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सालों से धूल फांक रहा लाखों की लागत से तैयार ये सरकारी भवन, अनदेखी से खंडहर में तबदील

सालों पहले नाहन से थोड़ी दूर कांसीवाला में वेलफेयर द्वारा पीडब्ल्यूडी के माध्यम से अंबेडकर भवन निर्माण करवाया गया था, जिसकी देखरेख का जिम्मा नगर परिषद नाहन को सौंपा गया था. 17 नवंबर 2010 को तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने इस भवन का उद्घाटन किया था, लेकिन आज करीब 10 लाख रुपये की लागत से तैयार डॉ. अंबेडकर भवन कई सालों से भवन धूल फांक रहा है.

लाखों रुपये से तैयार यह सरकारी भवन खस्ताहाल.
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Published : Jul 2, 2019, 7:06 PM IST

Updated : Jul 2, 2019, 7:41 PM IST

नाहन: जिला मुख्यालय नाहन के कांसीवाला में करीब 10 लाख रुपये की लागत से तैयार किया गया डॉ. अंबेडकर भवन कई सालों से भवन धूल फांक रहा है. नगर परिषद नाहन की अनदेखी से ये सरकारी भवन धीरे-धीरे खंडहर में तबदील होने लगा है.

दरअसल सालों पहले शहर से थोड़ी दूर कांसीवाला में वेलफेयर द्वारा पीडब्ल्यूडी के माध्यम से इस भवन निर्माण करवाया गया था, जिसकी देखरेख का जिम्मा नगर परिषद नाहन को सौंपा गया था. 17 नवंबर 2010 को तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने इस भवन का उद्घाटन किया था.

वीडियो.

इस भवन को बनाने का मुख्य उद्देश्य यह था कि निर्धन परिवारों को शादी विवाह या अन्य कार्यक्रमों के लिए कम पैसों में हॉल उपलब्ध करवाया जा सके. भवन में ज्यादा कार्यक्रम नहीं करवाए गए और धीरे-धीरे यह भवन खस्ताहाल होता चला गया. इस समय इसकी हालत बहुत दयनीय है.

मामला मीडिया द्वारा सामने लाए जाने के बाद हालांकि नगर परिषद नाहन इस भवन की जल्द दशा सुधारने की बात कह रही है. उधर, नगर परिषद के कनिष्ठ अभियंता परवेज इकबाल ने बताया कि भवन को वेलफेयर विभाग द्वारा लोक निर्माण विभाग के माध्यम से बनवाया गया था, जिसकी देखरेख नगर परिषद को सौंपी गई थी. अब नगर परिषद इस भवन को लेकर जल्द ही रखरखाव पर कार्य करने वाली है, ताकि यह भवन लोगाों के काम आ सके.

नाहन: जिला मुख्यालय नाहन के कांसीवाला में करीब 10 लाख रुपये की लागत से तैयार किया गया डॉ. अंबेडकर भवन कई सालों से भवन धूल फांक रहा है. नगर परिषद नाहन की अनदेखी से ये सरकारी भवन धीरे-धीरे खंडहर में तबदील होने लगा है.

दरअसल सालों पहले शहर से थोड़ी दूर कांसीवाला में वेलफेयर द्वारा पीडब्ल्यूडी के माध्यम से इस भवन निर्माण करवाया गया था, जिसकी देखरेख का जिम्मा नगर परिषद नाहन को सौंपा गया था. 17 नवंबर 2010 को तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने इस भवन का उद्घाटन किया था.

वीडियो.

इस भवन को बनाने का मुख्य उद्देश्य यह था कि निर्धन परिवारों को शादी विवाह या अन्य कार्यक्रमों के लिए कम पैसों में हॉल उपलब्ध करवाया जा सके. भवन में ज्यादा कार्यक्रम नहीं करवाए गए और धीरे-धीरे यह भवन खस्ताहाल होता चला गया. इस समय इसकी हालत बहुत दयनीय है.

मामला मीडिया द्वारा सामने लाए जाने के बाद हालांकि नगर परिषद नाहन इस भवन की जल्द दशा सुधारने की बात कह रही है. उधर, नगर परिषद के कनिष्ठ अभियंता परवेज इकबाल ने बताया कि भवन को वेलफेयर विभाग द्वारा लोक निर्माण विभाग के माध्यम से बनवाया गया था, जिसकी देखरेख नगर परिषद को सौंपी गई थी. अब नगर परिषद इस भवन को लेकर जल्द ही रखरखाव पर कार्य करने वाली है, ताकि यह भवन लोगाों के काम आ सके.

Intro:-10 लाख की लागत से बना था यह अंबेडर भवन, धूमल ने किया था उद्घाटन 
नाहन। जिला मुख्यालय नाहन के कांसीवाला में करीब 10 लाख रूपए की लागत से तैयार किया गया डा. अंबेडकर भवन धूल फांक रहा है। अनदेखी का आलम यह है कि यह सरकारी भवन धीरे-धीरे खंडहर में तबदील होने लगा है। तस्वीरों में साफ देख सकते हैं कि इस दिशा में कोई कारगर कदम न उठाए जाने से भवन खस्ताहाल हो चुका है। खिड़कियों के शीशे व शौचालयों के दरवाजे टूट चुके हैं। 


Body:दरअसल सालों पहले शहर से थोड़ा दूर कांसीवाला में वेलफेयर द्वारा पीडब्ल्यूडी के माध्यम से  इस भवन निर्माण करवाया गया था, जिसकी देखरेख का जिम्मा नगर परिषद नाहन को सौंपा गया था। 17 नवंबर 2010 को तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने इस भवन का उद्घाटन किया था। 
इस भवन को बनाने का मुख्य उद्देश्य यह था कि निर्धन परिवारों को शादी विवाह या अन्य कार्यक्रमों के लिए कम पैसों में हाल उपलब्ध करवाया जा सके। मगर शहर से थोड़ी दूर होने के कारण इस भवन में कार्यक्रम भी कम ही हुए अैर धीरे-धीरे यह खस्ताहाल होता चला गया। इस समय इसकी हालत बहुत दयनीय है। मामला मीडिया द्वारा सामने लाए जाने के बाद हालांकि नगर परिषद नाहन इस भवन की जल्द दशा सुधारने की बात कह रही है। 
उधर नगर परिषद के कनिष्ठ अभियंता परवेज इकबाल ने बताया कि भवन को वेलफेयर विभाग द्वारा लोक निर्माण विभाग के माध्यम से बनवाया गया था, जिसकी देखरेख नगर परिषद को सौंपी गई थी। अब नगर परिषद इस भवन को लेकर जल्द ही रखरखाव पर कार्य करने वाली है, ताकि यह भवन लोगाों के काम आ सके।
बाइट : परवेज इकबाल, कनिष्ठ अभियंता, नप नाहन


Conclusion:कुल मिलाकर किस तरह से सरकारी स्तर पर अनदेखी की जाती है, इसका जीता जागता उदाहरण यह भवन है। अब देखना यह होगा कि नगर परिषद कब तक इस भवन की सुध लेती है। 
Last Updated : Jul 2, 2019, 7:41 PM IST
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