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यहां किसानों को दिया गया प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण, सरकार ने तैयार की अनुदान योजनाएं - किसानों को लाभ

राजगढ़ किसान योजना के तहत दो दिवसीय किसान प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. प्रशिक्षण शिविर में 25 किसानों ने भाग लिया और किसानों को प्रशिक्षण के प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए. किसानों का कहना था कि अब वह रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशक दवाइयों का इस्तेमाल पूरी तरह से कम कर देंगे.

किसानों को प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण
किसानों को प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण
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Published : Oct 24, 2020, 5:33 PM IST

सिरमौर: राजगढ़ विकास खंड के गढोल गांव में सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत दो दिवसीय किसान प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. ये आयोजन कृषि विभाग की ओर से लगाया गया.

25 किसानों को प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण

इस शिविर में कृषि विभाग की और से आये मोहित कुमार, हिमेंद्र कुमार, कुलदीप कुमार ने किसानों को देसी गाय के गोबर और गौ मूत्र से जीवा मृत, घन जीवामृत, बिजामृत, ब्रहास्त्र, दश्पर्णी अर्क, कडू अस्त्र, साप्त धान्य अर्क आदि बनाने का प्रशिक्षण गिया गया. इसका इस्तेमाल किसान रासायनिक उर्वरकों एवं कीट नाशक दवाइयों के स्थान पर कर सकते हैं.

इसका फलों एवं सब्जियों पर कब कब कितनी कितनी मात्रा में इस्तेमाल होगा, इस बारे में किसानों को विस्तार से बताया गया. इसके साथ साथ किसानों को यह भी जानकारी दी गई कि सरकार की ओर से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों के लिए अनेक अनुदान योजनाएं तैयार की गई है. किसानों को इसका भी भरपूर लाभ उठाना चाहिए.

प्रशिक्षण शिविर में 25 किसानों ने भाग लिया और किसानों को प्रशिक्षण के प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए. किसानों का कहना था कि अब वह रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशक दवाइयों का इस्तेमाल पूरी तरह से कम कर देंगे. इसको करने से ही किसानों को हजारों रुपये का लाभ होगा. इससे पहले उनको फसलों से बेहतर उत्पादन लेने के लिए हजारों रुपये तो रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशक दवाइयों पर खर्च करना पड़ता था.

ये भी पढ़ें- सिरमौर सुपर लीग चैंपियनशिप का समापन, ऊर्जा मंत्री व ऋषि धवन रहे मुख्य अतिथि

सिरमौर: राजगढ़ विकास खंड के गढोल गांव में सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत दो दिवसीय किसान प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. ये आयोजन कृषि विभाग की ओर से लगाया गया.

25 किसानों को प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण

इस शिविर में कृषि विभाग की और से आये मोहित कुमार, हिमेंद्र कुमार, कुलदीप कुमार ने किसानों को देसी गाय के गोबर और गौ मूत्र से जीवा मृत, घन जीवामृत, बिजामृत, ब्रहास्त्र, दश्पर्णी अर्क, कडू अस्त्र, साप्त धान्य अर्क आदि बनाने का प्रशिक्षण गिया गया. इसका इस्तेमाल किसान रासायनिक उर्वरकों एवं कीट नाशक दवाइयों के स्थान पर कर सकते हैं.

इसका फलों एवं सब्जियों पर कब कब कितनी कितनी मात्रा में इस्तेमाल होगा, इस बारे में किसानों को विस्तार से बताया गया. इसके साथ साथ किसानों को यह भी जानकारी दी गई कि सरकार की ओर से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों के लिए अनेक अनुदान योजनाएं तैयार की गई है. किसानों को इसका भी भरपूर लाभ उठाना चाहिए.

प्रशिक्षण शिविर में 25 किसानों ने भाग लिया और किसानों को प्रशिक्षण के प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए. किसानों का कहना था कि अब वह रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशक दवाइयों का इस्तेमाल पूरी तरह से कम कर देंगे. इसको करने से ही किसानों को हजारों रुपये का लाभ होगा. इससे पहले उनको फसलों से बेहतर उत्पादन लेने के लिए हजारों रुपये तो रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशक दवाइयों पर खर्च करना पड़ता था.

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