नाहन: देश की सबसे पुरानी नगर परिषदों (Nahan Municipal Council Meeting) में शुमार नाहन नगर परिषद के तहत लंबे समय से किराये का भुगतान न करने वालों दुकानदारों को जल्दी ही अपनी दुकानें खाली करनी पड़ सकती है. शुक्रवार को नगर परिषद की मासिक बैठक आयोजित की गई, जिसमें शहर के विकास कार्यों पर चर्चा के साथ-साथ कई अहम निर्णय भी लिए गए. बैठक में सबसे महत्वपूर्ण फैसला लंबे समय से नगर परिषद की दुकानों के किराये का भुगतान न करने वाले दुकानदारों पर लिया गया.
नगर परिषद प्रशासन के अनुसार करीब 80 लाख रुपया दुकानदारों पर (Shops Under Nahan Municipal Council) लंबित है. काफी लंबे समय से नगर परिषद के लाखों रुपए के किराये पर कुंडली जमाए बैठे संबंधित दुकानदारों के खिलाफ नगर परिषद एक्शन मोड में आ गई है. नगर परिषद ने फैसला लिया है कि अब जहां लंबित किराये के भुगतान को लेकर मामले तहसीलदार रिकवरी को भेजे जाएंगे, तो वहीं लंबित किराये की अदायगी न करने वाली दुकानों को भी खाली करवाया जाएगा.
इसके साथ-साथ नगर परिषद शहर के बीचों बीच स्थित ऐतिहासिक रानीताल बाग (Ranital Bagh Nahan) के रखरखाव हेतू भी इसे ठेके पर देने की तैयारी कर रही है. नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी संजय तोमर ने बताया कि रानीताल बाग को लेकर एक आवेदन मिला है, जिसके तहत यहां नर्सरी, झूले आदि लगाए जाएंगे. बोटिंग का कार्य भी यहां सुचारू रूप से चलाया जाएगा. बाग के रखरखाव की जिम्मेदारी ठेकेदार की होगी, जिसकी एवज में नगर परिषद को सालाना डेढ़ लाख रुपए ठेकेदार द्वारा दिए जाएंगे. लिहाजा फैसला लिया गया है कि संबंधित ठेकेदारों को इस बारे विस्तृत रूप से डीपीआर तैयार करने के लिए कहा गया है. इसके बाद ही यह कार्य सौंपा जाएगा.
उन्होंने कहा कि नगर परिषद में सफाई निरीक्षक का पद काफी समय से रिक्त चल (Sanitary inspector Post in Nahan Municipal Council) रहा है, जिसकी वजह से सफाई व्यवस्था को लेकर दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि सीएलसी के तौर पर सफाई निरीक्षक की नियुक्ति की जाए. संजय तोमर ने बताया कि इसके अलावा नगर परिषद ने यह भी निर्णय लिया है कि शहर में जिन दुकानदारों ने नगर परिषद के किराये का भुगतान नहीं किया है, उनके मामले रिकवरी को भेजे जाएं और संबंधित दुकानों को खाली करवाने का प्रोसेस भी तेज किया जाएगा.