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सिरमौर में आयुष्मान भव कार्यक्रम की शुरूआत, संक्रमण से बच्चों को सुरक्षित रखने का प्रयास

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Published : Jun 21, 2021, 5:17 PM IST

जिला सिरमौर में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने, बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए सिरमौर प्रशासन ने एक नई पहल की है. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रशासन ने जिला में आयुष्मान भव कार्यक्रम की शुरूआत की है. इस कार्यक्रम का शुभारंभ विधायक डॉ. राजीव बिंदल ने किया.

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नाहन: कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर से बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए सिरमौर प्रशासन ने एक नई पहल की है. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रशासन ने जिला में आयुष्मान भव कार्यक्रम की शुरूआत की है. इस कार्यक्रम का शुभारंभ विधायक डॉ. राजीव बिंदल ने किया.

दरअसल 0 से 18 साल के बच्चों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए शुरू किए गए इस विशेष कार्यक्रम के तहत बच्चों को 3 श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जिनकी इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ-साथ कोरोना संक्रमण को लेकर व्यापक स्तर पर जागरूक किया जाएगा.

डीसी सिरमौर डॉ.आरके परूथी ने बताया कि जिला प्रशासन ने आयुष विभाग, शिक्षा विभाग एवं सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के साथ मिलकर बच्चों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया है, जिन्हें आयुष्मान भव कार्यक्रम के तहत आयुष फुलवारी, आयुष चहक एवं आयुष निर्माण का नाम दिया गया है.

वीडियो

वैक्सीनेशन के लिए जागरूकता अभियान

इस अभियान के तहत तहत 0 से 6 वर्ष के बच्चों को आयुष फुलवारी का नाम दिया गया है. आंगनबाड़ी में जाने वाले संबंधित आयु वर्ग के बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के साथ मिलकर आयुष विभाग बच्चों की माताओं की वैक्सीनेशन के लिए जागरूकता अभियान चलाएगा. 6 से 14 साल तक के बच्चों को आयुष चहक व 14 से 18 साल के बच्चों को आयुष निर्माण का नाम दिया गया है, जिन्हें शिक्षा विभाग के साथ मिलकर जागरूक किया जाएगा.

औषधीय पौधों के बारे में जानकारी दी जाएगी

बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने पर विशेष ध्यान रखा जाएगा. साथ ही कोविड प्रोटोकाॅल के व्यवहार को अपनाने, कोरोना संबंधी जागरूकता के अलावा उनके खान-पान एवं ऋतु चर्या के बारे में विस्तार से जागरूक किया जाएगा. डीसी ने बताया कि जिन बच्चों में मामूली लक्षण होंगे, वहां पर सशमनी वटी, आयुष बाल काढ़ा आदि का भी सहारा भी लिया जाएगा. बच्चों की जो आनलाइन कक्षाएं चल रही हैं, उसमें आयुष विभाग के साथ मिलकर बच्चों को संक्रमण से बचाव को मद्देनजर विभिन्न विषयों पर जागरूक किया जाएगा. वहीं 14 से 18 साल के बच्चों को उपरोक्त जानकारी के साथ-साथ दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाले औषधीय पौधों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी.

कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी

डीसी सिरमौर ने कहा बेशक जिला में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में काफी गिरावट आ गई है, लेकिन संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए भी सिरमौर प्रशासन ने कमर कस ली है और संक्रमण से बच्चों की सुरक्षा के लिए हरसंभव तैयारी की जा रही है.

ये भी पढ़ें- योग ने कैसे बचाई बहन रंगोली की जान, योग दिवस पर कंगना रनौत ने बताई पूरी कहानी

नाहन: कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर से बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए सिरमौर प्रशासन ने एक नई पहल की है. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रशासन ने जिला में आयुष्मान भव कार्यक्रम की शुरूआत की है. इस कार्यक्रम का शुभारंभ विधायक डॉ. राजीव बिंदल ने किया.

दरअसल 0 से 18 साल के बच्चों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए शुरू किए गए इस विशेष कार्यक्रम के तहत बच्चों को 3 श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जिनकी इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ-साथ कोरोना संक्रमण को लेकर व्यापक स्तर पर जागरूक किया जाएगा.

डीसी सिरमौर डॉ.आरके परूथी ने बताया कि जिला प्रशासन ने आयुष विभाग, शिक्षा विभाग एवं सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के साथ मिलकर बच्चों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया है, जिन्हें आयुष्मान भव कार्यक्रम के तहत आयुष फुलवारी, आयुष चहक एवं आयुष निर्माण का नाम दिया गया है.

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वैक्सीनेशन के लिए जागरूकता अभियान

इस अभियान के तहत तहत 0 से 6 वर्ष के बच्चों को आयुष फुलवारी का नाम दिया गया है. आंगनबाड़ी में जाने वाले संबंधित आयु वर्ग के बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के साथ मिलकर आयुष विभाग बच्चों की माताओं की वैक्सीनेशन के लिए जागरूकता अभियान चलाएगा. 6 से 14 साल तक के बच्चों को आयुष चहक व 14 से 18 साल के बच्चों को आयुष निर्माण का नाम दिया गया है, जिन्हें शिक्षा विभाग के साथ मिलकर जागरूक किया जाएगा.

औषधीय पौधों के बारे में जानकारी दी जाएगी

बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने पर विशेष ध्यान रखा जाएगा. साथ ही कोविड प्रोटोकाॅल के व्यवहार को अपनाने, कोरोना संबंधी जागरूकता के अलावा उनके खान-पान एवं ऋतु चर्या के बारे में विस्तार से जागरूक किया जाएगा. डीसी ने बताया कि जिन बच्चों में मामूली लक्षण होंगे, वहां पर सशमनी वटी, आयुष बाल काढ़ा आदि का भी सहारा भी लिया जाएगा. बच्चों की जो आनलाइन कक्षाएं चल रही हैं, उसमें आयुष विभाग के साथ मिलकर बच्चों को संक्रमण से बचाव को मद्देनजर विभिन्न विषयों पर जागरूक किया जाएगा. वहीं 14 से 18 साल के बच्चों को उपरोक्त जानकारी के साथ-साथ दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाले औषधीय पौधों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी.

कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी

डीसी सिरमौर ने कहा बेशक जिला में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में काफी गिरावट आ गई है, लेकिन संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए भी सिरमौर प्रशासन ने कमर कस ली है और संक्रमण से बच्चों की सुरक्षा के लिए हरसंभव तैयारी की जा रही है.

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