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IPH विभाग सोया चैन की नींद! खुले में शौच करने को मजबूर स्कूली छात्राएं

सिरमौर के शिलाई के टिटियाना राजकीय प्राथमिक विद्यालय की छात्राएं खुले में शौच करने को मजबूर है. आईपीएच विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही के आगे स्कूल प्रबंधन और छात्राओं का काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

Schoolgirls have to defecate in the open due to the negligence of iph in sirmour
खुले में शौच करने को मजबूर स्कूली छात्राएं
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Published : Dec 5, 2019, 10:31 AM IST

पांवटा साहिब: एक ओर सरकार स्वच्छ भारत और खुले में शौच मुक्त भारत का सपना देख रही है, वहीं जिला सिरमौर के शिलाई के टिटियाना राजकीय प्राथमिक विद्यालय की छात्राएं खुले में शौच करने को मजबूर हैं.

राजकीय प्राथमिक विद्यालय के छात्र और छात्राओं की स्थिति बड़ी दयनीय होती जा रही है. शौचालयों में गंदगी होने की वजह से छात्र-छात्राएं शौच के लिए बाहर जाने को मजबूर हैं. पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए विद्यालय के पास पानी की टंकी रखी गई है, लेकिन उसमें पानी नहीं आ रहा है. वहीं, आईपीएस विभाग गहरी नींद में सोया हुआ है.

वीडियो रिपोर्ट.

बता दें कि 5 महीनों से खराब बड़ी पाइपलाइन को ठीक कराने के लिए कई बार शिकायत की गई, लेकिन अधिकारियों ने इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया.है स्कूल की एक छात्रा ने बताया कि काफी समय से स्कूली छात्राएं पानी की बूंद-बूंद के लिए मोहताज हो रही हैं. हालांकि स्कूल के प्रधानाचार्य काफी दूर से पीने का पानी मंगवा देते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें खुले में शौच करना पड़ता है.

स्कूली छात्राओं का कहना है कि प्रधानमंत्री खुले में शौच मुक्त करने का दावा करते हैं. केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' की बात कर रही है पर बेटियों को खुले आसमान के नीचे शौच करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: विधायक जीतराम कटवाल ने सलवाड़ पंचायत भवन का किया लोकार्पण

स्कूल के प्रधानाचार्य चमेल सिंह ने बताया कि छात्राओं की इस समस्या के समाधान के लिए कई बार आईपीएच विभाग के कर्मचारियों को लिखित रूप में शिकायत भी दी गई है, लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है. चमेल सिंह ने ईटीवी भारत के माध्यम से विभाग के कर्मचारियों से आग्रह किया है कि विद्यालय में जल्द से जल्द पानी पहुंचाया जाए ताकि यहां की बेटियों को कोई समस्या दोबारा उत्पन्न ना हो.

पांवटा साहिब: एक ओर सरकार स्वच्छ भारत और खुले में शौच मुक्त भारत का सपना देख रही है, वहीं जिला सिरमौर के शिलाई के टिटियाना राजकीय प्राथमिक विद्यालय की छात्राएं खुले में शौच करने को मजबूर हैं.

राजकीय प्राथमिक विद्यालय के छात्र और छात्राओं की स्थिति बड़ी दयनीय होती जा रही है. शौचालयों में गंदगी होने की वजह से छात्र-छात्राएं शौच के लिए बाहर जाने को मजबूर हैं. पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए विद्यालय के पास पानी की टंकी रखी गई है, लेकिन उसमें पानी नहीं आ रहा है. वहीं, आईपीएस विभाग गहरी नींद में सोया हुआ है.

वीडियो रिपोर्ट.

बता दें कि 5 महीनों से खराब बड़ी पाइपलाइन को ठीक कराने के लिए कई बार शिकायत की गई, लेकिन अधिकारियों ने इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया.है स्कूल की एक छात्रा ने बताया कि काफी समय से स्कूली छात्राएं पानी की बूंद-बूंद के लिए मोहताज हो रही हैं. हालांकि स्कूल के प्रधानाचार्य काफी दूर से पीने का पानी मंगवा देते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें खुले में शौच करना पड़ता है.

स्कूली छात्राओं का कहना है कि प्रधानमंत्री खुले में शौच मुक्त करने का दावा करते हैं. केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' की बात कर रही है पर बेटियों को खुले आसमान के नीचे शौच करना पड़ रहा है.

