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अनछुआ हिमाचल: हजारों लोगों की आस्था का केंद्र है गुमनाम बाहारा, प्रशासन की बेरुखी से नहीं आई 'बहार'

अनछुआ हिमाचल की इस कड़ी में हम आपको एक ऐसे गुमनाम पर्यटक स्थल के दर्शन करवाएंगे, जहां के मनमोहक दृश्य बेशक हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. साथ ही यहां पर पहुंचने वाले हजारों लोगों की मनोकामनाएं भी पूरी होती है.

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Published : Sep 7, 2019, 9:23 AM IST

डिजाइन फोटो.

पावंटा साहिब: सिरमौर के पोका क्षेत्र का बाहारा तीर्थ स्थल बेहद खूबसूरत है. मान्यता है कि मंदिर परिसर में बनी बावड़ियों में पांव रखते ही 12 तीर्थों के दर्शन का पुण्य मिल जाता है. इस तीर्थ स्थल का वर्णन पुराणों में भी किया गया है. बताया जाता है कि मंदिर परिसर में बनी बावड़ियों में साल भर पानी रहता है. सबसे अद्भुत बात है कि बावड़ियों में पानी की मात्रा न तो कभी कम होती है या न ही कभी बढ़ती है.

वीडियो.

सावन के महीने में इस तीर्थ स्थल पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. बाहारा तीर्थ स्थान पर पानी की तीन बावड़ियां हैं. पहली बावड़ी में आस-पास के क्षेत्र के देवताओं की पालकी स्नान करती है. दूसरी बावड़ी में सामान्य जाति के लोग और तीसरी बावड़ी में अनुसूचित जाति के लोग स्नान करते हैं.

कहा जाता है कि बाहारा तीर्थ स्थल पर विष्णु भगवान का प्रकाश विद्यमान है और जो भी श्रद्धालु यहां सच्चे मन से मन्नत मांगता है वो अवश्य ही पूरी होती है. ऊंचे-ऊंचे पेड़ और पहाड़ियों का मनमोहक नजारा हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है. यहां से उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा का कुछ क्षेत्र भी नजर आता है. पारंपरिक मान्यताओं और हजारों लोगों की आस्था का केंद्र होने के बावजूद बाहारा क्षेत्र का विकास नहीं हो पाया है.

सरकार व प्रशासन सुविधाएं मुहैया करवाने में फेल

बाहारा क्षेत्र में सरकार व प्रसाशन द्वारा कोई सुविधा मुहैया नहीं करवाई गई है. हजारों भक्त कई किलोमीटर पैदल चलकर इस स्थान पहुंचते हैं. यहां आने के लिए सड़क सुविधा तक उपलब्ध नहीं करवाई गई है. बाहारा तीर्थ स्थल पर श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए होटलों की व्यवस्था नहीं है. इसके अलावा यहां खाने-पीने और बिजली तक की उचित व्यवस्था नहीं है. इस जगह पर हर साल हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं.

untouched tourist place of himachal pradesh
डिजाइन फोटो.

बावजूद इसके सरकार की ओर से यहां एक कमरा तक नहीं बनवाया गया है. बारिश के मौसम में मंदिर परिसर में पहुंचे श्रद्धालुओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई साल पहले ग्रामीणों ने एक छोटा सा कमरा जरूर बनाया था, लेकिन उसकी हालत भी काफी खस्ता हो गई है.

प्रदेश सरकार धार्मिक पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए जोर दे रही है. इसके लिए कई प्रस्ताव भी तैयार किए जा रहे हैं. ये तीर्थ स्थल सरकार की नजर में आता है, तो क्षेत्र उन्नति की राह पर बढ़ सकता है. स्थानीय लोगों की शिकायत है कि लंबा समय बीत जाने के बावजूद यहां पर सरकार के सभी दावे खोखले साबित हुए हैं. अगर प्रदेश सरकार इस तीर्थ स्थान पर ध्यान दे तो यह हिंदुस्तान के पटल पर पहला तीर्थ स्थान बन सकता है. इस जगह पर अगर सही सुविधाएं दी जाए तो आने वाले समय में यहां पर रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालु पहुंचेंगे.

पावंटा साहिब: सिरमौर के पोका क्षेत्र का बाहारा तीर्थ स्थल बेहद खूबसूरत है. मान्यता है कि मंदिर परिसर में बनी बावड़ियों में पांव रखते ही 12 तीर्थों के दर्शन का पुण्य मिल जाता है. इस तीर्थ स्थल का वर्णन पुराणों में भी किया गया है. बताया जाता है कि मंदिर परिसर में बनी बावड़ियों में साल भर पानी रहता है. सबसे अद्भुत बात है कि बावड़ियों में पानी की मात्रा न तो कभी कम होती है या न ही कभी बढ़ती है.

वीडियो.

