नाहनः लोकसभा चुनाव में एक बार फिर बीजेपी सिरमौर में हाटी समुदाय को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने का मुद्दा भुनाना चाहती है. बीजेपी ने साल 2014 में भी क्षेत्र को जनजातिय क्षेत्र घोषित करने का वायदा किया था जो बीजेपी पूरा नहीं कर पाई है. दशकों से चली आ रही हाटी समुदाय की इस मांग को आजतक न बीजेपी पूरा कर पाई है और न ही कांग्रेस. क्षेत्र के लोगों की बीजेपी सरकार से ज्यादा उम्मीद इसलिए थी क्योंकि बीजेपी सरकार के कई बड़े मंत्री सार्वजनिक मंच से ये कह चुके हैं कि जब राज्य और केन्द्र में बीजेपी की सरकार होगी तभी ये मांग पूरी हो पाएगी. अब करीब पांच सालों से केन्द्र में बीजेपी की सरकार है तो एक साल से ज्यादा समय हिमाचल में बीजेपी सरकार शासन कर रही है.
दरअसल इस बार के चुनाव में बीजेपी एक बार फिर सिरमौर के हाटी समुदाय को जनजाति क्षेत्र घोषित करने के मुद्दे को भुनाना चाहती है. बीजेपी के लोकसभा उम्मीदवार सुरेश कश्यप ने इस बात के संकेत दिए हैं. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वर्तमान में बीजेपी के सांसद द्वारा उठाए गए हर मुद्दों को वह भी गंभीरता से उठाएंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी सांसद ने हाटी समुदाय के जनजातिय क्षेत्र घोषित करने के मामले को अच्छे स्तर पर उठाया है, जिसे आगे बढ़ाया जाएगा.
गौर रहे कि बीजेपी ने 2014 में वादा किया था कि अगर बीजेपी की सरकार बनती है, तो इस क्षेत्र को जनजाति क्षेत्र घोषित किया जाएगा, लेकिन बीजेपी अपने इस वादे पर खरा नहीं उतर पाई. बता दें कि हाटी समुदाय सिरमौर जिले के चार विधानसभा चुनाव क्षेत्रों में बड़ा वोट बैंक है.
वहीं, बीजेपी उम्मीदवार सुरेश कश्यप इन दिनों नाहन विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर है. इस दौरान उनके साथ विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल भी मौजूद रहे. बीजेपी लगातार तीसरी बार शिमला संसदीय सीट पर जीत का दावा कर रही है. बीजेपी उम्मीदवार का कहना है कि केंद्र के 5 साल के कार्यकाल और राज्य के 1 साल के कार्यकाल के बूते लोगों का पूरा समर्थन बीजेपी को मिल रहा है. कुल मिलाकर बीते 10 सालों के कार्यकाल में बीजेपी सांसद क्षेत्र से जुड़े किसी भी मुद्दे को सिरे नहीं चढ़ा पाए. यही कारण है कि बीजेपी को इस बार अपना उम्मीदवार भी बदलना पड़ा. देखना ये होगा कि लोगों का इस बार कितना समर्थन बीजेपी को मिल पाता है.