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खेल-खेल में मिलेगा धार्मिक ज्ञान, कलगीधर ट्रस्ट बड्डू साहिब के कलाकारों ने ईजाद किए धार्मिक खेल - कलगीधर ट्रस्ट बड्डू साहिब

अज्ञानता और सांसारिक लगाव के बढ़ते विस्तार के बीच मानवता को बहाल करने के लिए दूर-दूर की यात्रा की.'ठुकराल और टागरा' की कलाकार जोड़ी, कलगीधर सोसायटी, बड्डू साहिब के सहयोग से आम जन मानस के लिए इंटरैक्टिव, ज्ञानवर्धक और आनंददायक खेल लाए हैं.

धार्मिक खेल
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Published : Oct 12, 2020, 12:33 PM IST

राजगढ़: गुरु नानक देव जी ने अपने साथी भाई मरदाना जी के साथ मानवता को शांति, प्रेम और करुणा का संदेश देने के लिए 24 वर्षों की अवधि में चार आध्यात्मिक यात्राएं की. उनके मिशन का उद्देश्य भारतीय उपमहाद्वीप और सभी चार दिशाओं में रहने वाले अन्य देशों के लोगों को ज्ञान देना था.

अज्ञानता और सांसारिक लगाव के बढ़ते विस्तार के बीच मानवता को बहाल करने के लिए दूर-दूर की यात्रा की.'ठुकराल और टागरा' की कलाकार जोड़ी, कलगीधर सोसायटी, बड्डू साहिब के सहयोग से आम जन मानस के लिए इंटरैक्टिव, ज्ञानवर्धक और आनंददायक खेल लाए हैं.

कुछ कदम गुरु नानक के साथ और गुरु नानक का फलसफा जो कि सभी आयु-वर्ग के व्यक्तियों के लिए है. ये खेल मानवता को पुनर्स्थापित करने के पवित्र मिशन के बारे में गुरु नानक के फलसफे के माध्यम से जनता को शिक्षित करने की एक पहल है.

बोर्ड गेम 'कुछ कदम गुरु नानक के साथ' 4 खिलाड़ियों का खेल है. खेल पासा घुमाकर खेला जाता है. खेल में बैकवर्ड फॉरवर्ड मूवमेंट क्रमशः एक बेन बून आशीर्वाद अंक द्वारा निर्धारित किया जाता है. बोर्ड पर प्रत्येक मील-पत्थर पर निर्देश लिखे गए हैं. 24 मील-पत्थर हैं जो बिदर, सियालकोट, सोमनाथ स्थानों के पर्याय हैं, जहां गुरु नानक देव जी ने लोगों को अपनी शिक्षाओं से आशीर्वाद दिया था. खेल को चार चरणों में विभाजित किया गया है जो आगे 6 भागों में विभाजित हैं.

खिलाड़ी 24वें मील-पत्थर पर पहुंचने के बाद अपना खेल समाप्त करते हैं. दूसरी ओर, कार्ड गेम (गुरु नानक का फलसफा) एक व्यक्ति को इन 24 स्थानों से जुड़ी कहानियों (साखियों) को 'लाल दृश्यदर्शी' का उपयोग कर 'ठुकराल और टागरा' कृत 24 कार्ड्स के माध्यम से पढ़ सकते हैं.

ये दोनों खेल सबसे पहले गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश उत्सव के उपलक्ष्य में कलगीधर सोसाइटी द्वारा आयोजित किए गए थे. इसके बाद 'होला मौहल्ला' के अवसर पर तख्त श्री केसगढ़ साहिब, आनंदपुर साहिब, पंजाब में इसे स्थापित किया गया.

दोनों प्रदर्शनियों को सामूहिक रूप से लगभग 5000 लोगों ने देखा था. दोनों खेल लोगों को शिक्षित करने के एकमात्र उद्देश्य से तैयार किए गए हैं. गुरु नानक देव जी की आध्यात्मिक यात्राओं के बारे में यह अंश, बाबा इकबाल सिंह जी द्वारा लिखित और कलगीधर सोसाइटी, बडू साहिब द्वारा प्रकाशित पुस्तक 'सिख फेथ एन इप्पीटयूम ऑफ इंटर फेथ फॉर डिवाइन रियलाइजेशन और अन्य कई स्रोतों से लिए गए हैं. गुरु नानक देव जी के मानव-जाति के लिए संदेशों को एक कलात्मक दृष्टि से सचित्र प्रारूप में विनम्रतापूर्वक एवं सम्मान-सहित अनुवाद किया गया है.

