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हिमाचल विधानसभा चुनाव में एकमात्र मुस्लिम प्रत्याशी, जानिए कहां से लड़ रहे हैं चुनाव

हिमाचल में विधानसभा चुनाव लड़ रहे 412 प्रत्याशियों में से एक चेहरा मुस्लिम समुदाय से भी जुड़ा है. 34 वर्षीय इस व्यक्ति का नाम रमजान, पुत्र राशिद मोहम्मद है. यह सिरमौर जिले की पांवटा साहिब तहसील के मेलियों गांव के रहने वाले हैं. (Muslim candidate in Himachal assembly election). बता दें कि रमजाम नाहन विधानसभा क्षेत्र से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं. बड़ी बात यह है कि इस सीट से बीजेपी के फायरब्रांड दिग्गज नेता डॉ. राजीव बिंदल तीसरी मर्तबा यहां से जीत की हैट्रिक लगाने के लिए चुनावी मैदान में उतरे हैं. जबकि यहां से कांग्रेस ने दूसरी बार अजय सोलंकी के नाम पर दांव खेला है. पढे़ं पूरी खबर...

हिमाचल विधानसभा चुनान में एकमात्र मुस्लिम प्रत्याशी
हिमाचल विधानसभा चुनान में एकमात्र मुस्लिम प्रत्याशी
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Published : Nov 1, 2022, 12:36 PM IST

Updated : Nov 1, 2022, 5:42 PM IST

नाहन: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Himachal assembly election 2022) का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. बीजेपी व कांग्रेस दोनों ही प्रमुख दलों के स्टार प्रचारकों के साथ-साथ प्रदेश से जुड़े नेता भी अपने-अपने प्रत्याशियों के लिए धुंआधार प्रचार कर रहे है. प्रदेश के 68 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी सहित अन्य दलों समेत निर्दलीय प्रत्याशियों के तौर पर करीब 412 प्रत्याशी 16वीं विधानसभा की दहलीज को पार कर अपने-अपने क्षेत्र से विधायक बनने का आंखों में सपना लिए चुनावी मैदान में उतरे हैं.

चुनावी प्रचार के बीच इस बार एक दिलचस्प पहलू यह देखने को मिला है. 68 विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे 412 प्रत्याशियों में से एक चेहरा मुस्लिम समुदाय से भी जुड़ा है. 34 वर्षीय इस व्यक्ति का नाम रमजान, पुत्र राशिद मोहम्मद है. यह सिरमौर जिले की पांवटा साहिब तहसील के मेलियों गांव के रहने वाले हैं. (Muslim candidate in Himachal assembly election). बता दें कि रमजाम नाहन विधानसभा क्षेत्र से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं.

बड़ी बात यह है कि इस सीट से बीजेपी के फायरब्रांड दिग्गज नेता डॉ. राजीव बिंदल तीसरी मर्तबा यहां से जीत की हैट्रिक लगाने के लिए चुनावी मैदान में उतरे हैं. जबकि यहां से कांग्रेस ने दूसरी बार अजय सोलंकी के नाम पर दांव खेला है. वहीं आम आदमी पार्टी ने अंतरराष्ट्रीय अल्ट्रा मैराथन धावक सुनील शर्मा को चुनावी दंगल में उतारा है. इनके साथ-साथ रमजान भी चुनावी मैदान में उतरे हैं. यह अलग बात है कि नाहन में कांग्रेस व भाजपा के बीच ही कांटे की टक्कर मानी जा रही है. नाहन विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाता भी अच्छी खासी संख्या में है. जानकारी के अनुसार 18 से 20 हजार मतदाता मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखते है. जिला मुख्यालय नाहन सहित माजरा, मिश्रवाला में मुस्लिम वोट काफी संख्या में है.

कितनी संपत्ति के मालिक हैं रमजान: चुनाव के लिए निर्वाचन विभाग को दिए एफिडेविट के मुताबिक निर्दलीय प्रत्याशी रमजान पर कोई भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं है. उनके पास 2 लाख 80 हजार की नकदी है. जबकि बैंक खाते में 2500 रुपये जमा है. इनके पास 2012 मॉडल की एक स्विफ्ट डिजायर कार है, जिसे इन्होंने 2018 में 3 लाख 70 हजार रुपये में खरीदा था. इसके अलावा रमजान के पास 2010 मॉडल का एक ट्रक भी है, जिसे 2020 में इन्होंने 8 लाख रुपये में खरीदा था.

