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सिरमौर में हेलीपोर्ट के लिए पर्यटन विभाग को भूमि हस्तांतरित, जानिए किस तरह की मिलेंगी सुविधाएं

नाहन के धारक्यारी माहल में हेलीपोर्ट निर्माण (Heliport in Sirmaur) के लिए 11 बीघा 17 बिस्वा भूमि पर्यटन विभाग को हस्तांतरित कर दी गई है. इसके निर्माण के लिए 12 से 15 करोड़ रुपये का एस्टीमेट तैयार कर सरकार को भेजा गया है. हेलीपोर्ट के बनने से यहां पर लोगों को कई प्रकार की सुविधाएं मिलेंगी.

डीसी सिरमौर राम कुमार गौतम
डीसी सिरमौर राम कुमार गौतम
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Published : Jan 1, 2023, 3:37 PM IST

डीसी सिरमौर राम कुमार गौतम.

नाहन: सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन के समीप धारक्यारी माहल में हेलीपोर्ट (Heliport in Sirmaur) के निर्माण की कवायद शुरू हो गई है. हेलीपोर्ट निर्माण के लिए चयनित 11 बीघा 17 बिस्वा भूमि को पर्यटन विभाग को हस्तांतरित कर दिया है. सिरमौर प्रशासन ने हेलीपोर्ट के निर्माण के लिए सभी प्रक्रिया पूरी कर प्रपोजल तैयार सरकार को स्वीकृति के लिए भेज दिया है. हेलीपोर्ट निर्माण पर करीब 12 से 15 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया जाएगा.

हेलीपोर्ट में यात्रियों को वह तमाम सुविधाएं मिलेंगी, जो एक मिनी हवाई अड्डे के रूप में मिलती हैं. डीसी सिरमौर राम कुमार गौतम (DC Sirmaur Ram Kumar Gautam) ने कहा कि सरकार की मंशा है कि प्रदेश के हर जिले में हेलीपोर्ट का निर्माण किया जाए. सरकार के इन्हीं निर्देशों के मुताबिक धार क्यारी माहल में प्रस्तावित हेलीपोर्ट के निर्माण के लिए चयनित भूमि को पर्यटन विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि हेलीपोर्ट में हर समय 3 हेलीकॉप्टरों की सुविधा उपलब्ध रहेगी.

यात्रियों के लिए बैठने की उचित व्यवस्था के साथ वेटिंग रूम का निर्माण भी होगा. सिक्योरिटी के भी प्रबंध होंगे. यही नहीं यात्रियों के खाने-पीने की व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए इस हेलीपोर्ट में रेस्टोरेंट का भी निर्माण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हेलीपोर्ट के निर्माण से बाहर से आने वाले यात्रियों व स्थानीय लोगों का हवाई यात्रा के माध्यम से आने-जाने का सिलसिला शुरू होगा. शिमला, चंडीगढ़, धर्मशाला इत्यादि क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर की सेवाओं से लोगों को बड़ा लाभ मिल सकेगा. हालांकि हेलीकॉप्टर की सुविधाएं कहां-कहां के लिए मिलेंगी, यह सब इसके निर्माण के बाद ही तय किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि हेलीपोर्ट के निर्माण के बाद जिला में पर्यटन को भी काफी बढ़ावा मिलेगा. एस्टीमेट बनाकर सरकार को भेज दिया है. स्वीकृति मिलते ही तुरंत हेलीपोर्ट निर्माण का कार्य शुरू किया जाएगा. बता दें कि एशिया का पहला फोसिल पार्क नाहन विधानसभा क्षेत्र के सुकेती में ही स्थित हैं. गुरू की नगरी के नाम से मशहूर पांवटा साहिब में ऐतिहासिक गुरूद्वारा मौजूद हैं, जहां प्रतिदिन भारी संख्या मेंं श्रद्धालु पहुंचते हैं. प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील व भगवान परशुराम की जन्मस्थली श्री रेणुका जी अपने आप में प्रसिद्ध धार्मिक व पर्यटन स्थलों में से एक है.

राजगढ़ के सेरजगास, ददाहू के कटाह शीतला, हरिपुरधार के बडयाल्टा में पैराग्लाइडिंग शुरू करने की तैयारी की जा रही है. शिरगुल महाराज के दर्शनों के लिए भी प्रति वर्ष हजारों श्रद्धालु चूड़धार चोटी पर पहुंचते हैं. 400 साल पुराने नाहन शहर अपनी ऐतिहासिक इमारतों के लिए पहचान रखता है. ऊपरी इलाकों हरिपुरधार, नौहराधार, संगड़ाह आदि में होने वाली बर्फबारी भी यात्रियों को यहां खींच लाती है. इसी तरह जिला में पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं. लिहाजा हेलीपोर्ट के निर्माण से जिला में पर्यटन को नए पंख लग सकेंगे. कुल मिलाकर जिला सिरमौर में जल्द ही हवाई यात्रा शुरू होने जा रही हैं. इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से तैयार हैं. बस इसके लिए सरकार की हरी झंडी का इंतजार हैं.

