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सिंचाई योजना ठप, 50% फसल खरा, अन्नदाताओं ने पुराने पंप को बदलने की उठाई मांग

विधानसभा क्षेत्र नाहन के तहत देवनी पंचायत के खेड़ा गांव में सिंचाई योजना के ठप होने के चलते किसानों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बार-बार सिंचाई योजना का पंप खराब होने से किसानों के खेतों को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पाता है. परिणाम स्वरूप किसानों की धान की आधी फसल खराब हो चुकी है.

सिंचाई योजना
सिंचाई योजना
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Published : Oct 2, 2020, 2:39 PM IST

नाहन: विधानसभा क्षेत्र नाहन के तहत देवनी पंचायत के खेड़ा गांव में सिंचाई योजना के ठप होने के चलते किसानों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हालात यह है कि आए दिन योजना के पंप खराब होने के कारण क्षेत्र के किसानों को पर्याप्त मात्रा में सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा है. नतीजतन धान की करीब 50 प्रतिशत फसल खराब हो गई है, जिससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

दरअसल वर्ष 1971-72 में खेड़ा गांव में मारकंडा नदी से पानी उठाकर सिंचाई योजना बनाई गई थी, जोकि अब अक्सर दम तोड़ देती है. बार-बार सिंचाई योजना का पंप खराब होने से किसानों के खेतों को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पाता है. परिणाम स्वरूप किसानों की धान की आधी फसल खराब हो चुकी है. किसानों की मांग है कि जल्द इस पंप को बदला जाए. साथ ही खराब हुई धान की फसल का उचित मुआवजा भी दिया जाए.

सिंचाई योजना
सिंचाई योजना

समस्या के समाधान के साथ मुआवजे की मांग

खेड़ा गांव के किसान बल्लू राम ने बताया कि सिंचाई योजना का पंप खराब रहता है, जिस कारण से सिंचाई के लिए पानी नहीं मिला पा रहा है. ऐसे में उनकी धान की काफी फसल खराब हो चुकी है. बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही. जल्द समस्या के समाधान के साथ-साथ मुआवजा भी दिया जाए.

धान की फसल
धान की फसल
मारकंडा नदी समीप, फिर भी खेतों को नहीं पानी

क्षेत्र के किसान यशपाल का कहना है कि योजना के साथ मारकंडा नदी है. बावजूद इसके किसानों के खेतों को पानी नहीं मिल पा रहा है. पंप बार-बार खराब हो जाता है. विभाग कोई सुनवाई नहीं कर रहा. जल्द से जल्द समस्या का समाधान किया जाए.

सिंचाई योजना के पंप
सिंचाई योजना के पंप

हमारे लिए न सरकार न भगवान, हमारी तो किस्मत का दोष

क्षेत्र की एक महिला किसान ने भी सरकार, प्रशासन सहित जल शक्ति विभाग को खरी-खोटी सुनाते हुए अपना दर्द बयां किया है. स्थानीय महिला किसान रोशनी देवी का कहना है कि फसल खराब होने से जमीदार तो मारे गए हैं. पानी बिना धान की फसल सूख गई है. किसानों पर तो वक्त की मार पड़ी है. इससे ज्यादा क्या होगा.

वीडियो रिपोर्ट.

क्या करेगी सरकार और क्या करेंगे जमीदार

जब पंप ही खराब हो जाता है, तो उसमें न कर्मचारियों का दोष, न किसी ओर का. दोष तो किसानों की किस्मत का है. हमारे लिए न सरकार रही और न ही भगवान. हालात देखकर तो यही लगता है कि हमारे लिए कुछ भी नहीं रहा. उनकी मांग है कि बस उनके खेतों को तो पानी चाहिए.

जल शक्ति विभाग ने दिया समस्या के समाधान का आश्वासन

जल शक्ति विभाग नाहन वृत्त के अधीक्षण अभियंता जेएस चौहान ने बताया कि खेड़ा गांव के लिए बनाई गई योजना बेहद पुरानी है. जल्द ही योजना में एक ऑटोमेटिक पंप लगा दिया जाएगा, ताकि किसानों को सुविधापूर्वक सिंचाई का पानी उपलब्ध हो सके.

उल्लेखनीय है कि खेड़ा गांव मारकंडा नदी के समीप स्थित है और ऐसा नहीं कि क्षेत्र में पानी की कोई कमी है, लेकिन सिंचाई योजना का पंप किसानों के लिए सिरदर्द बन चुका है और पानी न मिलने से फसलें खराब हो रही है. अब देखना यह होगा कि जल शक्ति विभाग के आश्वासन के बाद कब तक किसानों के खेतों को पानी मिल पाता है.

