पांवटा साहिब: हर साल गेहूं की कटाई की समस्या किसानों के लिए बहुत बड़ी परेशानी बन जाती है. पिछले साल कोरोना वायरस के बढ़ रहे मामले को लेकर लगाए गए लॉकडाउन से किसानों को गेंहू की फसल की कटाई करने में काफी परेशानी उठानी पड़ी थी. इस बार किसानों ने गेहूं की कटाई के लिए नया विकल्प ढूंढ लिया है.
दरअसल, हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों में गेहूं की फसल को काटने का काम जोरों शोरों से चल हुआ है. वहीं, जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में इस बार नई तकनीक से गेहूं की कटाई की जा रही है. बता दें कि कोरोना काल में गेहूं की फसल की कटाई के लिए उत्तराखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से गेहूं की कटाई के लिए मजदूर बुलाने पड़ते थे. लेकिन इस बार नए उपकरण की मदद से किसान कम खर्च में ज्यादा से ज्यादा फसल की कटाई कर रहे हैं.
नई तकनीक से किसानों को फायदा
सिरमौर जिले के किसान गेंहू की कटाई के लिए रीपर मशीन (गेहूं काटने वाली ओर बांधने वाली मशीन) का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस मशीन की मदद से एक घंटे में 5 एकड़ भूमि में बोई फसल की कटाई की जा सकती है. एक ओर जहां, डीजल-पेट्रोल के दाम आसमान छू रहा है. वहीं, फसलों की कटाई भी मशीनों से महंगी पड़ रही है. किसान फसलों की कटाई करने के लिए मजदूर न मिलने पर बाध्य हैं. इन्हें मशीनों द्वारा फसलों की कटाई कराने से फायदा हो रहा है.
पिछले साल फसलों को हुआ था नुकसान
वहीं, किसान भीम ने बताया कि मशीन किसानों के लिये फायदेमंद है. इससे लेबर की परेशानियों से छूटकारा मिल रहा है. ओलावृष्टि से हर बार फसलें बर्बाद हो जाती थीं. इस बार ओलावृष्टि के साथ-साथ लॉकडाउन की भी संभावना लग सकती है. इसलिए किसान पहले ही सतर्क हो चुके हैं. वहीं, मशीन खरीदने पहुंचे किसानों ने बताया कि पिछले साल ओलावृष्टि होने की वजह से फसलें बर्बाद हो गई थीं. लेकिन इस बार वे पहले से ही तैयार हैं.
किसानों के लिए बेहद खास है मशीन
एक अन्य किसान वीरेंद्र कुमार ने कहा कि पिछले साल गेहूं की फसल किसानों के लिए बड़े घाटे का सौदा साबित हुई थी. लेकिन इस बार किसानों का रुझान मशीनों की ओर ज्यादा है. पांवटा साहिब में दिन-प्रतिदिन मजदूरों की समस्या बढ़ती जा रही है. इस समस्या से निजात दिलाने के लिए ये मशीन बेहद कारगर साबित हो रही है. एक दिन में 10 मजदूर जितनी फसल की कटाई करते थे. उतनी फसलों की कटाई रीपर मशीन से एक घंटे में की जा सकती है.
मशीनों की हो रही अच्छी बिक्री
इस बारे में स्थानीय दुकानदार ने बताया कि इस वर्ष मशीनों की बिक्री बढ़ी है. इन मशीनों पर सरकार के द्वारा 50 फीसदी सब्सिडी भी सरकार के द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है. जिसकी वजह से किसान जमकर खरीदारी कर रहे हैं. रोजाना चार से पांच मशीनें खरीदी जा रही हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आया है.
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