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IIM सिरमौर का CPWD के साथ समझौता, तीन प्रावस्थाओं में परिसर का होगा निर्माण - नाहन

अपनी स्थापना के बाद इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेन्ट सिरमौर ने धौलाकुआं में स्थायी परिसर के निर्माण के लिए भारत सरकार के केन्द्रीय सार्वजनिक कार्य विभाग के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं.

IIM सिरमौर का CPWD के साथ समझौता
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Published : Mar 12, 2019, 9:02 PM IST

नाहन: अपनी स्थापना के बाद इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेन्ट सिरमौर ने धौलाकुआंमें स्थायी परिसर के निर्माण के लिए भारत सरकार के केन्द्रीय सार्वजनिक कार्य विभाग के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं.

गौर रहे कि सम्पूर्ण स्थायी परिसर का निर्माण 3 प्रावस्थाओं में 700 करोड़ से अधिक लागत पर होगा, जिसके लिए 210 एकड़ जमीन का आवंटन धौला कुंआ में किया गया है. आर्किटेक्चर प्लानर कन्सलटेन्ट निर्धारित हो चुके हैं और जल्द ही इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेन्ट सिरमौर के विश्वस्तरीय संस्थान आर्किटेक्चर डिजाइन को भी अनुमोदन मिलेगा.

बता दें कि समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के लिए चड़ीगढ़ के केन्द्रीय सदन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें आईआईएम सिरमौर की ओर से प्रशासनिक अधिकारी व सीपीडब्ल्यूडी की ओर से एकजिक्यूटिव इंजीनियर ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. आईआईएम सिरमौर की डायरेक्टर प्रोफेसर नीलू रोहमेत्रा ने भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय व हिमाचल प्रदेश सरकार के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने स्थायी परिसर के निर्माण के लिए पूरी प्रक्रिया में अपना सहयोग दिया.

IIM sirmaur sign on memorandum of settlement
IIM सिरमौर का CPWD के साथ समझौता

इसी बीच डायरेक्टर प्रोफेसर नीलू रोहमेत्रा ने सीपीडब्ल्यूडी से आग्रह किया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय की मानक प्रक्रियाओं के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य को निर्धारित समय के अंदर पूरा किया जाए. इसके अलावा एडीजी एसके रॉय और चीफ इंजीनियर केसी सिंह ने स्थायी परिसर के विकास व निर्माण कार्य के लिए सहयोग देने का आश्वासन दिया.
परियोजना के पहले चरण के तहत 60384 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में स्थायी परिसर के निर्माण के लिए भारत सरकार द्वारा अनुमोदन दिया गया है. 600 छात्रों की क्षमता वाले इस परिसर का निर्माण 392.51 करोड़ की लागत से होगा. धौलाकुंआ में स्थायी परिसर के निर्माण के लिए जजमीन आवंटित की गई है. निर्माण की पहली प्रावस्था 2021-22 तक पूरी होने की संभावना है.
पहली प्रावस्था के तहतहॉस्टल, डाइनिंग हॉल कॉम्पलेक्स, छात्र गतिविधि केन्द्र, सैटेलाईट शॉपिंग परिसर, छात्र कैंटीन, निदेशक निवास, फैकल्टी निवास, स्टाफ निवास, फैकल्टी क्लब, कम्युनिटी सेंटर, स्टाफ के लिए कॉमर्शियल सुविधाओं, क्लास रूम कॉम्पलेक्स, फैकल्टी कार्यालय की इमारत, कम्प्यूटर सेंटर एवं कम्युनिकेशन सेवाओं-टेलीफोन एक्सजचेंज, वर्चुअल लर्निंग सेंटर, ऑडियो विजुअल सेंटर, सेंट्रल लाइब्रेरी, ऑडिटोरियम, कॉन्फ्रेन्स सेंटर, एमडीपीए एडमिनिस्ट्रेटिव कॉम्पलेक्स, इंजीनियरिंग वर्कशॉप, इन्क्यूबेशन सेंटर, गेस्ट हाउसए हेल्थ सेंटर व इलेक्ट्रिकल सबस्टेशन आदि का विकास किया जाएगा. इसी संदर्भ में भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप उच्च शिक्षा वित्तीय एजेन्सी ने स्थायी परिसर की पहली प्रावस्था के निर्माण के लिए 392.51 करोड़ की गैर-आवर्ती पूंजी के लिए भी अनुमोदन दिया है.

