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रेणुका स्कूल बस हादसा: मृतक बच्चों के परिजनों ने SMC के खिलाफ भी मांगी कार्रवाई

रेणुका स्कूल बस हादसा: मृतक बच्चों के परिजनों ने SMC के खिलाफ भी मांगी कार्रवाई

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Published : Feb 13, 2019, 11:18 AM IST

नाहन: 5 जनवरी को रेणुकाजी के खड़कोली में हुए निजी स्कूल बस हादसे के बाद हाल ही में आयोजित एसएमसी की बैठक विवादों में फंस गई है. हादसे में मृतक व घायल बच्चों के परिजनों ने एमएमसी बैठक पर सवाल उठाते हुए एमएमसी अध्यक्ष व मेंबर्स के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है.


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परिजनों का आरोप है कि एसएमसी की बैठक में उन अभिभावकों को नहीं बुलाया गया, जिन्होंने हादसे में अपने बच्चे खोए हैं. ऐसे में स्कूल प्रबंधन की मुश्किलें ओर बढ़ गई है और एमएमसी की बैठक विवादों में आ गई है. बता दें कि इस बस हादसे में 7 बच्चों व बस चालक की मौत हो गई थी.
बस हादसे में अपने 8 वर्षीय लाडले आदर्श को खोने वाले पिता गोपाल शर्मा ने कहा कि हादसे में 7 बच्चों की मौत हो गई थी, जिनमें उनका बच्चा भी शामिल था. शर्मा ने एक बार फिर दोहराया कि बस को ठीक करवाने के लिए बार-बार प्रिंसिपल से बोलते रहे, लेकिन वह केवल आश्वासन देता रहा, लिहाजा हादसा हो गया. प्रशासन से मांग करते हुए गोपाल शर्मा ने कहा कि ये हादसा नहीं, बल्कि मर्डर है. आरोपी को सख्त से सख्त सजा दी जाए और स्कूल हमेशा के लिए बंद होना चाहिए.
बाइट: गोपाल शर्मा, मृतक आदर्श के पिता
वहीं, बस हादसे में अपने 6 साल के मासूम नैतिक को खोने वाले उसके पिता ओम प्रकाश ने भी कहा कि बैठक की कोई सूचना नहीं दी गई. इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए और स्कूल हमेशा के लिए बंद किया जाए. सरकार से अनुरोध है कि परिजनों की पुकार सुने और उन्हें इंसाफ दिलवाए.
बाइट: ओम प्रकाश, मृतक बच्चे नैतिक के पिता
गौरतलब है कि हाल ही में स्कूल प्रबंधन की तरफ से एसएमसी की बैठक में करीब 141 अभिभावकों के हस्ताक्षर कर मीडिया में बयान जारी किया गया था, जिसमें स्कूल की मान्यता रद्द न करने के साथ-साथ स्कूल की नई बस की पासिंग परमिशन के अलावा स्कूल की उपलब्धियों का जिक्र किया गया था. साथ ही प्रिंसिपल की कार्यप्रणाली पर भी संतोष व्यक्त किया गया था.

नाहन: 5 जनवरी को रेणुकाजी के खड़कोली में हुए निजी स्कूल बस हादसे के बाद हाल ही में आयोजित एसएमसी की बैठक विवादों में फंस गई है. हादसे में मृतक व घायल बच्चों के परिजनों ने एमएमसी बैठक पर सवाल उठाते हुए एमएमसी अध्यक्ष व मेंबर्स के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है.


