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चमोली में लापता डीजीएम के भाई ने उठाए रेस्क्यू ऑपरेशन पर सवाल, कार्य तेजी से करने की मांग

उत्तराखंड के चमोली में आई त्रासदी में हिमाचल के भी कई लोग लापता हैं. लापता लोगों की तलाश के लिए लगातार हर संभव प्रयास किए जा रहें हैं. हालांकि, कुछ लोगों ने बचाव कार्य पर सवाल उठाए हैं. आपदा में लापता लोगों के परिजनों ने रेस्क्यू ऑपरेशन को युद्ध स्तर पर शुरू करने की मांग की है.

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Published : Feb 22, 2021, 9:17 AM IST

पांवटा साहिब: उत्तराखंड में 7 फरवरी को आई आपदा में लापता लोगों के परिजनों ने रेस्क्यू अभियान को तेजी करने की मांग उठाई है. परिजनों का कहना है कि इस कार्य को युद्ध स्तर पर शुरू किया जाए. साथ ही परिजनों ने एनटीपीसी और उत्तराखंड सरकार से कोई ठोस योजना बनाने की मांग की है.

प्रोजेक्ट स्थल पर डटे लापता डीजीएम का भाई

बता दें कि 7 फरवरी को पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के चमोली जिले में नंदादेवी ग्लेशियर टूटने से ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट तबाह हो गया था जिसमें सैकड़ों लोग लापता हो गए थे. इस आपदा में हिमाचल प्रदेश के भी कुछ लोग शामिल थे. लापता डीजीएम जीत सिंह ठाकुर के छोटे भाई और परिजन प्रोजेक्ट स्थल पर डटे हैं. घनश्याम ने कहा कि रेस्क्यू अभियान काफी धीमा है. राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड के पास कोई ठोस योजना नहीं है. टनल में रेस्क्यू के लिए पर्याप्त मशीनें नहीं हैं.

पांवटा एसडीएम लाइक वर्मा मौके पर मौजूद

पांवटा एसडीएम लाइक राम वर्मा से जब फोन पर बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि यहां पर कार्य युद्ध स्तर पर किया गया है. उन्होंने हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल की थी कि यहां पर कार्य तेज गति से किया जा रहा है. पांवटा एसडीएम ने बताया कि टनल करीब 280 मीटर लंबी है. अब तक करीब 160 मीटर तक पहुंचा जा सका है.

ये भी पढ़ें: ट्रक और बाइक की टक्कर, 2 लोगों की हालत गंभीर

पांवटा साहिब: उत्तराखंड में 7 फरवरी को आई आपदा में लापता लोगों के परिजनों ने रेस्क्यू अभियान को तेजी करने की मांग उठाई है. परिजनों का कहना है कि इस कार्य को युद्ध स्तर पर शुरू किया जाए. साथ ही परिजनों ने एनटीपीसी और उत्तराखंड सरकार से कोई ठोस योजना बनाने की मांग की है.

प्रोजेक्ट स्थल पर डटे लापता डीजीएम का भाई

बता दें कि 7 फरवरी को पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के चमोली जिले में नंदादेवी ग्लेशियर टूटने से ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट तबाह हो गया था जिसमें सैकड़ों लोग लापता हो गए थे. इस आपदा में हिमाचल प्रदेश के भी कुछ लोग शामिल थे. लापता डीजीएम जीत सिंह ठाकुर के छोटे भाई और परिजन प्रोजेक्ट स्थल पर डटे हैं. घनश्याम ने कहा कि रेस्क्यू अभियान काफी धीमा है. राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड के पास कोई ठोस योजना नहीं है. टनल में रेस्क्यू के लिए पर्याप्त मशीनें नहीं हैं.

पांवटा एसडीएम लाइक वर्मा मौके पर मौजूद

पांवटा एसडीएम लाइक राम वर्मा से जब फोन पर बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि यहां पर कार्य युद्ध स्तर पर किया गया है. उन्होंने हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल की थी कि यहां पर कार्य तेज गति से किया जा रहा है. पांवटा एसडीएम ने बताया कि टनल करीब 280 मीटर लंबी है. अब तक करीब 160 मीटर तक पहुंचा जा सका है.

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