नाहन: अपनी स्थापना के बाद इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेन्ट सिरमौर ने धौलाकुआंमें स्थायी परिसर के निर्माण के लिए भारत सरकार के केन्द्रीय सार्वजनिक कार्य विभाग के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं.

गौर रहे कि सम्पूर्ण स्थायी परिसर का निर्माण 3 प्रावस्थाओं में 700 करोड़ से अधिक लागत पर होगा, जिसके लिए 210 एकड़ जमीन का आवंटन धौला कुंआ में किया गया है. आर्किटेक्चर प्लानर कन्सलटेन्ट निर्धारित हो चुके हैं और जल्द ही इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेन्ट सिरमौर के विश्वस्तरीय संस्थान आर्किटेक्चर डिजाइन को भी अनुमोदन मिलेगा.

बता दें कि समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के लिए चड़ीगढ़ के केन्द्रीय सदन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें आईआईएम सिरमौर की ओर से प्रशासनिक अधिकारी व सीपीडब्ल्यूडी की ओर से एकजिक्यूटिव इंजीनियर ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. आईआईएम सिरमौर की डायरेक्टर प्रोफेसर नीलू रोहमेत्रा ने भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय व हिमाचल प्रदेश सरकार के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने स्थायी परिसर के निर्माण के लिए पूरी प्रक्रिया में अपना सहयोग दिया.

IIM sirmaur sign on memorandum of settlement
IIM सिरमौर का CPWD के साथ समझौता

इसी बीच डायरेक्टर प्रोफेसर नीलू रोहमेत्रा ने सीपीडब्ल्यूडी से आग्रह किया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय की मानक प्रक्रियाओं के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य को निर्धारित समय के अंदर पूरा किया जाए. इसके अलावा एडीजी एसके रॉय और चीफ इंजीनियर केसी सिंह ने स्थायी परिसर के विकास व निर्माण कार्य के लिए सहयोग देने का आश्वासन दिया.
परियोजना के पहले चरण के तहत 60384 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में स्थायी परिसर के निर्माण के लिए भारत सरकार द्वारा अनुमोदन दिया गया है. 600 छात्रों की क्षमता वाले इस परिसर का निर्माण 392.51 करोड़ की लागत से होगा. धौलाकुंआ में स्थायी परिसर के निर्माण के लिए जजमीन आवंटित की गई है. निर्माण की पहली प्रावस्था 2021-22 तक पूरी होने की संभावना है.
पहली प्रावस्था के तहतहॉस्टल, डाइनिंग हॉल कॉम्पलेक्स, छात्र गतिविधि केन्द्र, सैटेलाईट शॉपिंग परिसर, छात्र कैंटीन, निदेशक निवास, फैकल्टी निवास, स्टाफ निवास, फैकल्टी क्लब, कम्युनिटी सेंटर, स्टाफ के लिए कॉमर्शियल सुविधाओं, क्लास रूम कॉम्पलेक्स, फैकल्टी कार्यालय की इमारत, कम्प्यूटर सेंटर एवं कम्युनिकेशन सेवाओं-टेलीफोन एक्सजचेंज, वर्चुअल लर्निंग सेंटर, ऑडियो विजुअल सेंटर, सेंट्रल लाइब्रेरी, ऑडिटोरियम, कॉन्फ्रेन्स सेंटर, एमडीपीए एडमिनिस्ट्रेटिव कॉम्पलेक्स, इंजीनियरिंग वर्कशॉप, इन्क्यूबेशन सेंटर, गेस्ट हाउसए हेल्थ सेंटर व इलेक्ट्रिकल सबस्टेशन आदि का विकास किया जाएगा. इसी संदर्भ में भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप उच्च शिक्षा वित्तीय एजेन्सी ने स्थायी परिसर की पहली प्रावस्था के निर्माण के लिए 392.51 करोड़ की गैर-आवर्ती पूंजी के लिए भी अनुमोदन दिया है.

