शिमला: कई दशकों से पौंग बांध के 10 हजार से अधिक प्रभावित परिवार आज भी विस्थापन का दंश झेल रहे हैं. विस्थापितों ने हिमाचल, राजस्थान सरकार और केंद्र से लेकर अदालत तक उन्हें बसाने की गुहार लगा चुके हैं.होशियार सिंह अब विस्थापितों की समस्या को लेकर पौंग बांध के विस्थापित को लेकर 20 फरवरी को हिमाचल और राजस्थान के उच्च अधिकारियों के बीच एक बैठक होने जा रही है. पौंग बांध के विस्थापित परिवार सरकारों से लेकर कोर्ट तक का दरवाजा खट्खटा चुके हैं, लेकिन उन्हें अभी तक कोई राहत नहीं मिली है. राजस्थान और हिमाचल सरकारों के बीच समझौते के अनुसार इन उजड़े परिवारों को 1966 में ही बसाने के समझौता हुआ है, लेकिन बाद में राजस्थान सरकार की नीयत बदली और इन विस्थापितों के लिए चयनित जगह को राजस्थान के लोगों में बांट दिया. अब बचे हुए 10 हजार से अधिक परिवारों को पाकिस्तान की सीमा पर बसाने के लिए जगह ढूंढी जा रही है.
अब तक नहीं बसाये गए पौंग बांध के प्रभावित 10 हजार परिवार, इस दिन होगी हिमाचल व राजस्थान के उच्च अधिकारियों की बैठक
पौंग बांध के 10 हजार से अधिक प्रभावित परिवार आज भी विस्थापन का दंश झेल रहे हैं. विस्थापितों ने हिमाचल, राजस्थान सरकार और केंद्र से लेकर अदालत तक उन्हें बसाने की गुहार लगा चुके हैं.
शिमला: कई दशकों से पौंग बांध के 10 हजार से अधिक प्रभावित परिवार आज भी विस्थापन का दंश झेल रहे हैं. विस्थापितों ने हिमाचल, राजस्थान सरकार और केंद्र से लेकर अदालत तक उन्हें बसाने की गुहार लगा चुके हैं.होशियार सिंह अब विस्थापितों की समस्या को लेकर पौंग बांध के विस्थापित को लेकर 20 फरवरी को हिमाचल और राजस्थान के उच्च अधिकारियों के बीच एक बैठक होने जा रही है. पौंग बांध के विस्थापित परिवार सरकारों से लेकर कोर्ट तक का दरवाजा खट्खटा चुके हैं, लेकिन उन्हें अभी तक कोई राहत नहीं मिली है. राजस्थान और हिमाचल सरकारों के बीच समझौते के अनुसार इन उजड़े परिवारों को 1966 में ही बसाने के समझौता हुआ है, लेकिन बाद में राजस्थान सरकार की नीयत बदली और इन विस्थापितों के लिए चयनित जगह को राजस्थान के लोगों में बांट दिया. अब बचे हुए 10 हजार से अधिक परिवारों को पाकिस्तान की सीमा पर बसाने के लिए जगह ढूंढी जा रही है.
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