राजगढ़: गुरु नानक देव जी ने अपने साथी भाई मरदाना जी के साथ मानवता को शांति, प्रेम और करुणा का संदेश देने के लिए 24 वर्षों की अवधि में चार आध्यात्मिक यात्राएं की. उनके मिशन का उद्देश्य भारतीय उपमहाद्वीप और सभी चार दिशाओं में रहने वाले अन्य देशों के लोगों को ज्ञान देना था.

अज्ञानता और सांसारिक लगाव के बढ़ते विस्तार के बीच मानवता को बहाल करने के लिए दूर-दूर की यात्रा की.'ठुकराल और टागरा' की कलाकार जोड़ी, कलगीधर सोसायटी, बड्डू साहिब के सहयोग से आम जन मानस के लिए इंटरैक्टिव, ज्ञानवर्धक और आनंददायक खेल लाए हैं.

कुछ कदम गुरु नानक के साथ और गुरु नानक का फलसफा जो कि सभी आयु-वर्ग के व्यक्तियों के लिए है. ये खेल मानवता को पुनर्स्थापित करने के पवित्र मिशन के बारे में गुरु नानक के फलसफे के माध्यम से जनता को शिक्षित करने की एक पहल है.

बोर्ड गेम 'कुछ कदम गुरु नानक के साथ' 4 खिलाड़ियों का खेल है. खेल पासा घुमाकर खेला जाता है. खेल में बैकवर्ड फॉरवर्ड मूवमेंट क्रमशः एक बेन बून आशीर्वाद अंक द्वारा निर्धारित किया जाता है. बोर्ड पर प्रत्येक मील-पत्थर पर निर्देश लिखे गए हैं. 24 मील-पत्थर हैं जो बिदर, सियालकोट, सोमनाथ स्थानों के पर्याय हैं, जहां गुरु नानक देव जी ने लोगों को अपनी शिक्षाओं से आशीर्वाद दिया था. खेल को चार चरणों में विभाजित किया गया है जो आगे 6 भागों में विभाजित हैं.

खिलाड़ी 24वें मील-पत्थर पर पहुंचने के बाद अपना खेल समाप्त करते हैं. दूसरी ओर, कार्ड गेम (गुरु नानक का फलसफा) एक व्यक्ति को इन 24 स्थानों से जुड़ी कहानियों (साखियों) को 'लाल दृश्यदर्शी' का उपयोग कर 'ठुकराल और टागरा' कृत 24 कार्ड्स के माध्यम से पढ़ सकते हैं.

ये दोनों खेल सबसे पहले गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश उत्सव के उपलक्ष्य में कलगीधर सोसाइटी द्वारा आयोजित किए गए थे. इसके बाद 'होला मौहल्ला' के अवसर पर तख्त श्री केसगढ़ साहिब, आनंदपुर साहिब, पंजाब में इसे स्थापित किया गया.

दोनों प्रदर्शनियों को सामूहिक रूप से लगभग 5000 लोगों ने देखा था. दोनों खेल लोगों को शिक्षित करने के एकमात्र उद्देश्य से तैयार किए गए हैं. गुरु नानक देव जी की आध्यात्मिक यात्राओं के बारे में यह अंश, बाबा इकबाल सिंह जी द्वारा लिखित और कलगीधर सोसाइटी, बडू साहिब द्वारा प्रकाशित पुस्तक 'सिख फेथ एन इप्पीटयूम ऑफ इंटर फेथ फॉर डिवाइन रियलाइजेशन और अन्य कई स्रोतों से लिए गए हैं. गुरु नानक देव जी के मानव-जाति के लिए संदेशों को एक कलात्मक दृष्टि से सचित्र प्रारूप में विनम्रतापूर्वक एवं सम्मान-सहित अनुवाद किया गया है.

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