पावंटा साहिब: सिरमौर के पोका क्षेत्र का बाहारा तीर्थ स्थल बेहद खूबसूरत है. मान्यता है कि मंदिर परिसर में बनी बावड़ियों में पांव रखते ही 12 तीर्थों के दर्शन का पुण्य मिल जाता है. इस तीर्थ स्थल का वर्णन पुराणों में भी किया गया है. बताया जाता है कि मंदिर परिसर में बनी बावड़ियों में साल भर पानी रहता है. सबसे अद्भुत बात है कि बावड़ियों में पानी की मात्रा न तो कभी कम होती है या न ही कभी बढ़ती है.
सावन के महीने में इस तीर्थ स्थल पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. बाहारा तीर्थ स्थान पर पानी की तीन बावड़ियां हैं. पहली बावड़ी में आस-पास के क्षेत्र के देवताओं की पालकी स्नान करती है. दूसरी बावड़ी में सामान्य जाति के लोग और तीसरी बावड़ी में अनुसूचित जाति के लोग स्नान करते हैं.
कहा जाता है कि बाहारा तीर्थ स्थल पर विष्णु भगवान का प्रकाश विद्यमान है और जो भी श्रद्धालु यहां सच्चे मन से मन्नत मांगता है वो अवश्य ही पूरी होती है. ऊंचे-ऊंचे पेड़ और पहाड़ियों का मनमोहक नजारा हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है. यहां से उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा का कुछ क्षेत्र भी नजर आता है. पारंपरिक मान्यताओं और हजारों लोगों की आस्था का केंद्र होने के बावजूद बाहारा क्षेत्र का विकास नहीं हो पाया है.
सरकार व प्रशासन सुविधाएं मुहैया करवाने में फेल
बाहारा क्षेत्र में सरकार व प्रसाशन द्वारा कोई सुविधा मुहैया नहीं करवाई गई है. हजारों भक्त कई किलोमीटर पैदल चलकर इस स्थान पहुंचते हैं. यहां आने के लिए सड़क सुविधा तक उपलब्ध नहीं करवाई गई है. बाहारा तीर्थ स्थल पर श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए होटलों की व्यवस्था नहीं है. इसके अलावा यहां खाने-पीने और बिजली तक की उचित व्यवस्था नहीं है. इस जगह पर हर साल हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं.
बावजूद इसके सरकार की ओर से यहां एक कमरा तक नहीं बनवाया गया है. बारिश के मौसम में मंदिर परिसर में पहुंचे श्रद्धालुओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई साल पहले ग्रामीणों ने एक छोटा सा कमरा जरूर बनाया था, लेकिन उसकी हालत भी काफी खस्ता हो गई है.
प्रदेश सरकार धार्मिक पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए जोर दे रही है. इसके लिए कई प्रस्ताव भी तैयार किए जा रहे हैं. ये तीर्थ स्थल सरकार की नजर में आता है, तो क्षेत्र उन्नति की राह पर बढ़ सकता है. स्थानीय लोगों की शिकायत है कि लंबा समय बीत जाने के बावजूद यहां पर सरकार के सभी दावे खोखले साबित हुए हैं. अगर प्रदेश सरकार इस तीर्थ स्थान पर ध्यान दे तो यह हिंदुस्तान के पटल पर पहला तीर्थ स्थान बन सकता है. इस जगह पर अगर सही सुविधाएं दी जाए तो आने वाले समय में यहां पर रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालु पहुंचेंगे.