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धर्मकोट कुंभीवाला में मिली संदिग्ध सुरंग की जांच के लिए पहुंची फॉरेंसिक टीम, वन विभाग की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल

पांवटा साहिब के धर्मकोट कुंभीवाला गांव के पास मिली संदिग्ध सुरंग की जांच के लिए शिमला से फॉरेंसिक टीम पहुंची. डॉ. अरुण शर्मा की अगुवाई में इस टीम ने सुरंग और इसके आस पास से सबूत इकठ्ठे किए.

Forensic team in Dharmkot Kumbhiwala
धर्मकोट कुंभीवाला में फोरेंसिक टीम
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Published : Apr 13, 2020, 7:40 PM IST

पांवटा साहिब: जिला सिरमौर में पांवटा साहिब के धर्मकोट कुंभीवाला गांव के पास मिली संदिग्ध सुरंग की जांच के लिए शिमला से फॉरेंसिक टीम पहुंची. डॉ. अरुण शर्मा की अगुवाई में इस टीम ने सुरंग और इसके आस पास से सबूत इकठ्ठे किए.

शुरुआती जांच में पता चला है कि सुरंग का अधिकतर हिस्सा पहले ही बन चुका था. भीतर कुछ हिस्सों में नई खुदाई की गई है, साथ ही सुरंग के मुहाने पर भी ताजा खुदाई हुई है. प्रारंभिक जांच में फॉरेंसिक विशेषज्ञों के अनुसार जानवरों को पकड़ने के लिए यह व्यवस्था की जा रही थी.

वीडियो.

वहीं, जानवरों को पकड़ने के लिए खोदी जा रही ये सुरंग एक बेहद गंभीर मामला है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आरक्षित वन क्षेत्र में इस तरह की गतिविधि पर रोक क्यों नहीं लगाई. वन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी फॉरेंसिक जांच गंभीर सवाल उठा रही है. सुरंग पुराने होने पर भी वन विभाग के कर्मचारियों ने इसकी सुध नहीं ली.

बता दें कि कुंभीवाला धर्मकोट गांव के पास जंगल में एक सुरंग मिली थी. ग्राम प्रधान ने इसकी सूचना वन विभाग और पुलिस को दी थी, जिसके बाद अब फॉरेंसिक टीम जांच के लिए पहुंची और इससे जुड़े हुए सबूत इकठ्ठे किए गए.

ये भी पढ़ें: सिरमौर में केवल एक ही दिन खुलेंगी स्टेशनरी की दुकानें, इन बातों कर रखना होगा विशेष ध्यान

पांवटा साहिब: जिला सिरमौर में पांवटा साहिब के धर्मकोट कुंभीवाला गांव के पास मिली संदिग्ध सुरंग की जांच के लिए शिमला से फॉरेंसिक टीम पहुंची. डॉ. अरुण शर्मा की अगुवाई में इस टीम ने सुरंग और इसके आस पास से सबूत इकठ्ठे किए.

शुरुआती जांच में पता चला है कि सुरंग का अधिकतर हिस्सा पहले ही बन चुका था. भीतर कुछ हिस्सों में नई खुदाई की गई है, साथ ही सुरंग के मुहाने पर भी ताजा खुदाई हुई है. प्रारंभिक जांच में फॉरेंसिक विशेषज्ञों के अनुसार जानवरों को पकड़ने के लिए यह व्यवस्था की जा रही थी.

वीडियो.

वहीं, जानवरों को पकड़ने के लिए खोदी जा रही ये सुरंग एक बेहद गंभीर मामला है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आरक्षित वन क्षेत्र में इस तरह की गतिविधि पर रोक क्यों नहीं लगाई. वन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी फॉरेंसिक जांच गंभीर सवाल उठा रही है. सुरंग पुराने होने पर भी वन विभाग के कर्मचारियों ने इसकी सुध नहीं ली.

बता दें कि कुंभीवाला धर्मकोट गांव के पास जंगल में एक सुरंग मिली थी. ग्राम प्रधान ने इसकी सूचना वन विभाग और पुलिस को दी थी, जिसके बाद अब फॉरेंसिक टीम जांच के लिए पहुंची और इससे जुड़े हुए सबूत इकठ्ठे किए गए.

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