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हिमाचल में 23 साल की उम्र में पार्षद बनी श्रुति, कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी के तौर पर राजनीति में एंट्री

शहरी निकाय के चुनाव में श्रुति चौहान ने नाहन नगर परिषद के वार्ड नंबर-4 से जीत दर्ज की है. चुनाव में इस युवा चेहरे ने 327 मत लेकर भाजपा समर्थित प्रत्याशी तुलसा कश्यप को 28 मतों से पटखनी देकर यह मुकाम हासिल किया है.

Shruti ward councilor at the age of 23 in Himachal, हिमाचल में 23 साल की उम्र में पार्षद बनी श्रुति
हिमाचल में 23 साल की उम्र में पार्षद बनी श्रुति
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Published : Jan 11, 2021, 4:59 PM IST

नाहन: हिमाचल प्रदेश में महज 23 साल की उम्र में श्रुति चौहान पार्षद चुनकर आई है. शहरी निकाय के चुनाव में श्रुति चौहान ने नाहन नगर परिषद के वार्ड नंबर-4 से जीत दर्ज की है. चुनाव में इस युवा चेहरे ने 327 मत लेकर भाजपा समर्थित प्रत्याशी तुलसा कश्यप को 28 मतों से पटखनी देकर यह मुकाम हासिल किया है.

दरअसल 25 अगस्त 1997 को नाहन निवासी ललित कुमार व मीना देवी के घर में जन्मी श्रुति ने कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी के तौर पर राजनीति में एंट्री की है. वह पहली बार राजनीति में उतरीं और विजयश्री हासिल की.

श्रुति चौहान अभी स्नातक अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रही हैं

हालांकि स्पष्ट तौर पर तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन नगर निकाय चुनाव में श्रुति प्रदेश में सबसे कम उम्र की पार्षद हो सकती हैं. श्रुति चौहान अभी स्नातक अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रही हैं. हालांकि कॉलेज में वह एनएसयूआई की समर्थक जरूर रहीं, लेकिन उन्होंने एनएसयूआई में कभी भी सक्रिय कार्यकर्ता के तौर पर हिस्सा नहीं लिया.

नाहन में मीडिया से बातचीत में श्रुति चौहान ने बताया कि वह अभी ग्रेजुएशन कर रही हैं और अंतिम वर्ष के नतीजों का इंतजार है. उन्होंने कहा कि वह राजनीति में आने का शौक रखती थीं और आज इसी का परिणाम है कि वह विजयी हुई हैं.

विश्वास जताने पर आभार भी व्यक्त किया

श्रुति ने मतदाताओं के साथ-साथ कांग्रेस का भी उन पर विश्वास जताने पर आभार भी व्यक्त किया. श्रुति ने कहा कि परिवार का भी उन्हें इस कार्य के साथ-साथ हमेशा से सहयोग मिलता आया है. उन्होंने कहा कि वह वार्ड के विकास के लिए बहुत कुछ करना चाहती है.

वीडियो रिपोर्ट.

लिहाजा जनता ने जिस तरह से अभी सहयोग किया है, आगे भी मिलता रहे. युवाओं को संदेश देते हुए श्रुति ने कहा कि युवा बेहद कुछ कर सकते हैं. लिहाजा सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करें.

'बेटी लोगों की सेवा में बेहतर कार्य करेगी'

श्रुति की जीत पर उनका परिवार भी बेहद खुश है और श्रुति के उज्जवल भविष्य की कामना कर रहा है. श्रुति की छोटी बहन अवंतिका ने कहा कि अपनी बहन की जीत पर वह बेहद खुश है और उनकी बहन को जीताने के लिए वह वार्ड के सभी लोगों का दिल की गहराइयों से आभार व्यक्त करते हैं. वहीं, श्रुति की माता मीना देवी ने कहा कि सभी के सहयोग से उनकी बेटी ने विजयश्री हासिल की है. उम्मीद है कि बेटी लोगों की सेवा में बेहतर कार्य करेगी.

Shruti ward councilor at the age of 23 in Himachal, हिमाचल में 23 साल की उम्र में पार्षद बनी श्रुति
हिमाचल में 23 साल की उम्र में पार्षद बनी श्रुति

प्रदेश में सबसे कम उम्र की पार्षद हो सकती हैं

बता दें कि पंचायतीराज चुनाव में प्रदेश में सबसे कम उम्र की प्रधान बनने का गौरव मंडी जिले के सराज क्षेत्र के तहत आने वाली थरजून पंचायत के केलोधार गांव की रहने वाली जबना चौहान को प्राप्त है. 2016 में जबना चैहान थरजून पंचायत से बतौर पंचायत प्रधान चुनकर आईं थीं. उस वक्त जबना की उम्र 22 साल थी. अब नगर निकाय चुनाव में महज श्रुति 23 साल की उम्र में पार्षद बनी हैं, जो प्रदेश में सबसे कम उम्र की पार्षद हो सकती हैं.