ये भी पढ़ें: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज जाएंगे मनाली, कल जाएंगे दिल्ली

डीसी सिरमौर राम कुमार गौतम.

नाहन: सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन के समीप धारक्यारी माहल में हेलीपोर्ट (Heliport in Sirmaur) के निर्माण की कवायद शुरू हो गई है. हेलीपोर्ट निर्माण के लिए चयनित 11 बीघा 17 बिस्वा भूमि को पर्यटन विभाग को हस्तांतरित कर दिया है. सिरमौर प्रशासन ने हेलीपोर्ट के निर्माण के लिए सभी प्रक्रिया पूरी कर प्रपोजल तैयार सरकार को स्वीकृति के लिए भेज दिया है. हेलीपोर्ट निर्माण पर करीब 12 से 15 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया जाएगा.

हेलीपोर्ट में यात्रियों को वह तमाम सुविधाएं मिलेंगी, जो एक मिनी हवाई अड्डे के रूप में मिलती हैं. डीसी सिरमौर राम कुमार गौतम (DC Sirmaur Ram Kumar Gautam) ने कहा कि सरकार की मंशा है कि प्रदेश के हर जिले में हेलीपोर्ट का निर्माण किया जाए. सरकार के इन्हीं निर्देशों के मुताबिक धार क्यारी माहल में प्रस्तावित हेलीपोर्ट के निर्माण के लिए चयनित भूमि को पर्यटन विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि हेलीपोर्ट में हर समय 3 हेलीकॉप्टरों की सुविधा उपलब्ध रहेगी.

यात्रियों के लिए बैठने की उचित व्यवस्था के साथ वेटिंग रूम का निर्माण भी होगा. सिक्योरिटी के भी प्रबंध होंगे. यही नहीं यात्रियों के खाने-पीने की व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए इस हेलीपोर्ट में रेस्टोरेंट का भी निर्माण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हेलीपोर्ट के निर्माण से बाहर से आने वाले यात्रियों व स्थानीय लोगों का हवाई यात्रा के माध्यम से आने-जाने का सिलसिला शुरू होगा. शिमला, चंडीगढ़, धर्मशाला इत्यादि क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर की सेवाओं से लोगों को बड़ा लाभ मिल सकेगा. हालांकि हेलीकॉप्टर की सुविधाएं कहां-कहां के लिए मिलेंगी, यह सब इसके निर्माण के बाद ही तय किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि हेलीपोर्ट के निर्माण के बाद जिला में पर्यटन को भी काफी बढ़ावा मिलेगा. एस्टीमेट बनाकर सरकार को भेज दिया है. स्वीकृति मिलते ही तुरंत हेलीपोर्ट निर्माण का कार्य शुरू किया जाएगा. बता दें कि एशिया का पहला फोसिल पार्क नाहन विधानसभा क्षेत्र के सुकेती में ही स्थित हैं. गुरू की नगरी के नाम से मशहूर पांवटा साहिब में ऐतिहासिक गुरूद्वारा मौजूद हैं, जहां प्रतिदिन भारी संख्या मेंं श्रद्धालु पहुंचते हैं. प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील व भगवान परशुराम की जन्मस्थली श्री रेणुका जी अपने आप में प्रसिद्ध धार्मिक व पर्यटन स्थलों में से एक है.

राजगढ़ के सेरजगास, ददाहू के कटाह शीतला, हरिपुरधार के बडयाल्टा में पैराग्लाइडिंग शुरू करने की तैयारी की जा रही है. शिरगुल महाराज के दर्शनों के लिए भी प्रति वर्ष हजारों श्रद्धालु चूड़धार चोटी पर पहुंचते हैं. 400 साल पुराने नाहन शहर अपनी ऐतिहासिक इमारतों के लिए पहचान रखता है. ऊपरी इलाकों हरिपुरधार, नौहराधार, संगड़ाह आदि में होने वाली बर्फबारी भी यात्रियों को यहां खींच लाती है. इसी तरह जिला में पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं. लिहाजा हेलीपोर्ट के निर्माण से जिला में पर्यटन को नए पंख लग सकेंगे. कुल मिलाकर जिला सिरमौर में जल्द ही हवाई यात्रा शुरू होने जा रही हैं. इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से तैयार हैं. बस इसके लिए सरकार की हरी झंडी का इंतजार हैं.

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