सावन के महीने में इस तीर्थ स्थल पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. बाहारा तीर्थ स्थान पर पानी की तीन बावड़ियां हैं. पहली बावड़ी में आस-पास के क्षेत्र के देवताओं की पालकी स्नान करती है. दूसरी बावड़ी में सामान्य जाति के लोग और तीसरी बावड़ी में अनुसूचित जाति के लोग स्नान करते हैं.

कहा जाता है कि बाहारा तीर्थ स्थल पर विष्णु भगवान का प्रकाश विद्यमान है और जो भी श्रद्धालु यहां सच्चे मन से मन्नत मांगता है वो अवश्य ही पूरी होती है. ऊंचे-ऊंचे पेड़ और पहाड़ियों का मनमोहक नजारा हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है. यहां से उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा का कुछ क्षेत्र भी नजर आता है. पारंपरिक मान्यताओं और हजारों लोगों की आस्था का केंद्र होने के बावजूद बाहारा क्षेत्र का विकास नहीं हो पाया है.

सरकार व प्रशासन सुविधाएं मुहैया करवाने में फेल

बाहारा क्षेत्र में सरकार व प्रसाशन द्वारा कोई सुविधा मुहैया नहीं करवाई गई है. हजारों भक्त कई किलोमीटर पैदल चलकर इस स्थान पहुंचते हैं. यहां आने के लिए सड़क सुविधा तक उपलब्ध नहीं करवाई गई है. बाहारा तीर्थ स्थल पर श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए होटलों की व्यवस्था नहीं है. इसके अलावा यहां खाने-पीने और बिजली तक की उचित व्यवस्था नहीं है. इस जगह पर हर साल हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं.

untouched tourist place of himachal pradesh
डिजाइन फोटो.

बावजूद इसके सरकार की ओर से यहां एक कमरा तक नहीं बनवाया गया है. बारिश के मौसम में मंदिर परिसर में पहुंचे श्रद्धालुओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई साल पहले ग्रामीणों ने एक छोटा सा कमरा जरूर बनाया था, लेकिन उसकी हालत भी काफी खस्ता हो गई है.

प्रदेश सरकार धार्मिक पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए जोर दे रही है. इसके लिए कई प्रस्ताव भी तैयार किए जा रहे हैं. ये तीर्थ स्थल सरकार की नजर में आता है, तो क्षेत्र उन्नति की राह पर बढ़ सकता है. स्थानीय लोगों की शिकायत है कि लंबा समय बीत जाने के बावजूद यहां पर सरकार के सभी दावे खोखले साबित हुए हैं. अगर प्रदेश सरकार इस तीर्थ स्थान पर ध्यान दे तो यह हिंदुस्तान के पटल पर पहला तीर्थ स्थान बन सकता है. इस जगह पर अगर सही सुविधाएं दी जाए तो आने वाले समय में यहां पर रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालु पहुंचेंगे.

Intro:पांव रखते ही 12 तीर्थ के दर्शन हो जाते हैं मान्यता है कि शीश झुकाने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है बावड़ी में डुबकी लगाने से सभी पाप धुल जाते हैंBody:हिमाचल, पेङ पौधो व हरियाली भरा राज्य माना जाता है यहाँ की सुंदरता से हर कोई वाकिफ है हिमाचल को देवभूमि कहा भी जाता है। हिमाचल में बहुत से देवी देवताओं के मन्दिर हैं। इन मंदिरों दर्शन करने के लिए देश विदेश से लोग अपना शीश झुका कर अपनी मनोकामना मांगते हैं कहा जाता है कि हिमाचल में देवी देवताओं का वास है। हिमाचल के हर क्षेत्र में एक ना एक देवता या देवी अवश्य होते हैं आज भी इन्ही मंदिरों के दर्शन के लिये श्रद्धालुओं की कतारें लगी होती है लेकिन आज आपको ऐसे मंदिर की तस्वीर दिखा रहे हैं जिसमें एक डुबकी लगाने से सारे कष्ट और पाप मिट जाते हैं

हिमाचल में कई तीर्थ स्थल है वही जिला सिरमौर के पोका क्षेत्र के बारह क्षेत्र नामक तीर्थ सथल भी जे जिसमे मात्र पेर रखने से ही 12 तीर्थो के दर्शन का पुण्य प्राप्त होता है....