नाहन: हिमाचल प्रदेश में महज 23 साल की उम्र में श्रुति चौहान पार्षद चुनकर आई है. शहरी निकाय के चुनाव में श्रुति चौहान ने नाहन नगर परिषद के वार्ड नंबर-4 से जीत दर्ज की है. चुनाव में इस युवा चेहरे ने 327 मत लेकर भाजपा समर्थित प्रत्याशी तुलसा कश्यप को 28 मतों से पटखनी देकर यह मुकाम हासिल किया है.

दरअसल 25 अगस्त 1997 को नाहन निवासी ललित कुमार व मीना देवी के घर में जन्मी श्रुति ने कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी के तौर पर राजनीति में एंट्री की है. वह पहली बार राजनीति में उतरीं और विजयश्री हासिल की.

श्रुति चौहान अभी स्नातक अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रही हैं

हालांकि स्पष्ट तौर पर तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन नगर निकाय चुनाव में श्रुति प्रदेश में सबसे कम उम्र की पार्षद हो सकती हैं. श्रुति चौहान अभी स्नातक अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रही हैं. हालांकि कॉलेज में वह एनएसयूआई की समर्थक जरूर रहीं, लेकिन उन्होंने एनएसयूआई में कभी भी सक्रिय कार्यकर्ता के तौर पर हिस्सा नहीं लिया.

नाहन में मीडिया से बातचीत में श्रुति चौहान ने बताया कि वह अभी ग्रेजुएशन कर रही हैं और अंतिम वर्ष के नतीजों का इंतजार है. उन्होंने कहा कि वह राजनीति में आने का शौक रखती थीं और आज इसी का परिणाम है कि वह विजयी हुई हैं.

विश्वास जताने पर आभार भी व्यक्त किया

श्रुति ने मतदाताओं के साथ-साथ कांग्रेस का भी उन पर विश्वास जताने पर आभार भी व्यक्त किया. श्रुति ने कहा कि परिवार का भी उन्हें इस कार्य के साथ-साथ हमेशा से सहयोग मिलता आया है. उन्होंने कहा कि वह वार्ड के विकास के लिए बहुत कुछ करना चाहती है.

वीडियो रिपोर्ट.

लिहाजा जनता ने जिस तरह से अभी सहयोग किया है, आगे भी मिलता रहे. युवाओं को संदेश देते हुए श्रुति ने कहा कि युवा बेहद कुछ कर सकते हैं. लिहाजा सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करें.

'बेटी लोगों की सेवा में बेहतर कार्य करेगी'

श्रुति की जीत पर उनका परिवार भी बेहद खुश है और श्रुति के उज्जवल भविष्य की कामना कर रहा है. श्रुति की छोटी बहन अवंतिका ने कहा कि अपनी बहन की जीत पर वह बेहद खुश है और उनकी बहन को जीताने के लिए वह वार्ड के सभी लोगों का दिल की गहराइयों से आभार व्यक्त करते हैं. वहीं, श्रुति की माता मीना देवी ने कहा कि सभी के सहयोग से उनकी बेटी ने विजयश्री हासिल की है. उम्मीद है कि बेटी लोगों की सेवा में बेहतर कार्य करेगी.

Shruti ward councilor at the age of 23 in Himachal, हिमाचल में 23 साल की उम्र में पार्षद बनी श्रुति
हिमाचल में 23 साल की उम्र में पार्षद बनी श्रुति

प्रदेश में सबसे कम उम्र की पार्षद हो सकती हैं

बता दें कि पंचायतीराज चुनाव में प्रदेश में सबसे कम उम्र की प्रधान बनने का गौरव मंडी जिले के सराज क्षेत्र के तहत आने वाली थरजून पंचायत के केलोधार गांव की रहने वाली जबना चौहान को प्राप्त है. 2016 में जबना चैहान थरजून पंचायत से बतौर पंचायत प्रधान चुनकर आईं थीं. उस वक्त जबना की उम्र 22 साल थी. अब नगर निकाय चुनाव में महज श्रुति 23 साल की उम्र में पार्षद बनी हैं, जो प्रदेश में सबसे कम उम्र की पार्षद हो सकती हैं.

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