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परिजनों का आरोप है कि एसएमसी की बैठक में उन अभिभावकों को नहीं बुलाया गया, जिन्होंने हादसे में अपने बच्चे खोए हैं. ऐसे में स्कूल प्रबंधन की मुश्किलें ओर बढ़ गई है और एमएमसी की बैठक विवादों में आ गई है. बता दें कि इस बस हादसे में 7 बच्चों व बस चालक की मौत हो गई थी.
बस हादसे में अपने 8 वर्षीय लाडले आदर्श को खोने वाले पिता गोपाल शर्मा ने कहा कि हादसे में 7 बच्चों की मौत हो गई थी, जिनमें उनका बच्चा भी शामिल था. शर्मा ने एक बार फिर दोहराया कि बस को ठीक करवाने के लिए बार-बार प्रिंसिपल से बोलते रहे, लेकिन वह केवल आश्वासन देता रहा, लिहाजा हादसा हो गया. प्रशासन से मांग करते हुए गोपाल शर्मा ने कहा कि ये हादसा नहीं, बल्कि मर्डर है. आरोपी को सख्त से सख्त सजा दी जाए और स्कूल हमेशा के लिए बंद होना चाहिए.
बाइट: गोपाल शर्मा, मृतक आदर्श के पिता
वहीं, बस हादसे में अपने 6 साल के मासूम नैतिक को खोने वाले उसके पिता ओम प्रकाश ने भी कहा कि बैठक की कोई सूचना नहीं दी गई. इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए और स्कूल हमेशा के लिए बंद किया जाए. सरकार से अनुरोध है कि परिजनों की पुकार सुने और उन्हें इंसाफ दिलवाए.
बाइट: ओम प्रकाश, मृतक बच्चे नैतिक के पिता
गौरतलब है कि हाल ही में स्कूल प्रबंधन की तरफ से एसएमसी की बैठक में करीब 141 अभिभावकों के हस्ताक्षर कर मीडिया में बयान जारी किया गया था, जिसमें स्कूल की मान्यता रद्द न करने के साथ-साथ स्कूल की नई बस की पासिंग परमिशन के अलावा स्कूल की उपलब्धियों का जिक्र किया गया था. साथ ही प्रिंसिपल की कार्यप्रणाली पर भी संतोष व्यक्त किया गया था.
रेणुका स्कूल बस हादसा: मृतक बच्चों के परिजनों ने एसएमसी के खिलाफ भी मांगी कार्रवाई 
-डीएवीएन स्कूल की एसएमसी की बैठक पर विवाद
-हादसे के शिकार बच्चों के परिजन बोले-हमें नहीं दी बैठक की सूचना
-मनमर्जी से हुए निर्णय, फिर दोहराया-स्कूल पर लगे परमानेंट ताला
-आरोपी को सख्त से सख्त सजा देने की मांग
नाहन। 5 जनवरी को रेणुका जी के खड़कोली में हुए निजी स्कूल बस हादसे के बाद हाल ही में आयोजित एसएमसी की बैठक विवादों में फंस गई है। बस हादसे में मृतक व घायल बच्चों के परिजनों ने एमएमसी की बैठक पर सवाल उठाते हुए एमएमसी अध्यक्ष व मेंबरों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है। आरोप है कि एसएमसी की बैठक में उन अभिभावकों को नहीं बुलाया गया, जिन्होंने हादसे में अपने बच्चे खोए है। ऐसे में स्कूल प्रबंधन की मुश्किलें ओर बढ़ गई है और एमएमसी की बैठक विवादों में आ गई है। बता दें कि इस बस हादसे में 7 बच्चों व बस चालक की मौत हो गई थी। 
बस हादसे में अपने 8 वर्षीय लाडले आदर्श को खोने वाले पिता गोपाल शर्मा ने कहा कि हादसे में 7 बच्चों की मौत हो गई थी, जिनमें उनका बच्चा भी शामिल था। शर्मा ने एक बार फिर दोहराया कि बस को ठीक करवाने के लिए बार-बार प्रिंसिपलज से बोलते रहे, लेकिन वह केवल आश्वासन देता रहा। लिहाजा हादसा हो गया। 
उन्होंने हाल ही में आयोजित हुई एसएमसी की बैठक पर कहा कि इस बैठक में में बस हादसे के मृतक व घायल बच्चों के परिजनों को नहीं बुलाया गया और न ही इस बाबत कुछ पूछा गया। आरोप यह भी लगाया कि इससे पहले भी 4 सालों तक उन्हें किसी एसएमसी की बैठक में कभी नहीं बुलाया गया।
मृतक आदर्श के पिता गोपाल शर्मा ने कहा कि यह दुखदायी विषय है कि न स्कूल प्रबंधन और न एसएमसी अध्यक्ष ने इस बारे कोई भी सूचना दी। बैठक में जो भी निर्णय लिए गए, वो अपनी मर्जी के आधार पर लिए गए। प्रिंसिपल को बचाने के लिए यह सभी निर्णय लिए गए। प्रशासन से मांग करते हुए गोपाल शर्मा ने कहा कि यह बस हादसा नहीं, बल्कि मर्डर है। आरोपी को सख्त से सख्त सजा दी जाए और स्कूल हमेशा के लिए बंद होना चाहिए। साथ ही एमएमसी प्रधान सहित मेंबरो के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।
बाइट: गोपाल शर्मा, मृतक आदर्श के पिता 
उधर बस हादसे में अपने 6 साल के मासूम नैतिक को खोने वाले उसके पिता ओम प्रकाश ने भी कहा कि बैठक की कोई सूचना नहीं दी गई। हमारे बच्चे भी उसी स्कूल में पढ़ते थे। स्कूल प्रबंधन का बोलने का फज्र बनता है। कोई सूचना दी दी और न कोई संदेश भेजा। इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। स्कूल हमेशा के लिए बंद किया जाए। सरकार से अनुरोध है कि परिजनों की पुकार सुने और उन्हें इंसाफ दिलवाए। 
बाइट: ओम प्रकाश, मृतक बच्चे नैतिक के पिता 
गौरतलब है कि हाल ही में स्कूल प्रबंधन की तरफ से एसएमसी की बैठक में करीब 141 अभिभावकों के हस्ताक्षर कर मीडिया में बयान जारी किया गया था, जिसमें स्कूल की मान्यता रद्द न करने के साथ-साथ स्कूल की नई बस की पासिंग परमिशन के अलावा स्कूल की उपलब्धियों का जिक्र किया गया था। साथ ही प्रिंसिपल की कार्यप्रणाली पर भी संतोष व्यक्त किया गया था। 
कुल मिलाकर एमएमसी की बैठक के बाद मृतक व घायल बच्चों के परिजनों ने सवाल उठाते हुए स्कूल प्रबंधन की कार्यप्रणाली को एक बार फिर कटघरे में खड़ा कर दिया है। साथ ही एक बार पुनः सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग को दोहराया है। 
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