नाहन: जिला सिरमौर के लहसुन उत्पादक किसानों के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि लहसुन उत्पादकों की लंबे अरसे से चली आ रही भंडारण केंद्र की मांग जल्द ही पूरी हो सकती है. भंडारण केंद्र के लिए करीब 2 करोड़ रुपये का प्रपोजल कृषि उपज मंडी समिति ने सरकार को भेजा है. साथ ही खैरी नामक जगह पर भंडारण केंद्र के लिए जगह भी चयनित कर ली गई है.
जिला सिरमौर लहसुन की बंपर फसल के साथ-साथ व्यवसायिक खेती के रूप में जाना जाता है और यहां के लहसुन की सप्लाई तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली सहित कई राज्यों में होती है, लेकिन भंडारण सुविधा न होने के कारण यहां के लहसुन का भंडारण महाराष्ट्र सहित बाहरी राज्यों में किया जाता है.
जिसके चलते किसानों को खासी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है, लेकिन लहसुन भंडारण केंद्र के बनने से जिला के किसानों को आर्थिक लाभ होगा और वो बाजार में भाव के अनुसार अपनी फसल को बेच सकेंगे. हाल ही में सरकार की एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत भी सिरमौर जिला की मुख्य फसल लहसुन का चयन किया गया है, ताकि किसानों की आय को दोगुना किया जा सके.
जिला सिरमौर की कृषि उपज मंडी के चेयरमैन रामेश्वर शर्मा ने बताया कि लहसुन सिरमौर में बहुत अधिक मात्रा में पैदा होता है, इसलिए किसानों की सुविधा के लिए खैरी में भंडारण केंद्र खोलने की योजना प्रस्तावित है और करीब 2 करोड़ रुपये का एक प्रपोजल भी सरकार को भेजा गया है.
उन्होंने कहा कि खैरी में मंडी समिति की करीब साढ़े 4 बीघा भूमि भी उपलब्ध है और अभी तक यहां के लहसुन का भंडारण महाराष्ट्र में होता है. ऐसे में भंडारण की सुविधा मिलने से किसान समय पर उचित दामों पर अपनी फसल को बेच सकेंगे. वहीं, खैरी में भंडारण केंद्र को लहसुन के तापमान के अनुसार चयनित किया गया है.
कृषि उपनिदेशक पवन कुमार ने बताया कि जिला में 3700 हेक्टेयर भूमि पर लहसुन की पैदावार होती है और इस साल करीब 57 हजार मीट्रिक टन लहसुन का उत्पादन हुआ है. जिससे कई राज्यों में काफी अधिक लहसुन की डिमांड है. उन्होंने कहा कि जिला में इस वर्ष बहुत अच्छी फसल हुई है और यहां का लहसुन उच्च गुणवत्ता वाला है. जिससे किसानों को भी उत्पाद के दाम अच्छे मिल रहे हैं.
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