पांवटा साहिब: हिमाचल प्रदेश में इन दिनों मौसम तेजी से बदल रहा है. जहां एक तरफ गर्मियां देस्तक देने को तैयार हैं तो वहीं, प्रदेश में लगातार बारिश बर्फबारी का दौर भी जारी है. इस बदलते मौसम की चपेट में सबसे ज्यादा आते हैं बच्चे, क्योंकि बच्चों में बिमारियों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता इतनी ज्यादा मजबूत नहीं होती है. वहीं, इस बदल रहे मौसम में बच्चे अपना ख्याल खुद से नहीं रख पाते हैं. ऐसे में बहुत ज्यादा जरुरी है कि इस मौसम में बच्चों की सेहत का खास ख्याल रखा जाए.
बदलता मौसम बच्चों के लिए खतरनाक: हिमाचल प्रदेश में कोरोना और इनफ्लुएंजा का प्रकोप भी बढ़ रहा है. जिससे की बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर परेशानी खड़ी कर दी है. सिरमौर जिले के सिविल अस्पताल पांवटा साहिब के बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमिताभ जैन का कहना है कि मौसम का मिजाज प्रतिदिन बदल रहा है, जिसके चलते बच्चों की सेहत को लेकर कुछ सावधानियां बरतना बेहद जरुरी है. मौसम में कभी ठंड तो कभी गर्मी के चलते बिमारियां दस्तक देने को तैयार हैं. ऐसे में बच्चे जल्दी इसकी चपेट में आ जाते हैं क्योंकि बच्चों को सर्दी और गर्मी के बदलते मौसम में अक्सर खांसी, जुकाम और बुखार जैसी बिमारियां होने का खतरा बना रहता है.
बच्चों की सेहत पर दें खास ध्यान: डॉक्टर अमिताभ जैन ने बताया कि मौसम के बदलते मिजाज के दौरान बच्चों के खानपान से लेकर उनके पहनावे तक का विशेष ध्यान रखना पड़ता है. गलत खानपान से शरीर जहां पूरी तरह प्रभावित होता है, वहीं, इससे शरीर की बिमारियों से लड़ने की क्षमता भी कम होती है. यदि मौसम के हिसाब से खानपान सही नहीं होगा तो बिमारियां होने का खतरा उतना ज्यादा ही बढ़ जाएगा. जैसे सर्दियों के समय ठंडा खाना और गर्मियों के समय तला हुआ खाना शरीर में विकार पैदा करता है. ऐसे में अगर बच्चों की खानपान संबंधि आदतों में स्वस्थ बदलाव किए जाएं तो बिमार होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है.
प्रदेश में कोरोना और इनफ्लुएंजा का प्रकोप: प्रदेश में एक बार फिर कोरोना वायरस अपने पैर पसारने लगा है. वहीं दूसरी ओर प्रदेश में इनफ्लुएंजा का प्रकोप भी बढ़ रहा है. कोरोना और इनफ्लुएंजा को लेकर सिरमौर जिले में अलर्ट है. वहीं, कोरोना और इनफ्लुएंजा से लड़ने के लिए प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां कर ली हैं. सिरमौर जिले में कोरोना और इनफ्लुएंजा को लेकर अस्पतालों में पुख्ता प्रबंध किए गए हैं. डॉक्टर की टीम निरतंर इस पर कार्य कर रही है. अस्पताल में कोरोना और इनफ्लुएंजा के लिए अलग-अलग वार्ड तैयार किए गए हैं.
इनफ्लुएंजा के लक्षण और बचाव: बाल विशेषज्ञ डॉक्टर अमिताभ जैन ने बताया कि इनफ्लुएंजा श्वसन तंत्र का एक संक्रामक रोग है, जो सांसों के संपर्क में आने से होता है. इनफ्लुएंजा के शुरुआती लक्षण खांसी, जुकाम और हल्का बुखार हैं. नाक, आंख और मुंह के जरीए से इनफ्लुएंजा वायरस शरीर में प्रवेश करता है. लेकिए, कुछ सावधानियों और टिप्स से इनफ्लुएंजा से बचाव किया जा सकता है जैसे, बिमार होने के दौरान डॉक्टर से संपर्क करें. घर पर रहें और ज्यादा लोगों के संपर्क में आने से बचें. शरीर को गर्म रखें और जितना संभव हो सके आराम करें. अधिक मात्रा में तरल पदार्थों का सेवर करें और धूम्रपान और शराब का सेवन न करें. समय-समय पर स्वच्छ भोजन करें.
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