ये भी पढ़ें: सूखने की कगार पर आस्था की प्रतीक डल झील, हर साल हो रहा रिसाव चिंताजनक

नाहन: विधानसभा क्षेत्र नाहन के तहत देवनी पंचायत के खेड़ा गांव में सिंचाई योजना के ठप होने के चलते किसानों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हालात यह है कि आए दिन योजना के पंप खराब होने के कारण क्षेत्र के किसानों को पर्याप्त मात्रा में सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा है. नतीजतन धान की करीब 50 प्रतिशत फसल खराब हो गई है, जिससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

दरअसल वर्ष 1971-72 में खेड़ा गांव में मारकंडा नदी से पानी उठाकर सिंचाई योजना बनाई गई थी, जोकि अब अक्सर दम तोड़ देती है. बार-बार सिंचाई योजना का पंप खराब होने से किसानों के खेतों को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पाता है. परिणाम स्वरूप किसानों की धान की आधी फसल खराब हो चुकी है. किसानों की मांग है कि जल्द इस पंप को बदला जाए. साथ ही खराब हुई धान की फसल का उचित मुआवजा भी दिया जाए.

सिंचाई योजना
सिंचाई योजना

समस्या के समाधान के साथ मुआवजे की मांग

खेड़ा गांव के किसान बल्लू राम ने बताया कि सिंचाई योजना का पंप खराब रहता है, जिस कारण से सिंचाई के लिए पानी नहीं मिला पा रहा है. ऐसे में उनकी धान की काफी फसल खराब हो चुकी है. बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही. जल्द समस्या के समाधान के साथ-साथ मुआवजा भी दिया जाए.

धान की फसल
धान की फसल
मारकंडा नदी समीप, फिर भी खेतों को नहीं पानी

क्षेत्र के किसान यशपाल का कहना है कि योजना के साथ मारकंडा नदी है. बावजूद इसके किसानों के खेतों को पानी नहीं मिल पा रहा है. पंप बार-बार खराब हो जाता है. विभाग कोई सुनवाई नहीं कर रहा. जल्द से जल्द समस्या का समाधान किया जाए.

सिंचाई योजना के पंप
सिंचाई योजना के पंप

हमारे लिए न सरकार न भगवान, हमारी तो किस्मत का दोष

क्षेत्र की एक महिला किसान ने भी सरकार, प्रशासन सहित जल शक्ति विभाग को खरी-खोटी सुनाते हुए अपना दर्द बयां किया है. स्थानीय महिला किसान रोशनी देवी का कहना है कि फसल खराब होने से जमीदार तो मारे गए हैं. पानी बिना धान की फसल सूख गई है. किसानों पर तो वक्त की मार पड़ी है. इससे ज्यादा क्या होगा.

वीडियो रिपोर्ट.

क्या करेगी सरकार और क्या करेंगे जमीदार

जब पंप ही खराब हो जाता है, तो उसमें न कर्मचारियों का दोष, न किसी ओर का. दोष तो किसानों की किस्मत का है. हमारे लिए न सरकार रही और न ही भगवान. हालात देखकर तो यही लगता है कि हमारे लिए कुछ भी नहीं रहा. उनकी मांग है कि बस उनके खेतों को तो पानी चाहिए.

जल शक्ति विभाग ने दिया समस्या के समाधान का आश्वासन

जल शक्ति विभाग नाहन वृत्त के अधीक्षण अभियंता जेएस चौहान ने बताया कि खेड़ा गांव के लिए बनाई गई योजना बेहद पुरानी है. जल्द ही योजना में एक ऑटोमेटिक पंप लगा दिया जाएगा, ताकि किसानों को सुविधापूर्वक सिंचाई का पानी उपलब्ध हो सके.

उल्लेखनीय है कि खेड़ा गांव मारकंडा नदी के समीप स्थित है और ऐसा नहीं कि क्षेत्र में पानी की कोई कमी है, लेकिन सिंचाई योजना का पंप किसानों के लिए सिरदर्द बन चुका है और पानी न मिलने से फसलें खराब हो रही है. अब देखना यह होगा कि जल शक्ति विभाग के आश्वासन के बाद कब तक किसानों के खेतों को पानी मिल पाता है.

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