नाहनः वित्तीय बोझ से जूझ रहे हिमाचल को प्रदेश के अधिकारी ही चपत लगाने में जुटे हुए हैं. एक्ससाइज विभाग में करीब सवा सौ करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. किया. इस मामले में अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है. आबकारी एवं कराधान विभाग के आयुक्त रोहन चंद शर्मा ने इसकी पुष्टि की है.
सरकार को पहुंचाया 1 करोड़ 23 लाख का नुकसान
विभागीय जानकारी के अनुसार थोक गोदाम से रिटेल परमिट में 30 फीसदी लाइसेंस फीस ली जाती है, वह नहीं ली गई. इसके चलते 1 करोड़ 23 लाख रुपये का कुल राजस्व नुकसान सरकार को हुआ है. इसके बाद आबकारी एवं कराधान विभाग के ध्यान में जब यह मामला आया तो इसकी छानबीन शुरू की गयी. तकरीबन 6 महीने में जांच के बाद संबंधित इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई गई है.
इंस्पेक्टर को सस्पेंशन लेटर जारी
सरकार को 1 करोड़ 23 लाख की चपत लगाने वाले इंस्पेक्टर को संबंधित विभाग ने सस्पेंशन लेटर जारी कर दिया गया है. यह इंस्पेक्टर जिला सिरमौर के राजगढ़ व सराहां में तैनात रहा. यहां पर निलंबित इंस्पेक्टर ने पिछले साल अक्तूबर, नवंबर और दिसंबर महीने में सरकार को बड़ा चुना लगाया.
रोहन चंद्र ठाकुर ने की पुष्टि
आबकारी एवं कराधान आयुक्त रोहन चंद्र ठाकुर ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि थोक गोदाम से रिटेल परमिट में 30 फीसदी लाइसेंस फीस ली जाती है, जो इस मामले में नहीं ली गई. रोहन चंद ने कहा कि मामले की पूरी गहनता से जांच चल रही है. आरोपी इंस्पेक्टर के निलंबन के आदेश वीरवार को जारी किए गए थे.
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