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सिरमौर के लोगों को खूब भा रहे प्राकृतिक रंग, हाथों हाथ हो रही बिक्री

सिरमौर प्रशासन के अगुवाई में जिला भर में स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित प्राकृतिक वस्तुओं से तैयार ईको फ्रेंडली होली के रंग लोगों को खूब भा रहे हैं. इस कार्य के लिए डीसी सिरमौर डॉ. आर.के. परूथी ने भी जिलावासियों को बधाई दी है. डीसी सिरमौर डॉ. आर.के. परूथी ने कहा कि मेड-इन-सिरमौर प्रोडक्ट के तहत जिला प्रशासन ने होली के त्यौहार के लिए महिलाओं द्वारा तैयार किए गए रंगों की शुरू की थी.

PEOPLE BUYING NATURAL COLORS FOR HOLI CELEBRATIONS IN SIRMAUR
सिरमौर के लोगों को खूब भा रहे प्राकृतिक रंग
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Published : Mar 27, 2021, 5:19 PM IST

नाहनः सिरमौर प्रशासन के अगुवाई में जिला भर में स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित प्राकृतिक वस्तुओं से तैयार ईको फ्रेंडली होली के रंग लोगों को खूब भा रहे हैं. यही वजह है कि जिला भर में महिला समूहों द्वारा तैयार किए गए 1 हजार रंगों के पैकेट हाथों हाथ बिक गए हैं. लिहाजा उत्साहित महिलाएं फिर से यह रंग तैयार करने में जुट गई हैं. इन्हें रविवार से बिक्री के लिए उपलब्ध करवाया जाएगा.

मेड-इन-सिरमौर प्रोडक्ट की भारी मांग

इस काम के लिए डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने भी जिलावासियों को बधाई दी है. डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने कहा कि मेड-इन-सिरमौर प्रोडक्ट के तहत जिला प्रशासन ने होली के त्यौहार के लिए महिलाओं द्वारा तैयार किए गए रंगों की शुरू की थी.

वीडियो.

हालांकि कोरोना की वजह से सामाजिक तौर पर होली मनाने पर मनाही है, लेकिन परिवार के बीच परंपरा को निभाया जा सकता है. मार्किट में मिलने वाले केमिकल युक्त रंग शरीर पर विपरीत असर डालते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए स्वयं सहायता समूहों ने होली के प्राकृतिक रंग तैयार किए हैं.

डीसी ने जिलावासियों को दी बधाई

डीसी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासन ने प्रयास किया था कि होली के लिए एक हजार रंगों के पैकेट तैयार किए जाएं, लेकिन यह कम साबित हुए और लगभग सभी पैकेट जिलावासियों द्वारा खरीदे जा चुके हैं, जिसके लिए जिलावासी बधाई के पात्र है. जिला के सभी 6 विकास खंडों में रंगों से 30 हजार रूपए की मोटे तौर पर इनकम हुई है.

इससे महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरणा मिली है. उन्होंने बताया कि रविवार को नाहन चौगान में भी इन रंगों का स्टाॅल लगाया जाएगा. इसके अलावा पच्छाद में शी-हाट के अतिरिक्त सभी हिमईरा शाप्स पर इन्हें उपलब्ध करवाया गया है.

पढ़ेंः- नहीं बच पाया झुंड से भटका हिमालयन आइबैक्स, जख्मी और बीमार होने के कारण हुई मौत

बता दें कि जिला के 6 विकास खंडों के 30 स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा प्राकृतिक सामग्री से होली के रंग तैयार किए गए है. यह रंग अरारोट, मक्की व मैदा इत्यादि के आटे को आधार रखते हुए बनाए गए है.

इनमें रंग लाने के लिए पालक, चुकंदर, गुलाब, गेंदे के फूलों सहित फूड कलर इत्यादि का इस्तेमाल किया गया है. प्रशासन के अनुसार यह रंग बिलकुल सुरक्षित हैं. लिहाजा इन प्राकृतिक रंगों की जिला भर में खूब डिमांड देखी जा रही है और लोग इन्हें हाथों हाथ खरीद रहे हैं.

पढ़ें- MC चुनाव निपटते ही मंडी सीट पर अचानक होगा धमाका, खुशाल ठाकुर और अजय जम्वाल के नाम का शोर

नाहनः सिरमौर प्रशासन के अगुवाई में जिला भर में स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित प्राकृतिक वस्तुओं से तैयार ईको फ्रेंडली होली के रंग लोगों को खूब भा रहे हैं. यही वजह है कि जिला भर में महिला समूहों द्वारा तैयार किए गए 1 हजार रंगों के पैकेट हाथों हाथ बिक गए हैं. लिहाजा उत्साहित महिलाएं फिर से यह रंग तैयार करने में जुट गई हैं. इन्हें रविवार से बिक्री के लिए उपलब्ध करवाया जाएगा.

मेड-इन-सिरमौर प्रोडक्ट की भारी मांग

इस काम के लिए डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने भी जिलावासियों को बधाई दी है. डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने कहा कि मेड-इन-सिरमौर प्रोडक्ट के तहत जिला प्रशासन ने होली के त्यौहार के लिए महिलाओं द्वारा तैयार किए गए रंगों की शुरू की थी.

वीडियो.

हालांकि कोरोना की वजह से सामाजिक तौर पर होली मनाने पर मनाही है, लेकिन परिवार के बीच परंपरा को निभाया जा सकता है. मार्किट में मिलने वाले केमिकल युक्त रंग शरीर पर विपरीत असर डालते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए स्वयं सहायता समूहों ने होली के प्राकृतिक रंग तैयार किए हैं.

डीसी ने जिलावासियों को दी बधाई

डीसी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासन ने प्रयास किया था कि होली के लिए एक हजार रंगों के पैकेट तैयार किए जाएं, लेकिन यह कम साबित हुए और लगभग सभी पैकेट जिलावासियों द्वारा खरीदे जा चुके हैं, जिसके लिए जिलावासी बधाई के पात्र है. जिला के सभी 6 विकास खंडों में रंगों से 30 हजार रूपए की मोटे तौर पर इनकम हुई है.

इससे महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरणा मिली है. उन्होंने बताया कि रविवार को नाहन चौगान में भी इन रंगों का स्टाॅल लगाया जाएगा. इसके अलावा पच्छाद में शी-हाट के अतिरिक्त सभी हिमईरा शाप्स पर इन्हें उपलब्ध करवाया गया है.

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बता दें कि जिला के 6 विकास खंडों के 30 स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा प्राकृतिक सामग्री से होली के रंग तैयार किए गए है. यह रंग अरारोट, मक्की व मैदा इत्यादि के आटे को आधार रखते हुए बनाए गए है.

इनमें रंग लाने के लिए पालक, चुकंदर, गुलाब, गेंदे के फूलों सहित फूड कलर इत्यादि का इस्तेमाल किया गया है. प्रशासन के अनुसार यह रंग बिलकुल सुरक्षित हैं. लिहाजा इन प्राकृतिक रंगों की जिला भर में खूब डिमांड देखी जा रही है और लोग इन्हें हाथों हाथ खरीद रहे हैं.

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