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रेणुका लॉयन सफारी में 90 के दशक में दहाड़ते थे 29 शेर, आज पड़ी है वीरान

नाहन की रेणुका लॉयन सफारी में एक समय पर 29 शेर हुआ करते थे लेकिन आज हालात ऐसे हो गए हैं कि यहां एक भी शेर नहीं बचा है. हालांकि राज्य सरकार शेरों को यहां लाने के लिए इंतजाम कर रही है. वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि सफारी के हालात सुधारने की हर कोशिश की जा रही है.

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Published : Mar 22, 2021, 3:10 PM IST

Updated : Mar 22, 2021, 3:31 PM IST

नाहन: साल 1975 में राजस्थान के जूनागढ़ से रेणुका लॉयन सफारी में शेरों का एक जोड़ा लाया गया था. फिर 90 के दशक में यहां शेरों की संख्या 29 हो गई, लेकिन अब सफारी में एक शेर भी नहीं है.

रेणुका लॉयन सफारी में पहले 29 शेर हुआ करते थे, लेकिन बीमारी की वजह से शेरों की मौत होना शुरू हो गई. शेरों को कांगड़ा के गोपालपुर जू ट्रांसफर भी किया गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. अब स्थिति ऐसी है कि सफारी में कुत्तों और बंदरों के अलावा कुछ देखने को नहीं मिलता.

लॉयन सफारी देखने पहुंचे पर्यटक को हाथ लगी निराशा

लॉयन सफारी देखने पहुंचे पर्यटक का कहना है कि शेर के नाम पर उन्हें यहां निराशा ही हाथ लगी है. पर्यटक ने बताया कि उन्हें यहां भालू ही देखने को मिले. वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले यहां शेरों की संख्या ठीक थी पर अब हालात खराब हैं. स्थानीयों ने मांग उठाई कि लॉयन सफारी को सुधारने का काम कया जाए ताकि यहां पर पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सके.

वीडियो रिपोर्ट

सुधारने की कोशिशें जारी- पठानिया

प्रदेश के वन मंत्री राकेश पठानिया का कहना है कि शेरों की एक जोड़ी का चयन कर लिया गया है, लेकिन उनके लिए किस तरह का वातावर्ण ठीक रहेगा उसके इंतजाम में परेशानी आ रही है. इसके अलावा उनके ट्रांसपोर्ट में भी दिक्कत आ रही है. हालांकि मंत्री ने आश्वासन दिया कि सफारी सुधार के लिए हर कोशिश की जा रही है.

ये भी पढ़े: एक बार फिर बर्फ से गुलजार हुई कुल्लू की वादियां, जलोड़ी दर्रे पर आवाजाही बंद

नाहन: साल 1975 में राजस्थान के जूनागढ़ से रेणुका लॉयन सफारी में शेरों का एक जोड़ा लाया गया था. फिर 90 के दशक में यहां शेरों की संख्या 29 हो गई, लेकिन अब सफारी में एक शेर भी नहीं है.

रेणुका लॉयन सफारी में पहले 29 शेर हुआ करते थे, लेकिन बीमारी की वजह से शेरों की मौत होना शुरू हो गई. शेरों को कांगड़ा के गोपालपुर जू ट्रांसफर भी किया गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. अब स्थिति ऐसी है कि सफारी में कुत्तों और बंदरों के अलावा कुछ देखने को नहीं मिलता.

लॉयन सफारी देखने पहुंचे पर्यटक को हाथ लगी निराशा

लॉयन सफारी देखने पहुंचे पर्यटक का कहना है कि शेर के नाम पर उन्हें यहां निराशा ही हाथ लगी है. पर्यटक ने बताया कि उन्हें यहां भालू ही देखने को मिले. वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले यहां शेरों की संख्या ठीक थी पर अब हालात खराब हैं. स्थानीयों ने मांग उठाई कि लॉयन सफारी को सुधारने का काम कया जाए ताकि यहां पर पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सके.

वीडियो रिपोर्ट

सुधारने की कोशिशें जारी- पठानिया

प्रदेश के वन मंत्री राकेश पठानिया का कहना है कि शेरों की एक जोड़ी का चयन कर लिया गया है, लेकिन उनके लिए किस तरह का वातावर्ण ठीक रहेगा उसके इंतजाम में परेशानी आ रही है. इसके अलावा उनके ट्रांसपोर्ट में भी दिक्कत आ रही है. हालांकि मंत्री ने आश्वासन दिया कि सफारी सुधार के लिए हर कोशिश की जा रही है.

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Last Updated : Mar 22, 2021, 3:31 PM IST
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