ETV Bharat / state

एवरेस्ट फतह करने वाले हिमाचल के लाल का भव्य स्वागत, पहली बार 'लाडली' को देख हुए भावुक

दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को हाल ही में फतह करने वाला सिरमौरी बेटा शुक्रवार को अपने घर पहुंचा. इसी बीच विवेक ठाकुर ने अपनी तीन महीने की बच्ची को पहली बार गले लगाकर खूब दुलार किया.

author img

By

Published : Jul 12, 2019, 9:20 PM IST

डिजाइन फोटो

नाहन: दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को हाल ही में फतह करने वाला सिरमौरी बेटा शुक्रवार को अपने घर पहुंचा. पैतृक गांव पहुंचने पर परिजनों समेत ग्रामीणों ने उनका भव्य स्वागत किया. इसी बीच विवेक ठाकुर ने अपनी तीन महीने की बच्ची को पहली बार गले लगाकर खूब दुलार किया.

commander-vivek-thakur reached its home
एवरेस्ट विजेता विवेक ठाकुर
commander-vivek-thakur reached its home
टीम के साथ एवरेस्ट विजेता विवेक ठाकुर

जानकारी के अनुसार, 22 मई 2019 को विवेक ठाकुर ने एवरेस्ट फतह किया था और उसी दिन उनके घर बेटी ने जन्म लिया. विवेक ठाकुर एवरेस्ट फतेह कर शुक्रवार को अपने घर पहुंचे हैं. रेणुका तीर्थ से सटे छोटे से गांव बडोन निवासी विवेक ने अपने साथियों के साथ नेपाल से एवरेस्ट की चढ़ाई शुरू की थी.

commander-vivek-thakur reached its home
अपनी तीन महीने की बेटी को देख भावुक हुए विवेक

30 मार्च को उन्हें राष्ट्रीय ध्वज और एनएसजी ध्वज देकर दिल्ली से रवाना किया गया था. विवेक एवरेस्ट फतह करने निकली 16 सदस्यीय टीम का हिस्सा बनें. टीम सदस्यों ने 8848 मीटर की ऊंचाई का ये सफर करीब दो महीने में पूरा किया.

commander-vivek-thakur reached its home
अपनी तीन महीने की बेटी को देख भावुक हुए विवेक

बता दें कि विवेक ठाकुर ने साल 2012 में पैरा मिलिट्री फोर्स में सब इंस्पेक्टर पद पर सेना में सेवाओं की शुरुआत की थी. वर्ष 2015 में उन्हें एनएसजी में ब्लैक कैट कमांडो के पद पर प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया. उन्होंने यहां से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे उन्होंने साकार भी किया.

वीडियो

ये भी पढे़ं-प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बंद करने के विरोध में वकील, मंडी प्रशासनिक बैंच के बाहर दिया धरना

नाहन: दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को हाल ही में फतह करने वाला सिरमौरी बेटा शुक्रवार को अपने घर पहुंचा. पैतृक गांव पहुंचने पर परिजनों समेत ग्रामीणों ने उनका भव्य स्वागत किया. इसी बीच विवेक ठाकुर ने अपनी तीन महीने की बच्ची को पहली बार गले लगाकर खूब दुलार किया.

commander-vivek-thakur reached its home
एवरेस्ट विजेता विवेक ठाकुर
commander-vivek-thakur reached its home
टीम के साथ एवरेस्ट विजेता विवेक ठाकुर

जानकारी के अनुसार, 22 मई 2019 को विवेक ठाकुर ने एवरेस्ट फतह किया था और उसी दिन उनके घर बेटी ने जन्म लिया. विवेक ठाकुर एवरेस्ट फतेह कर शुक्रवार को अपने घर पहुंचे हैं. रेणुका तीर्थ से सटे छोटे से गांव बडोन निवासी विवेक ने अपने साथियों के साथ नेपाल से एवरेस्ट की चढ़ाई शुरू की थी.

commander-vivek-thakur reached its home
अपनी तीन महीने की बेटी को देख भावुक हुए विवेक

30 मार्च को उन्हें राष्ट्रीय ध्वज और एनएसजी ध्वज देकर दिल्ली से रवाना किया गया था. विवेक एवरेस्ट फतह करने निकली 16 सदस्यीय टीम का हिस्सा बनें. टीम सदस्यों ने 8848 मीटर की ऊंचाई का ये सफर करीब दो महीने में पूरा किया.

commander-vivek-thakur reached its home
अपनी तीन महीने की बेटी को देख भावुक हुए विवेक

बता दें कि विवेक ठाकुर ने साल 2012 में पैरा मिलिट्री फोर्स में सब इंस्पेक्टर पद पर सेना में सेवाओं की शुरुआत की थी. वर्ष 2015 में उन्हें एनएसजी में ब्लैक कैट कमांडो के पद पर प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया. उन्होंने यहां से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे उन्होंने साकार भी किया.

वीडियो

ये भी पढे़ं-प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बंद करने के विरोध में वकील, मंडी प्रशासनिक बैंच के बाहर दिया धरना

Intro:-जिस दिन एवरेस्ट किया था फतेह, उसी दिन बने थे बच्ची के पिता
नाहन। एवरेस्ट विजेता विवेक ठाकुर का पैतृक गांव पहुंचने पर परिजनों समेत ग्रामीणों ने भव्य स्वागत किया। जैसे ही एनएसजी कमांडो विवेक ठाकुर ने गांव में कदम रखा, उनकी माता यशोदा ने उनकी आरती उतारकर स्वागत किया। इसी बीच विवेक ठाकुर ने अपनी तीन माह की बच्ची को पहली बार गले लगाकर खूब दुलार किया। Body:इस मौके पर नवयुवक मंडल के प्रधान निकुंज ठाकुर, महिला मंडल की प्रधान मीरा देवी, नवदुर्गा आईटीआई के निदेशक इंद्र प्रकाश गोयल समेत गांव के दर्जनों लोग उनके स्वागत में शामिल हुए। उल्लेखनीय है कि जिस दिन विवेक ठाकुर ने एवरेस्ट फतेह किया था, उसी दिन उनके घर पर पुत्री ने जन्म लिया। हाल ही में विवेक ठाकुर एवरेस्ट फतेह पर लौटे हैं। इसके बाद वह आज घर पहुंचे, जहां उन्हें लोगों ने पलकों पर बिठाकर स्वागत किया। रेणुका तीर्थ से सटे छोटे से गांव बडोन निवासी विवेक ने अपने साथियों के साथ नेपाल से एवरेस्ट की चढ़ाई शुरू की थी। 30 मार्च को उन्हें राष्ट्रीय ध्वज और एनएसजी ध्वज देकर दिल्ली से रवाना किया गया था। विवेक एवरेस्ट फतह करने निकली 16 सदस्यीय टीम का हिस्सा बनें। टीम सदस्यों ने 8848 मीटर की ऊंचाई का यह सफर करीब दो माह में पूरा किया। बता दें कि विवेक ठाकुर ने साल 2012 में पैरा मिलिट्री फोर्स में सब इंस्पेक्टर पद पर सेना में सेवाओं की शुरुआत की थी। वर्ष 2015 में उन्हें एनएसजी में ब्लैक कैट कमांडों के पद पर प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया। उन्होंने यहां से माउंट एवरेस्ट पर चढने का लक्ष्य निर्धारित किया थाए जिसे उन्होंने साकार भी किया।
Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.