निर्दलीय प्रत्याशी रमजान के पास कुल 14 लाख रुपये की चल और 26 लाख रुपये की अचल संपति के मालिक है. रमजान पर 1 लाख 30 हजार रुपये की देनदारी है. दूसरी तरफ उनकी पत्नी के पास 5600 रुपये नकद है. वहीं वह 2 लाख 60 हजार रुपये कीमत वाले 56 ग्राम सोने व चांदी की 560 ग्राम की मालिक है, जिसकी कीमत करीब 36 हजार है. रमजान की पत्नी कुल 3 लाख 1 हजार 600 रुपये चल संपति की मालिक है.

प्रदेश में 2 मुस्लिम प्रत्याशियों ने भरे थे नामांकन: प्रदेश में खासकर सिरमौर व चंबा जिलों में कई मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है. इसके अलावा भी कई जिलों में अच्छी खासी संख्या में मुस्लिम तबका है. बावजूद इसके किसी भी राष्ट्रीय राजनैतिक दल ने मुस्लिम व्यक्ति को टिकट नहीं दिया. हालांकि सिरमौर जिले के नाहन व पांवटा साहिब से क्रमशः 1-1 प्रत्याशी ने चुनाव के लिए अपने नामांकन पत्र दाखिल किए थे, लेकिन पांवटा साहिब से बतौर आजाद प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे शमशेर अली ने अंतिम दिन अपना नामांकन वापस ले लिया. जबकि नाहन सीट से रमजान मैदान में डटे हैं. बता दें कि नाहन सीट से प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष इकबाल मोहम्मद ने भी कांग्रेस पार्टी के टिकट के लिए आवेदन किया था, जो उन्हें नहीं दिया गया.

क्या है नाहन सीट के जातीय समीकरण: जानकारों की मानें तो सिरमौर की सबसे हॉट माने जाने वाली नाहन सीट में अगड़ी व पिछड़ी जातियों का जातिगत संतुलन उम्मीदवार के भविष्य की दशा तय करता है. हरियाणा से सटे इस सीमावर्ती विधानसभा क्षेत्र में अल्पसंख्यक व ओबीसी वोट भी डिसाइडिंग फैक्टर है. पिछले 2 विधानसभा चुनाव के परिणाम पर नजर दौड़ाई जाए, तो भाजपा के प्रत्याशी डॉ. राजीव बिंदल ने अगड़ी जातियों के साथ-साथ एससी, ओबीसी व अल्पसंख्यक वर्ग में सेंध लगाकर इस सीट को अपनी झोली में डाला है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में युवा वोटर तय करेंगे किसकी बनेगी सरकार, 40 वर्ष से कम आयु के हैं 45 फीसदी Voter

नाहन: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Himachal assembly election 2022) का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. बीजेपी व कांग्रेस दोनों ही प्रमुख दलों के स्टार प्रचारकों के साथ-साथ प्रदेश से जुड़े नेता भी अपने-अपने प्रत्याशियों के लिए धुंआधार प्रचार कर रहे है. प्रदेश के 68 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी सहित अन्य दलों समेत निर्दलीय प्रत्याशियों के तौर पर करीब 412 प्रत्याशी 16वीं विधानसभा की दहलीज को पार कर अपने-अपने क्षेत्र से विधायक बनने का आंखों में सपना लिए चुनावी मैदान में उतरे हैं.

चुनावी प्रचार के बीच इस बार एक दिलचस्प पहलू यह देखने को मिला है. 68 विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे 412 प्रत्याशियों में से एक चेहरा मुस्लिम समुदाय से भी जुड़ा है. 34 वर्षीय इस व्यक्ति का नाम रमजान, पुत्र राशिद मोहम्मद है. यह सिरमौर जिले की पांवटा साहिब तहसील के मेलियों गांव के रहने वाले हैं. (Muslim candidate in Himachal assembly election). बता दें कि रमजाम नाहन विधानसभा क्षेत्र से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं.

