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बागवान प्रदीप हाब्बी का कमाल, कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए तैयार किए 25 हजार सेब के पौधे

सिरमौर के बागवान प्रदीप हाब्बी ने कड़ी मेहतन से कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए 25000 हजार सेब के पौधे तैयार करके असंभव को संभव कर दिखाया है. बागवान प्रदीप हाब्बी ने यह कमाल बिना किसी सरकारी सहायता से प्रदीप हाब्बी ने विकसित पझौता नर्सरी फार्म में कर दिखाया है.

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बागवान प्रदीप हाब्बी ने कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए तैयार किए 25000 सेब के पौधे
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Published : Jun 14, 2020, 8:26 PM IST

नाहन: हिमाचल प्रदेश में कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेब के उत्पादन करने के लिए सिरमौर जिला की पझौता घाटी के गांव बांगी में सेब की नई किस्मों की नर्सरी तैयार करके 34 वर्षीय युवा प्रदीप हाब्बी ने एक अनूठी मिसाल पेश की है. बिना किसी सरकारी सहायता से प्रदीप हाब्बी ने विकसित पझौता नर्सरी फार्म में सेब की नई किस्मों के 25 हजार पौधे तैयार किए गए हैं.

मौजूदा समया में करीब साढ़े तीन बीघा भूमि पर सेब की नर्सरी तैयार की गई है, जिनमें एम-9, एम-7, एमएम-106, एमएम-14 और एमएम-793 सेब की किस्में बिक्री के लिए तैयार है. इसके लिए लोगों ने बुकिंग करनी भी शुरू कर दी गई है और आगामी दिसंबर व जनवरी में सेब के पौधों को रोपण भी किया जाना प्रस्तावित है. इस कार्य के लिए इनके द्वारा 6 बीघा भूमि चिन्हित की गई है, जिसे चरणबद्ध तरीके से केवल सेब की नर्सरी तैयार की जाएगी.

प्रगतिशील बागवान प्रदीप हाब्बी ने सेब की पौध तैयार करने की तकनीक बताते हुए कहा कि उन्होंने साल 2017 में लैब में सेब की नई किस्म के एक इंच के टीशू कल्चर तैयार किए गए. इसके बाद सेब के पौधों को ग्रीन हॉऊस में लगाया गया, जहां पर एक वर्ष में इन पौधों की लंबाई करीब तीन फुट हो गई. तदोपरांत दूसरे साल में कलोनिंग करके सेब के रूट स्टॉक तैयार किए गए हैं.

प्रदीप हाब्बी का कहना है कि सेब की यह नवीनतम किस्म समुद्र तल से करीब 6 हजार फुट की ऊंचाई व केवल पानी वाली जगह पर कामयाब है और तीसरे साल इन सेब के पौधों में सैंपल के तौर पर फल आना शुरू हो जाता है.

जमा दो की पढ़ाई पूर्ण करने के उपरांत प्रदीप हाब्बी सरकारी नौकरी की तलाश में समय बर्बाद करने की बजाए इन्होंने कृषि और बागवानी को अपना व्यवसाय बनाया. सेब के पौधों के लिए लोगों की डिमांड आनी शुरू हो गई है.

इनका कहना है कि उनकी इस नर्सरी में पांच मजदूरों को स्थाई तौर रोजगार मिल रहा है. इसके अतिरिक्त इन्होंने सभी बेरोजगार युवाओं को सलाह दी है. सरकारी नौकरी की तलाश में समय बर्बाद करने की बजाए सेब की बागवानी करें, जिससे स्वाबलंबी बनकर दूसरों को रोजगार देने वाले बन सके.

पढ़ें: IGMC में कोरोना से नहीं, चोट लगने से हुई युवक की मौत: डॉ. जनक राज

नाहन: हिमाचल प्रदेश में कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेब के उत्पादन करने के लिए सिरमौर जिला की पझौता घाटी के गांव बांगी में सेब की नई किस्मों की नर्सरी तैयार करके 34 वर्षीय युवा प्रदीप हाब्बी ने एक अनूठी मिसाल पेश की है. बिना किसी सरकारी सहायता से प्रदीप हाब्बी ने विकसित पझौता नर्सरी फार्म में सेब की नई किस्मों के 25 हजार पौधे तैयार किए गए हैं.

मौजूदा समया में करीब साढ़े तीन बीघा भूमि पर सेब की नर्सरी तैयार की गई है, जिनमें एम-9, एम-7, एमएम-106, एमएम-14 और एमएम-793 सेब की किस्में बिक्री के लिए तैयार है. इसके लिए लोगों ने बुकिंग करनी भी शुरू कर दी गई है और आगामी दिसंबर व जनवरी में सेब के पौधों को रोपण भी किया जाना प्रस्तावित है. इस कार्य के लिए इनके द्वारा 6 बीघा भूमि चिन्हित की गई है, जिसे चरणबद्ध तरीके से केवल सेब की नर्सरी तैयार की जाएगी.

प्रगतिशील बागवान प्रदीप हाब्बी ने सेब की पौध तैयार करने की तकनीक बताते हुए कहा कि उन्होंने साल 2017 में लैब में सेब की नई किस्म के एक इंच के टीशू कल्चर तैयार किए गए. इसके बाद सेब के पौधों को ग्रीन हॉऊस में लगाया गया, जहां पर एक वर्ष में इन पौधों की लंबाई करीब तीन फुट हो गई. तदोपरांत दूसरे साल में कलोनिंग करके सेब के रूट स्टॉक तैयार किए गए हैं.

प्रदीप हाब्बी का कहना है कि सेब की यह नवीनतम किस्म समुद्र तल से करीब 6 हजार फुट की ऊंचाई व केवल पानी वाली जगह पर कामयाब है और तीसरे साल इन सेब के पौधों में सैंपल के तौर पर फल आना शुरू हो जाता है.

जमा दो की पढ़ाई पूर्ण करने के उपरांत प्रदीप हाब्बी सरकारी नौकरी की तलाश में समय बर्बाद करने की बजाए इन्होंने कृषि और बागवानी को अपना व्यवसाय बनाया. सेब के पौधों के लिए लोगों की डिमांड आनी शुरू हो गई है.

इनका कहना है कि उनकी इस नर्सरी में पांच मजदूरों को स्थाई तौर रोजगार मिल रहा है. इसके अतिरिक्त इन्होंने सभी बेरोजगार युवाओं को सलाह दी है. सरकारी नौकरी की तलाश में समय बर्बाद करने की बजाए सेब की बागवानी करें, जिससे स्वाबलंबी बनकर दूसरों को रोजगार देने वाले बन सके.

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