शिमला: प्रदेश विजिलेंस ने नाहन और धर्मशाला में पूर्व प्रधानों और उप प्रधानों सहित सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों के खिलाफ धांधलियां कर सरकारी पैसा हड़पने के अलग-अलग मामलों में अदालत में आरोप पत्र दाखिल किए हैं.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अनुराग गर्ग ने कहा कि ग्राम पंचायत थोंथा-जाखल की महिला प्रधान ने पंचायत सहायक और कनिष्ठि अभियंता के साथ साजिश कर विभिन्न विकास कार्यों के लिए मंजूर पैसे को डकारने का काम किया.
2012 में विजिलेंस के नाहन थाने में मामला दर्ज
इस मामले में 2012 में विजिलेंस के नाहन थाने में मामला दर्ज किया गया. जांच के दौरान सामने आया कि इन तीनों ने जाली बिल और बाउचर बनाए और विकास के कामों के लिए आए पैसे को हड़पने के लिए नाप नपाई वाले दस्तावेजों में फर्जी प्रविष्टियां दर्ज कर दी.
इसके अलावा प्रधान ने सरकारी निधि से एक सुरक्षा दीवार का निर्माण अपने मकान को सुरक्षित करने के लिए कर दिया, जबकि कागजों में इसे कहीं और निम्रित किया गया बताया गया. उन्होंने कहा कि जांच व पूरी होने के बाद इन तीनों के खिलाफ नाहन की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया.
धर्मशाला विजिलेंस ने 2016 में मामला दर्ज किया था
दूसरा मामला धर्मशाला का है. जहां पर मौजूदा और पूर्व प्रधान ने कारनामे दिखाए हैं. ग्राम पंचायत खैरियां के पूर्व प्रधान ने मनरेगा के पैसे से अपने घर के पास कुंआ बना दिया. इसके अलावा सरकारी पैसे से ही अपने घर के लिए जंगल में से सड़क भी निकाल दी, जबकि वन विभाग से कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया गया था. इस मामले में धर्मशाला विजिलेंस ने 2016 में मामला दर्ज किया था.
जांच में पाया गया कि खैरियां पंचायत में पूर्व प्रधान ने मौजूदा प्रधान और पंचायत सचिव की मिली भगत से मनरेगा के तहत अपनी निजी जमीन पर कुंआ बना दिया. यही नहीं इसका इस्तेमाल केवल वही करे इस बावत उसने इसके चारों ओर बाड़ भी लगा दी, ताकि वहां कोई आ जा न सके, जबकि कायदे से अगर निजी जमीन पर कुंआ बनाया गया था तो यह जमीन सरकार को हस्तांतरित होनी चाहिए थी.
विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल
इस मामले में धोखधड़ी करने, झूठे दस्तावेज तैयार करने और भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत धर्मशााला की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया है. गर्ग ने कहा कि इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच करने की भी सिफारिश की गई है. विजिलेंस ने बीते रोज भी तीन अलग-अलग मामलों में अलग-अलग जिलों में दूसरों मामलों में आरोप पत्र दाखिल किए थे.
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