पांवटा साहिब: जम्मू एवं कश्मीर के राजौरी में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए सिरमौर के प्रमोद नेगी की पार्थिव देह जैसे ही पांवटा साहिब पहुंची तो लोगों ने प्रमोद नेगी अमर रहे, भारत माता की जय के नारे लगाए. पार्थिव देह को भावभीनी श्रद्धांजलि देने के लिए गोविंद घाट बैरियर पर हजारों लोग पहुंचे. आज उनके पैतृक गांव में सेना और राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. श्मशान घाट में सेना के जवानों ने 6 तोपों की सलामी के बीच राजकीय सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी. इस दौरान यहां उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान SDM, DSP मानवेंद्र ठाकुर सहित अन्य लोग मौजूद थे.
मां से कहा था जल्द मिशन फतह कर लौटूंगा: प्रमोद नेगी पैराट्रूपर थे, जो 9 पैरा रेजिमेंट में 2017 में भर्ती हुए थे. वह अपने पीछे माता तारा देवी, पिता देवेंद्र नेगी, छोटा भाई नितेश नेगी और बड़ी बहन मनीषा को छोड़ गए हैं. प्रमोद नेगी दो साल से देश की सुरक्षा के लिए स्पेशल फोर्स में तैनात थे. करीब 6 साल पहले भारतीय सेना में भर्ती हुए थे. मिशन पर जाने से कुछ घंटे पहले शहीद बेटे प्रमोद नेगी ने फोन पर अपनी माता से बात की थी. प्रमोद ने कहा था- 'मां... जरूरी मिशन पर जा रहा हूं. हो सकता है कि 10 दिन मोबाइल बंद रहे, पर चिंता न करना जल्द मिशन फतह कर लौटूंगा'
रात 11 बजे हुए माता पिता से बात, अगले दिन शहादत की खबर: वहीं, गुरुवार रात करीब साढ़े 11 बजे पांच से सात मिनट की बातचीत में प्रमोद ने अपने माता-पिता का हालचाल पूछा और पिता से भी कुछ देर बात की. अगले ही दिन साढ़े 12 बजे के आसपास परिजनों को बेटे की शहादत की खबर मिली.