आईआईएम सिरमौर ने सीपीडब्ल्यूडी के साथ किए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर 
नाहन। अपनी स्थापना के बाद एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए इण्डियन इन्सटीट्यूट ऑफ मैनेजमेन्ट सिरमौर ने धौलाकुआं में इसके स्थायी परिसर की इमारत की पहली प्रावस्था के निर्माण के लिए भारत सरकार के केन्द्रीय सार्वजनिक कार्य विभाग के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। कार्यक्रम का आयोजन चण्डीगढ़ के केन्द्रीय सदन में हुआ। कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले दिग्गजों में प्रोफेसर डॉ. नीलू रोहमेत्रा डायरेक्टर आईआईएम सिरमौर,  एसके रॉय अपर महानिदेशक सीपीडब्ल्यूडी, केसी सिंह चीफ़ इंजीनियर सीपीडब्ल्यूडी सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।
इस मौके पर सीपीडब्ल्यूडीए चण्डीगढ़ सर्कल के वरिष्ठ अधिकारियों और आईआईएम सिरमौर के फैकल्टी एवं स्टाफ ने भी शिरकत की। आईआईएम सिरमौर की ओर से प्रशासनिक अधिकारी एवं सीपीडब्ल्यूडी की ओर से एक्ज़क्टिव इंजीनियर ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। आईआईएम सिरमौर की डायरेक्टर प्रोफेसर नीलू रोहमेत्रा ने भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय व हिमाचल प्रदेश सरकार के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के प्रति आभार व्यक्त किया, जिन्होंने स्थायी परिसर के निर्माण के लिए पूरी प्रक्रिया में अपना सहयोग प्रदान किया है। डायरेक्टर ने सीपीडब्ल्यूडी से आग्रह किया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय की मानक प्रक्रियाओं के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य को निर्धारित समय के अंदर पूरा किया जाए। इसके अलावा एडीजी एसके रॉय और चीफ़ इंजीनियर केसी सिंह ने स्थायी परिसर के विकास एवं निर्माण कार्य के लिए हर ज़रूरी सहयोग देने का आश्वासन दिया। परियोजना की पहली प्रावस्था के तहत 60384 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में स्थायी परिसर के निर्माण के लिए भारत सरकार द्वारा अनुमोदन दिया गया है। 600 छात्रों की क्षमता वाले इस परिसर में 392.51 करोड़ की लागत आएगी। धौलाकुंआ में स्थायी परिसर के निर्माण केे लिए ज़मीन आवंटित की गई है। निर्माण की पहली प्रावस्था 2021-22 तक पूरी होने की उम्मीद है। पहली प्रावस्था के तहत  हॉस्टल, डाइनिंग हॉल कॉम्पलेक्स, छात्र गतिविधि केन्द्र, सैटेलाईट शॉपिंग परिसर, छात्र कैंटीन, निदेशक निवास, फैकल्टी निवास, स्टाफ निवास, फैकल्टी क्लब, कम्युनिटी सेंटर, स्टाफ के लिए कॉमर्शियल सुविधाओं, क्लास रूम कॉम्पलेक्स, फैकल्टी कार्यालय की इमारत, कम्प्यूटर सेंटर एवं कम्युनिकेशन सेवाओं-टेलीफोन एक्सजचेंज, वर्चुअल लर्निंग सेंटर, ऑडियो विज़ुअल सेंटर, सेंट्रल लाइब्रेरी, ऑडिटोरियम, कॉन्फ्रेन्स सेंटर, एमडीपीए एडमिनिस्ट्रेटिव कॉम्पलेक्स, इंजीनियरिंग वर्कशॉप, इन्क्यूबेशन सेंटर, गेस्ट हाउसए हेल्थ सेंटर एवं इलेक्ट्रिकल सबस्टेशन आदि का विकास किया जाएगा। इसी संदर्भ में भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप उच्च शिक्षा वित्तीय एजेन्सी ने स्थायी परिसर की पहली प्रावस्था के निर्माण के लिए 392.51 करोड़ की गैर-आवर्ती पूंजी के लिए भी अनुमोदन दिया है। यहां उल्लेखनीय है कि सम्पूर्ण स्थायी परिसर का निर्माण 3 प्रावस्थाओं में 700 करोड़ से अधिक लागत पर होगा, जिसके लिए 210 एकड़ ज़मीन का आवंटन धौला कुंआ में किया गया है। आर्कीटेक्ट प्लानर कन्सलटेन्ट निर्धारित हो चुके हैं और जल्द ही इण्डियन इन्सटीट्यूट ऑफ मैनेजमेन्ट सिरमौर के विश्वस्तरीय संस्थान के आर्कीटेक्चरल डिज़ाइन को भी अनुमोदन मिल जाएगा।
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