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स्कूल के प्रधानाचार्य चमेल सिंह ने बताया कि छात्राओं की इस समस्या के समाधान के लिए कई बार आईपीएच विभाग के कर्मचारियों को लिखित रूप में शिकायत भी दी गई है, लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है. चमेल सिंह ने ईटीवी भारत के माध्यम से विभाग के कर्मचारियों से आग्रह किया है कि विद्यालय में जल्द से जल्द पानी पहुंचाया जाए ताकि यहां की बेटियों को कोई समस्या दोबारा उत्पन्न ना हो.

Intro:खुले में शौच करने को मजबूर स्कूली छात्राएं नहीं हो रहा कोई समाधान आईपीएच विभाग गहरी नींद में सोया छात्राओं ने आईपीएच विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करने की कही बात सकूल में पीने के पानी के लिए भी छात्र और छात्राएं मोहताजBody:
जिला सिरमौर उपमंडल शिलाई का सबसे दुर्गम गांव टिटियाना राजकीय प्राथमिक विद्यालय के शौचालय गंदगी से पटे होने की वजह से छात्र, छात्राएं शौच के लिए बाहर जाने को मज़बूर हैं
राजकीय प्राथमिक विद्यालय के छात्र और छात्राओं की स्थिति बड़ी दयनीय है। विद्यालय के शौचालय गंदगी से पटे पड़े हैं, शौचालयों में गंदगी होने की वजह से छात्र-छात्राएं शौच के लिए बाहर जाने को मजबूर हैं। पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए विद्यालय के पास पानी की टंकी रखी गई है पर उसमें पेयजल नहीं आ रहा है आईपीएस विभाग गहरी नींद में सोया हुआ है इसलिए पानी के लिए भी छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कभी-कभी तो छात्रों को पीने के पानी के लिए गांव में जाना पड़ता है। 5 महीनों से खराब बड़ी पाइपलाइन को सही कराने के लिए कई बार शिकायत की गई लेकिन अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।

क्या कहा स्कूली छात्राओं ने

स्कूली छात्राओं ने अर्चना बताया कि आईपीएच विभाग गहरी नींद में सोया हुआ है पिछले 5 महीने से स्कूली छात्राएं पानी की बूंद-बूंद के लिए मोहताज हो रही है हालांकि स्कूल के प्रधानाचार्य काफी दूर से पीने का पानी मंगवा देते हैं लेकिन शौचालय के लिये तो आज भी हमें बाहर जाना पड़ रहा है जहां केंद्र के मुखिया खुले में शौच मुक्त करने का दावा कर रही है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की बात कर रही है पर बेटियों को खुले आसमान के नीचे शौच करना पड़ रहा है यहां के प्रशासन और नेताओं को हमारी विकराल समस्या नजर नहीं आ रही है लेकिन हम हर रोज ऐसे समस्याएं झेल रहे हैं स्कूल की छात्राओं ने कहा कि इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द किया जाए अन्यथा छात्राओं का सब्र का बांध टूट कर सड़कों पर भी आ सकता है और प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की जाती है कविता शर्मा ने बताया कि स्कूल की बिल्डिंग चका चौक है शौचालय भी बहुत सुंदर बनाए गए हैं लेकिन पानी ना आने की वजह से खुले आसमान के नीचे बेटियों को शौच करने जाना पड़ रहा है हमारे स्कूल के बारे में भी थोड़ा ध्यान दीजिए

प्रधानाचार्य चमेल सिंह ने बताया कि छात्राओं की इस समस्या का समाधान के लिए कई बार आईपीएच विभाग के कर्मचारियों को लिखित रूप में शिकायत भी दी गई है लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है उन्होंने भी विभाग के कर्मचारियों से आग्रह किया है कि विद्यालय में जल्द से जल्द पानी पहुंचाया जाए ताकि यहां की बेटियों को कोई समस्या दोबारा उत्पन्न ना हो


Conclusion:प्रधानाचार्य चमेल सिंह ने बताया कि अब एसएमसी की मीटिंग में आईपीएस विभाग को प्रस्ताव लिखा जाएगा और इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान करने के आदेश भी दिए जाएंगे ताकि समस्याएं दूर हो सके
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