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पांवटा साहिब में बुधवार को होगी महापंचायत, राष्ट्रीय स्तर के किसान नेता करेंगे शिरकत

सिरमौर के पांवटा साहिब में बुधवार को किसान महापंचायत होने जा रही है. महापंचायत में भारी संख्या में प्रदेश और पड़ोसी राज्यों से किसान पहुंचेंगे. कोरोना के खतरे को देखते हुए भारी संख्या में लोगों का इकट्ठा होना खतरे की घंटी है. इस पर जवाब देते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक ने कहा कि किसान महापंचायत कोई पॉलिटिकल आयोजन नहीं है. यहां पर सभी संस्थाओं के लोग एक बैनर के नीचे किसान सभा का समर्थन कर रहे हैं.

mahapanchayat in Paonta Sahib
फोटो.
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Published : Apr 6, 2021, 6:00 PM IST

पांवटा साहिब: सिरमौर के पांवटा साहिब में बुधवार को महापंचायत होने जा रही है. किसान महापंचायत में भारी संख्या में प्रदेश और पड़ोसी राज्यों से किसान पहुंचने की संभावना है. यह आयोजन अब तक प्रदेश में किसानों की सबसे बड़ी महापंचायत में से एक होगा.

महापंचायत कोई पॉलिटिकल आयोजन नहीं

कोरोना के खतरे को देखते हुए भारी संख्या में लोगों का इकट्ठा होना खतरे की घंटी है. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि कोरोना काल में इतने बड़े आयोजन की अनुमति कैसे प्राप्त होगी. इस पर जवाब देते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक ने कहा कि किसान महापंचायत कोई पॉलिटिकल आयोजन नहीं है. यहां पर सभी संस्थाओं के लोग एक बैनर के नीचे किसान सभा का समर्थन कर रहे हैं.

हिमाचल के हजारों किसान होंगे एकजुट

बता दें कि 7 अप्रैल को किसान महापंचायत का आयोजन हरिपुर टोहाना में किया जा रहा है. पांवटा लोक निर्माण विश्राम गृह में किसान संयोजक व उनकी टीम ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि बुधवार को होने वाला आयोजन राजनीतिक नहीं है पूरे हिमाचल के हजारों किसान एकजुट होकर किसान विरोधी कानून के समर्थन में यहां पहुंचेंगे और केंद्र सरकार द्वारा किसानों पर थोपे गए कानूनों को वापस लेने की मांग करेंगे.

राष्ट्रीय स्तर के किसान नेता करेंगे शिरकत

वहीं, उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के सिरमौर में पहली किसान महापंचायत पांवटा साहिब के हरिपुर टोहाना में आयोजित की जा रही है जिसमें भारी संख्या में राष्ट्रीय स्तर के किसान नेता शिरकत करेंगे.

पढ़ें- कौन जीतेगा 2022 का 'सेमीफाइनल'! MC चुनाव के लिए थमा चुनाव प्रचार, अब जनता करेगी फैसला

पांवटा साहिब: सिरमौर के पांवटा साहिब में बुधवार को महापंचायत होने जा रही है. किसान महापंचायत में भारी संख्या में प्रदेश और पड़ोसी राज्यों से किसान पहुंचने की संभावना है. यह आयोजन अब तक प्रदेश में किसानों की सबसे बड़ी महापंचायत में से एक होगा.

महापंचायत कोई पॉलिटिकल आयोजन नहीं

कोरोना के खतरे को देखते हुए भारी संख्या में लोगों का इकट्ठा होना खतरे की घंटी है. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि कोरोना काल में इतने बड़े आयोजन की अनुमति कैसे प्राप्त होगी. इस पर जवाब देते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक ने कहा कि किसान महापंचायत कोई पॉलिटिकल आयोजन नहीं है. यहां पर सभी संस्थाओं के लोग एक बैनर के नीचे किसान सभा का समर्थन कर रहे हैं.

हिमाचल के हजारों किसान होंगे एकजुट

बता दें कि 7 अप्रैल को किसान महापंचायत का आयोजन हरिपुर टोहाना में किया जा रहा है. पांवटा लोक निर्माण विश्राम गृह में किसान संयोजक व उनकी टीम ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि बुधवार को होने वाला आयोजन राजनीतिक नहीं है पूरे हिमाचल के हजारों किसान एकजुट होकर किसान विरोधी कानून के समर्थन में यहां पहुंचेंगे और केंद्र सरकार द्वारा किसानों पर थोपे गए कानूनों को वापस लेने की मांग करेंगे.

राष्ट्रीय स्तर के किसान नेता करेंगे शिरकत

वहीं, उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के सिरमौर में पहली किसान महापंचायत पांवटा साहिब के हरिपुर टोहाना में आयोजित की जा रही है जिसमें भारी संख्या में राष्ट्रीय स्तर के किसान नेता शिरकत करेंगे.

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