इस तीर्थ स्थान पर पानी 3 बोडिया है जिसमे स्नान किया जाता है पहली बोडी जिसमे आस पास के क्षेत्र की देवताओ की पालकी स्नान करती है तथा दूसरी बोडी में सामान्य जाति के स्नान के लिए रखा गया है और तीसरी बोडी में अनुसूचित जाति के लोग स्नान करते है इन बावड़ी गांव में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं सावन के माह पर इस तीर्थ स्थल पर हजारो की संख्या में श्रद्धालु आते है तथा 12 तीर्थो के पुण्य प्राप्त करते है पुरानी मान्यता है कि यहां पर विष्णु भगवान का प्रकाश है जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से मन्नत मांगता है अवश्य ही पूरी होती है पर्यटक की दृष्टि से अगर क्षेत्र को देखा जाए तो हरे हरे पेड़ पौधे और सुंदर नजारा यही नहीं यहां से उत्तराखंड पंजाब हरियाणा क्षेत्र सामने नजर आते हैं

वही यहाँ पर सरकार व प्रसाशन के द्वारा कोई भी सुविधा मुहैया नही करवाई गई है हजारो भक्त कई किलोमीटर पैदल चल कर यहाँ पहुंचते है नही यहाँ आने के लिए कोई सड़क सुविधा है और इस तीर्थ स्थल पर नही बिजली पानी की कोई व्यवस्था की गई है
ब्लॉक लेवल पर कई स्कीमें सरकार के द्वारा चलाई जाती है परंतु यह स्कीमें इस तीर्थ स्थल तक नही पहुंचाई गई है यह स्थान आस पास के क्षेत्र के ग्रामीणों की आस्था का केंद्र है उसके बावजूद सरकार व स्थानीय नेताओं के द्वारा एक 10 *10 का कमरा तक नही बनवाया गया है जिसे बारिश के मौसम में भगत अपना सर छुपा सके कई वर्ष पूर्व ग्रामीणों ने एक छोटा सा कमरा जरूर बनाया था लेकिन उसकी हालत काफी खस्ता है। खुले आसमान के नीचे आज भी श्रद्धालु अपनी औकात भूल जाते हैं

बीओ ग्रामीणों का कहना है प्रदेश सरकार अगर इस तीर्थ स्थान पर ध्यान दे तो हिंदुस्तान के पटल पर पहला तीर्थ स्थान बन सकता है इस तीर्थ स्थान का अपने आप में बहुत बड़ा महत्व है पुराणों में भी इसका विक्रांत किया गया है परंतु पूर्व में रही सरकारों ने इस को अनदेखा किया है प्रदेश और केंद्र सरकार अगर इसकी और ध्यान देती तो यह है पूरे भारत में पर्यटन की दृष्टि में उसका नाम सबसे ऊपर जा सकता है क्षेत्र की बेरोजगारी भी कम हो सकती है और युवाओं को रोजगार मिल सकता है पंजाब हरियाणा उत्तराखंड पूरे जिला सिरमौर के हर कस्बे से लोग यहां पर अपना शीश झुकाने के लिए आते हैं लेकिन सुविधाओं से वंचित है यह मंदिर आज भी अपने बदहाली पर आंसू बहा रहा है अगर यहां पर सुविधाएं मिल जाए तो हिमाचल का नंबर वन तीर्थ स्थान के नाम से जाना जा सकता है

बाईट ग्रमीण सतोन कांडो पोका कोटगा गाव निवासी

एक प्रदेश सरकार धार्मिक पर्यटक स्थलों को विकसित करने के लिए जोर दे रही है कई प्रपोजल तैयार भी किए जा रहे हैं अगर ऐसे ही तीर्थ स्थानों पर भी सरकार ध्यान दे तो आने वाले समय में यह स्थान काफी उन्नति की राह पर बढ़ सकता है लोगों ने कहा कि इतना लंबा समय बीत जाने के बावजूद भी यहां पर सरकार के सभी दावे खोखले नजर आ रहे हैं शासन प्रशासन व सभी उच्च अधिकारी यहां तक सुविधाएं देने में नाकामयाब साबित हो रहे हैं अगर इसका समय रहते हैं प्रसार किया जाए ताकि दूर-दूर से यहां पर श्रद्धालु अपना शीश झुकाने आते रहे हिमाचल के अन्य तीर्थ स्थलों से सबसे अच्छा तीर्थ स्थल यही है लेकिन इसकी और कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है श्रद्धालुओं के लिए अगर यहां पर सुविधाएं दी जाए भंडारे का आयोजन किया जाए तो आने वाले समय में यहां पर रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालु यहां पर पहुंचेंगे


बाईट क्षेत्र वासी

रेणुका हरिपुरधार हरिद्वार कुरुक्षेत्र वैजनाथ बद्रीनाथ केदारनाथ वैष्णो देवी इत्यादि धार्मिक चलो पर जाते हैं यदि लोग इस मंदिर में अपना शीश छुपा दे तो सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है पुराणों में यह भी बताया जाता है कि विष्णु भगवान का यह मंदिर जहां पर प्राचीन बावरडीया व उनके अंदर अपने आप ही जल उत्पन्न हो रहा है बारह मासी पानी उपलब्ध मिलता सबसे अद्भुत बात की पानी की मात्रा भी एक बराबर ही है ना कभी कम होती है या ना कभी बढ़ती है

बाईट ग्रामीणConclusion:
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