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8 से 10 फीट बर्फ में जान पर खेलकर चूड़धार पहुंच रहे श्रद्धालु, अधिकारिक तौर पर यात्रा अभी बंद

भारी बर्फबारी के बीच श्रद्धालु शिरगुल महाराज के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे चूड़धार. अधिकारिक तौर पर यात्रा पर पाबंदी.

चूड़धार पहुंच रहे श्रद्धालु
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Published : Apr 8, 2019, 2:11 PM IST

नाहन: आस्था की जो तस्वीरें आज हम आपको दिखाने जा रहे हैं, उसे देखकर आप हैरान जरूर होंगे. तस्वीरें शिरगुल स्थली चूड़धार की है, जहां भारी बर्फबारी के बीच श्रद्धालु शिरगुल महाराज के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं.

Pilgrims came Churdhar temple

दरअसल आस्था की ये तस्वीरें करीब साढ़े 11 हजार की ऊंचाई पर स्थित शिरगुल स्थली चूड़धार की हैं, जो इस समय करीब 8 से 10 फीट बर्फबारी से ढका है. नवरात्रों के दौरान श्रद्धालु भारी बर्फबारी के बीच यहां शिरगुल महाराज के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं.

तस्वीरों में साफ-साफ देखा जा सकता है कि कैसे श्रद्धालु जान जोखिम में डाल देवदर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं. हालांकि अभी मंदिर के कपाट नहीं खुले हैं और अधिकारिक तौर पर यात्रा पर भी पाबंदी है, बावजूद इसके श्रद्धालु यहां शिरगुल महाराज के दर्शन के लिए अलग-अलग राज्यों से पहुंच रहे हैं.

शिरगुल महाराज मंदिर अभी भी पूरी तरह से बर्फ से ढका हुआ है. मुख्य मंदिर तक पहुंचने के लिए गुफा बनाई गई है. गुफा के सहारे ही पुजारी आश्रम से मंदिर तक पूजा-पाठ करने के लिए पहुंचते हैं. चूड़धार मंदिर के मुख्य पुजारी ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि अभी चूड़धार यात्रा पर न आएं. उनका कहना है कि चूड़धार में पानी की भयंकर किल्लत चल रही है वो खुद बर्फ को पिघलाकर पानी पी रहे हैं.

नाहन: आस्था की जो तस्वीरें आज हम आपको दिखाने जा रहे हैं, उसे देखकर आप हैरान जरूर होंगे. तस्वीरें शिरगुल स्थली चूड़धार की है, जहां भारी बर्फबारी के बीच श्रद्धालु शिरगुल महाराज के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं.

Pilgrims came Churdhar temple

दरअसल आस्था की ये तस्वीरें करीब साढ़े 11 हजार की ऊंचाई पर स्थित शिरगुल स्थली चूड़धार की हैं, जो इस समय करीब 8 से 10 फीट बर्फबारी से ढका है. नवरात्रों के दौरान श्रद्धालु भारी बर्फबारी के बीच यहां शिरगुल महाराज के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं.

तस्वीरों में साफ-साफ देखा जा सकता है कि कैसे श्रद्धालु जान जोखिम में डाल देवदर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं. हालांकि अभी मंदिर के कपाट नहीं खुले हैं और अधिकारिक तौर पर यात्रा पर भी पाबंदी है, बावजूद इसके श्रद्धालु यहां शिरगुल महाराज के दर्शन के लिए अलग-अलग राज्यों से पहुंच रहे हैं.

शिरगुल महाराज मंदिर अभी भी पूरी तरह से बर्फ से ढका हुआ है. मुख्य मंदिर तक पहुंचने के लिए गुफा बनाई गई है. गुफा के सहारे ही पुजारी आश्रम से मंदिर तक पूजा-पाठ करने के लिए पहुंचते हैं. चूड़धार मंदिर के मुख्य पुजारी ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि अभी चूड़धार यात्रा पर न आएं. उनका कहना है कि चूड़धार में पानी की भयंकर किल्लत चल रही है वो खुद बर्फ को पिघलाकर पानी पी रहे हैं.

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आस्था..10 फ़ीट बर्फबारी के बीच देवदर्शन

नवरात्र में बर्फबारी के बीच चूडधार पहुँच रहे श्रद्धालु

चूडधार में गिरी है से 10 फीट बर्फ

हिमाचल के अलावा बाहरी राज्यों से भी पहुंचे श्रद्धालु

श्रद्धालुओं के लिए नही खुले है मंदिर के कपाट

तीर्थस्थली पर पानी की  भी भयंकर किल्लत,

नाहन। आस्था की जो तस्वीरें आज हम आपको दिखाने जा रहे हैं, उसे देखकर आप हैरान जरूर होंगे। तस्वीरें 

शिरगुल स्थली चूड़धार की है, जहां भारी बर्फबारी के बीच श्रद्धालु शिरगुल महाराज की दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।

दरअसल आस्था की यह तस्वीरें करीब साढ़े 11 हजार की ऊँचाई पर स्तिथ शिरगुल स्थली चूडधार की है, जो इस समय करीब से 10 फीट बर्फबारी से ढकी है। नवरात्रों के दौरान श्रद्धालु भारी बर्फबारी के बीच यहां शिरगुल महाराज के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। तस्वीरों में साफ-साफ देखा जा सकता है कि कैसे श्रद्धालु जान जोखिम में डाल सफर कर रहे है। आस्था का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि श्रद्धालु बिना किसी बात की परवाह किए इन परिस्थितियों में देव दर्शन के लिए पहुंच रहे है।

बाईट- श्रद्धालु

कुछ ऐसे भी श्रद्धालु है, जो चूड़धार नहीं पहुंच पा रहे हैं और बीच रास्ते से ही वापस लौट रहे है। उनका कहना है कि सफर परेशानियों से 12वां खतरे से खाली नहीं है। ऐसे में सोच समझ कर ही आगे निकले।

बाईट- श्रद्धालु

हालांकि अभी मंदिर के कपाट नहीं खुले हैं और आधिकारिक तौर पर जोरदार यात्रा पर भी अभी पाबंदी है। बावजूद इसके श्रद्धालु यहां शिरगुल महाराज  के दर्शन के लिए अलग-अलग राज्यों से पहुंच रहे है। शिरगुल महाराज मंदिर अभी बर्फ से ढका हुआ है। मुख्य मंदिर तक पहुंचने के लिए पुजारी द्वारा गुफा बनाई गई है, जिसके बाद पुजारी आश्रम से मंदिर तक पहुंच कर पूजा कर पाते है। चूडधार मंदिर के मुख्य पुजारी ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि अभी चूड़धार यात्रा पर ना आए। उनका कहना है कि चूड़धार में पानी की भयंकर किल्लत चल रही है वो खुद बर्फ  को पिघलाकर पानी पी रहे है।

बाईट- स्वामी कमलानंद मुख्य पुजारी चूड़धार मंदिर

कुल मिलाकर ऊंची ऊंची पहाड़ी पर बर्फबारी के बीच सफर करना निसंदेह परेशानियों भरा है। ऐसे में कहा जा सकता है कि आस्था के आगे सब कुछ बोना है।

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