बड़ी बात यह है कि इस सीट से बीजेपी के फायरब्रांड दिग्गज नेता डॉ. राजीव बिंदल तीसरी मर्तबा यहां से जीत की हैट्रिक लगाने के लिए चुनावी मैदान में उतरे हैं. जबकि यहां से कांग्रेस ने दूसरी बार अजय सोलंकी के नाम पर दांव खेला है. वहीं आम आदमी पार्टी ने अंतरराष्ट्रीय अल्ट्रा मैराथन धावक सुनील शर्मा को चुनावी दंगल में उतारा है. इनके साथ-साथ रमजान भी चुनावी मैदान में उतरे हैं. यह अलग बात है कि नाहन में कांग्रेस व भाजपा के बीच ही कांटे की टक्कर मानी जा रही है. नाहन विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाता भी अच्छी खासी संख्या में है. जानकारी के अनुसार 18 से 20 हजार मतदाता मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखते है. जिला मुख्यालय नाहन सहित माजरा, मिश्रवाला में मुस्लिम वोट काफी संख्या में है.

कितनी संपत्ति के मालिक हैं रमजान: चुनाव के लिए निर्वाचन विभाग को दिए एफिडेविट के मुताबिक निर्दलीय प्रत्याशी रमजान पर कोई भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं है. उनके पास 2 लाख 80 हजार की नकदी है. जबकि बैंक खाते में 2500 रुपये जमा है. इनके पास 2012 मॉडल की एक स्विफ्ट डिजायर कार है, जिसे इन्होंने 2018 में 3 लाख 70 हजार रुपये में खरीदा था. इसके अलावा रमजान के पास 2010 मॉडल का एक ट्रक भी है, जिसे 2020 में इन्होंने 8 लाख रुपये में खरीदा था.

निर्दलीय प्रत्याशी रमजान के पास कुल 14 लाख रुपये की चल और 26 लाख रुपये की अचल संपति के मालिक है. रमजान पर 1 लाख 30 हजार रुपये की देनदारी है. दूसरी तरफ उनकी पत्नी के पास 5600 रुपये नकद है. वहीं वह 2 लाख 60 हजार रुपये कीमत वाले 56 ग्राम सोने व चांदी की 560 ग्राम की मालिक है, जिसकी कीमत करीब 36 हजार है. रमजान की पत्नी कुल 3 लाख 1 हजार 600 रुपये चल संपति की मालिक है.

प्रदेश में 2 मुस्लिम प्रत्याशियों ने भरे थे नामांकन: प्रदेश में खासकर सिरमौर व चंबा जिलों में कई मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है. इसके अलावा भी कई जिलों में अच्छी खासी संख्या में मुस्लिम तबका है. बावजूद इसके किसी भी राष्ट्रीय राजनैतिक दल ने मुस्लिम व्यक्ति को टिकट नहीं दिया. हालांकि सिरमौर जिले के नाहन व पांवटा साहिब से क्रमशः 1-1 प्रत्याशी ने चुनाव के लिए अपने नामांकन पत्र दाखिल किए थे, लेकिन पांवटा साहिब से बतौर आजाद प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे शमशेर अली ने अंतिम दिन अपना नामांकन वापस ले लिया. जबकि नाहन सीट से रमजान मैदान में डटे हैं. बता दें कि नाहन सीट से प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष इकबाल मोहम्मद ने भी कांग्रेस पार्टी के टिकट के लिए आवेदन किया था, जो उन्हें नहीं दिया गया.

क्या है नाहन सीट के जातीय समीकरण: जानकारों की मानें तो सिरमौर की सबसे हॉट माने जाने वाली नाहन सीट में अगड़ी व पिछड़ी जातियों का जातिगत संतुलन उम्मीदवार के भविष्य की दशा तय करता है. हरियाणा से सटे इस सीमावर्ती विधानसभा क्षेत्र में अल्पसंख्यक व ओबीसी वोट भी डिसाइडिंग फैक्टर है. पिछले 2 विधानसभा चुनाव के परिणाम पर नजर दौड़ाई जाए, तो भाजपा के प्रत्याशी डॉ. राजीव बिंदल ने अगड़ी जातियों के साथ-साथ एससी, ओबीसी व अल्पसंख्यक वर्ग में सेंध लगाकर इस सीट को अपनी झोली में डाला है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में युवा वोटर तय करेंगे किसकी बनेगी सरकार, 40 वर्ष से कम आयु के हैं 45 फीसदी Voter

Last Updated : Nov 1, 2022, 5:42 PM IST
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