नाहन: मनरेगा कार्यों के लिए ऑनलाइन हाजिरी का प्रावधान किए जाने के फैसले के खिलाफ जनप्रतिनिधि लामबंद हो रहे हैं. सरकार के इस फैसले से जनप्रतिनिधि खुश नहीं हैं. जनप्रतिनिधियों का मानना है कि मनरेगा कार्यों में ऑनलाइन हाजिरी, पंचायत स्तर पर होने वाले विकास कार्यों में बड़ा रोड़ा बनेगी. ऐसे में वह सरकार से तुरंत इन आदेशों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इस सिलसिले में ग्राम पंचायत प्रधान यूनियन नाहन का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को जिला मुख्यालय नाहन में डीसी सिरमौर राम कुमार गौतम से मिला.
दर्जनों जनप्रतिनिधियों ने डीसी सिरमौर के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को ज्ञापन भेजा, और ऑनलाइन हाजिरी से पेश आनी वाली समस्याओं से अवगत करवाते हुए तुरंत प्रभाव से इन आदेशों को वापस लेने की गुहार लगाई है. यूनियन के अध्यक्ष एवं ग्राम पंचायत आमवाला-सैनवाला के प्रधान संदीपक तोमर ने कहा कि हाल ही में सरकार ने मनरेगा कार्यो में ऑनलाइन हाजिरी लगाने का जो फैसला लिया है, उससे विकास कार्यों में न केवल देरी बल्कि कई तरह की परेशानियों का भी सामना करना पड़ेगा. (online attendance for MGNREGA)
उन्होंने कहा कि सिरमौर जिले की ही बात करें तो तकरीबन 60 प्रतिशत पंचायत दुर्गम क्षेत्रों में हैं, जहां पर मोबाइल सिग्नल की काफी दिक्कत है. ऐसे में विकास कार्य भी बाधित होंगे. यही नहीं बहुत से जनप्रतिनिधि अधिक शिक्षित भी नहीं है, ऐसे में ऑनलाइन हाजिरी जनप्रतिनिधियों के लिए भी परेशानी का सबब बनेगी. वर्तमान में चल रहे विकास कार्यों के लिए जो सीमेंट आया है, वह भी खराब होने का अंदेशा है. पंचायत में वार्ड भी काफी-काफी दूरी पर होते हैं, ऐसे में वार्ड सदस्यों के लिए भी ऑनलाइन हाजिरी कार्य करना बेहद मुश्किल है.
उन्होंने कहा कि कार्यों पर ऑनलाइन हाजिरी विकास कार्यों में बड़ा रोड़ा बनेगी. यूनियन ने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि तुरंत प्रभाव से इन आदेशों को वापस लिया जाए. प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न ग्राम पंचायत के प्रधान, उपप्रधान व वार्ड सदस्य शामिल हैं, जिन्होंने एक स्वर में इन आदेशों को तुरंत प्रभाव से वापस लेने की सरकार से गुहार लगाई. (Pradhan Union Nahan)
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