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बरसों की परंपरा आज भी कायम, पूर्णिमा पर गुरु नगरी पांवटा साहिब में सजा कवि दरबार - himachal pradesh news

पांवटा साहिब में शनिवार और रविवार शाम सात बजे शुरू होकर देर रात तक चले कवि दरबार में न केवल हिमाचल प्रदेश बल्कि बाहरी राज्यों से भी कवि पहुंचे. कोविड-19 के चलते इस बार करीब 8 माह बाद बाहरी राज्यों के कवियों ने कवि दरबार में शिरकत की है. कोविड के चलते 8 माह बाद कवि दरबार में पहुंचे बाहरी राज्यों के कविगुरु गोबिंद सिंह जी ने 334 साल पहले शुरू की थी. कवि दरबार की परंपरा पांवटा साहिब गुरुद्वारा में हर पूर्णिमा को सजता है.

Poet court decorated in Guru Nagari Paonta Sahib on Purnima
फोटो.
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Published : Nov 1, 2020, 9:40 PM IST

पांवटा साहिब: गुरु नगरी पांवटा साहिब गुरुद्वारा में पूर्णिमा के अवसर पर कवि दरबार का आयोजन किया गया. शनिवार और रविवार शाम सात बजे शुरू होकर देर रात तक चले कवि दरबार में न केवल हिमाचल प्रदेश बल्कि बाहरी राज्यों से भी कवि पहुंचे.

कोविड-19 के चलते इस बार करीब 8 माह बाद बाहरी राज्यों के कवियों ने कवि दरबार में शिरकत की है. कोविड के चलते 8 माह बाद कवि दरबार में पहुंचे बाहरी राज्यों के कविगुरु गोबिंद सिंह जी ने 334 साल पहले शुरू की थी. कवि दरबार की परंपरा पांवटा साहिब गुरुद्वारा में हर पूर्णिमा को सजता है.

वीडियो.

दो दिनों के लिये कवि दरबार गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी इस आयोजन को करवाती है. कवि दरबार का आयोजन गुरु गोबिंद सिंह जी अपने 52 कवियों के साथ सजाते थे. गुरु नगरी पांवटा साहिब में सिखों के दसवें गुरु गुरुगोबिंद सिंह द्वारा कवि दरबार की परंपरा आज भी कायम है.

Poet court decorated in Guru Nagari Paonta Sahib on Purnima
फोटो.

इस बार कवि दरबार में बड़ी संख्या में कवि पहुंचे और अपनी अपनी भाषाओं में यहां अपनी कविताएं सुनाई. कवियों ने इस बात पर खुशी जताई कि सिख गुरु गुरु गोबिंद सिंह द्वारा शुरू की गई परंपरा बखूबी निभाई जा रही है.

कवियों ने बताया कि कोविड के चलते कवि दरबार का आयोजन नहीं हो पा रहा था. मगर एक बार फिर कभी दरबार दोबारा शुरू होने से वह बेहद खुश हैं.

पांवटा साहिब: गुरु नगरी पांवटा साहिब गुरुद्वारा में पूर्णिमा के अवसर पर कवि दरबार का आयोजन किया गया. शनिवार और रविवार शाम सात बजे शुरू होकर देर रात तक चले कवि दरबार में न केवल हिमाचल प्रदेश बल्कि बाहरी राज्यों से भी कवि पहुंचे.

कोविड-19 के चलते इस बार करीब 8 माह बाद बाहरी राज्यों के कवियों ने कवि दरबार में शिरकत की है. कोविड के चलते 8 माह बाद कवि दरबार में पहुंचे बाहरी राज्यों के कविगुरु गोबिंद सिंह जी ने 334 साल पहले शुरू की थी. कवि दरबार की परंपरा पांवटा साहिब गुरुद्वारा में हर पूर्णिमा को सजता है.

वीडियो.

दो दिनों के लिये कवि दरबार गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी इस आयोजन को करवाती है. कवि दरबार का आयोजन गुरु गोबिंद सिंह जी अपने 52 कवियों के साथ सजाते थे. गुरु नगरी पांवटा साहिब में सिखों के दसवें गुरु गुरुगोबिंद सिंह द्वारा कवि दरबार की परंपरा आज भी कायम है.

Poet court decorated in Guru Nagari Paonta Sahib on Purnima
फोटो.

इस बार कवि दरबार में बड़ी संख्या में कवि पहुंचे और अपनी अपनी भाषाओं में यहां अपनी कविताएं सुनाई. कवियों ने इस बात पर खुशी जताई कि सिख गुरु गुरु गोबिंद सिंह द्वारा शुरू की गई परंपरा बखूबी निभाई जा रही है.

कवियों ने बताया कि कोविड के चलते कवि दरबार का आयोजन नहीं हो पा रहा था. मगर एक बार फिर कभी दरबार दोबारा शुरू होने से वह बेहद खुश हैं.

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