, जिसने बताया कि इस अपराध में अरविंद कुशवाह नाम का व्यक्ति भी शामिल है. प्रीतम से प्राप्त जानकारी के बाद सिरमौर पुलिस टीम तुरंत मुंबई से मध्य प्रदेश के भोपाल के लिए रवाना हुई. जहां अरविंद कुशवाह से भी पूछताछ की गई और आरोपी के इस ठगी के मामले में संबंध के साक्ष्य भी पुलिस को मिले. इसके बाद गत दिवस 3 फरवरी को पुलिस टीम ने इन दोनों आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया, जिन्हें अदालत में पेश किया जा रहा है.

एसपी ने बताया कि पुलिस ने अब तक मामले में तीन आरोपियों 21 वर्षीय चेतन निवासी मरीमाता गेट भीमनगर, ओमार नासिक महाराष्ट्र, 31 वर्षीय प्रीतम पुत्र रवि कुमार निवासी विहाईद पावर हाउस सिद्धार्थ नगर, जिला वर्धा महाराष्ट्र और 33 वर्षीय अरविंद कुशवाह निवासी मकान नंबर 7, साई राम कॉलोनी सेमरा गेट चदावरा तहसील, जिला हजुर भोपाल मध्य प्रदेश को गिरफ्तार किया है. उन्होंने बताया कि मामले में अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता भी पाई जा रही हैं, जिन्हें दबोचने के लिए पुलिस पूरे प्रयास कर रही है.

अजनबी से शेयर न करें कोई भी जानकारी- एसपी ने कहा कि यह मामला 19 लाख रुपये की ठगी का था, जिसमें शिकायतकर्ता ने स्वयं फोन पर अपने बैंक खातों की जानकारी आरोपियों से सांझा की थी. लिहाजा उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि वह अपनी किसी भी तरह की जानकारी खासकर फोन पर किसी भी अजनबी से शेयर न करें, अन्यथा ठगी का शिकार हो सकते हैं. उन्होंने मामले को सुलझाने में कामयाबी हासिल करने वाले पुलिस टीम की भी प्रशंसा की है. उन्होंने बताया कि उक्त पुलिस टीम को इसके लिए प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया गया है.

ठगों ने ऐसे दिया था ठगी को अंजाम- पुलिस के अनुसार 4 मार्च 2021 को तहसील नाहन गांव चौंरिया के निवासी लाजिंद्र दत्त ने पुलिस थाना नाहन में इस संबंध में शिकायत दर्ज करवाई थी. शिकायत में लाजिंद्र दत्त ने पुलिस को बताया था कि 2 मार्च को उसके मोबाइल नंबर पर बैंक मैनेजर के नाम से फोन आया कि उनका पीएनबी का एटीएम कार्ड ब्लाक हो रहा है. इसे चालू रखने के लिए अपना आधार कार्ड नंबर बताएं, जिस पर शिकायतकर्ता ने काॅलर को अपना आधार कार्ड नंबर बता दिया.

इसके बाद काॅलर ने खाता नंबर और फिर एटीएम कार्ड का नंबर मांगा. तत्पश्चात काॅलर ने शिकायतकर्ता को नॉमिनी बनाने के लिए किसी अन्य कार्ड होल्डर का खता नंबर भी सांझा करने की बात कही. इसके बाद फोन करने वाले व्यक्ति ने शिकायतकर्ता को कहा कि वह अपनी पत्नी के मोबाइल से फोन करे और उस पर एक मैसेज आएगा. इसके बाद शिकायतकर्ता की पत्नी के मोबाइल पर ओटीपी नंबर आया, जो उन्होंने काॅलर को बता दिया.

इसके बाद देखते ही देखते उनकी पत्नी के खाते से 25000 रुपये की राशि कट गई. काॅलर से पैसे कटने का कारण पूछने पर उसने बताया कि यह पैसे वापिस आ जाएंगे. कुछ समय बाद काॅलर का दोबारा से फोन आया और कहा कि उनके खाते में नॉमिनी उनकी पत्नी नहीं है और उन्हें दोबारा से ओटीपी आया है, उसे बताएं. इसके बाद शिकायतकर्ता ने दोबारा से ओटीपी सांझा किया. फिर क्या था, उसके खाते से फिर 35000 रुपये कट गए. कारण पूछने पर काॅलर ने शिकायतकर्ता को बताया कि यह सर्वर प्रॉब्लम है और 24 घंटे के अंदर पैसे वापिस आ जाएंगे.

अकाउंट से उड़े 19,03,376 रुपये- शिकायकर्ता ने पुलिस को बताया कि अगले दिन सुबह एक बार फिर उसे फोन आया कि उनकी पत्नी के पैसे वापिस कर रहा हूं और इनका नॉमिनी एक्टिवेट नहीं हुआ है. लिहाजा कोई दूसरा एटीएम बताओ. इसके बाद शिकायतकर्ता ने काॅलर को अपना एसबीआई के खाते की डिटेल बता दी. इस पर उनके खाते से 50000 रुपये की राशि निकाल ली गई. ऐसे करते हुए उनके खातों से कुल 19,03,376 रुपये निकाल लिए गए. शिकायत पर पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था. कुल मिलाकर पुलिस ने एक बार फिर साबित कर दिया कि कानून के हाथ लंबे होते हैं. बेशक समय लगता है, लेकिन अपराध करने वाला आरोपी कभी न कभी पुलिस के शिकंजे में आ ही जाता है.

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