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प्रदेश में 7 गऊ सेंचुरी जल्द बनकर होंगी तैयार, हजारों गायों को मिलेगा आश्रय

सड़कों पर आवारा घूमने वाले गौवंश की समस्या के समाधान करने के लिए जयराम सरकार प्रदेश में सात गऊ सेंचुरी का जल्द निर्माण करेगी. इन सेंचुरी में करीब 10 हजार गायों को आश्रय मिलेगा.

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Published : Sep 22, 2019, 9:53 AM IST

नाहन: प्रदेश में सड़कों पर आवारा घूमने वाले गौवंश की समस्या किसी से छिपी नहीं है. इसका समाधान करने के लिए हिमाचल प्रदेश गौ-सेवा आयोग के उपाध्यक्ष विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं. नाहन दौरे के दौरान प्रदेश गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा ने कहा कि वर्तमान जयराम सरकार जब से सत्ता में आई है.

गोवंश के मामले को लेकर बेहद गंभीर है और इस पर काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में सात गऊ सेंचुरी बनाने का निर्णय लिया गया है.गऊ सेंचुरी बनाने में थोड़ा समय जरूर लगेगा, लेकिन सेंचुरी में करीब 10 हजार गायों को रखने की व्यवस्था की जाएगी. इसके अलावा दो बड़ी गौशालाएं में भी बनेंगी जिनमें करीब चार हजार गोवंश को रखा जाएगा. इसमें सरकारी अनुदान के साथ-साथ लोगों का भी सहयोग रहेगा.

अशोक शर्मा गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष

उपाध्यक्ष ने बताया कि सिरमौर में गऊ सेंचुरी बनकर तैयार हो गई है. वहीं, दूसरी का काम चल रहा है. वहीं, 4 सेंचुरी कांगड़ा, एक हमीरपुर और एक खैरी में बनाई जाएंगी. ऐसे में गऊ सेंचुरी के निर्माण से आवारा पशुओं की समस्या का काफी हद तक समाधान हो सकेगा.

नाहन: प्रदेश में सड़कों पर आवारा घूमने वाले गौवंश की समस्या किसी से छिपी नहीं है. इसका समाधान करने के लिए हिमाचल प्रदेश गौ-सेवा आयोग के उपाध्यक्ष विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं. नाहन दौरे के दौरान प्रदेश गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा ने कहा कि वर्तमान जयराम सरकार जब से सत्ता में आई है.

गोवंश के मामले को लेकर बेहद गंभीर है और इस पर काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में सात गऊ सेंचुरी बनाने का निर्णय लिया गया है.गऊ सेंचुरी बनाने में थोड़ा समय जरूर लगेगा, लेकिन सेंचुरी में करीब 10 हजार गायों को रखने की व्यवस्था की जाएगी. इसके अलावा दो बड़ी गौशालाएं में भी बनेंगी जिनमें करीब चार हजार गोवंश को रखा जाएगा. इसमें सरकारी अनुदान के साथ-साथ लोगों का भी सहयोग रहेगा.

अशोक शर्मा गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष

उपाध्यक्ष ने बताया कि सिरमौर में गऊ सेंचुरी बनकर तैयार हो गई है. वहीं, दूसरी का काम चल रहा है. वहीं, 4 सेंचुरी कांगड़ा, एक हमीरपुर और एक खैरी में बनाई जाएंगी. ऐसे में गऊ सेंचुरी के निर्माण से आवारा पशुओं की समस्या का काफी हद तक समाधान हो सकेगा.

Intro:- नाहन दौरे के दौरान पूछे सवाल पर गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष ने दिया जवाब
- कहा, प्रदेश में 7 गऊ सेंचुरी के साथ 2 बड़े गौ सदनों का किया जा रहा निर्माण
नाहन। हिमाचल प्रदेश में सड़कों पर आवारा घूमने वाले गोवंश की समस्या किसी से छिपी नहीं है ओर इसका समाधान निकालने के लिए सरकार द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। इसी तहत प्रदेश के गौ सदनों में पेश आने वाली समस्याओं और सड़कों पर घूमने वाले गौवंश को लेकर हिमाचल प्रदेश गौ-सेवा आयोग के उपाध्यक्ष विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं।


Body:नाहन दौरे के दौरान मीडिया द्वारा पूछे सवाल पर हिमाचल प्रदेश गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा ने कहा कि वर्तमान जयराम सरकार जब से सत्ता में आई है, इस मामले को लेकर बेहद गंभीर है और इस पर कार्य किया अभी जा रहा है। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 7 गऊ सेंचुरी बनाने का निर्णय लिया गया है। इस कार्य में थोड़ा समय जरूर लगता है, क्योंकि गऊ सेंचुरी के लिए जमीनें पशुपालन विभाग के नाम ट्रांसफर होती हैं। फिर पशुपालन विभाग राशि जारी करता है और टेंडर किए जाते हैं। इसी सरकारी औपचारिकताओं में थोड़ा लंबे समय लगता है, लेकिन जल्दी हिमाचल में यह 7 गऊ सेंचुरी बनकर तैयार होंगी, जिसमें 8 से 10 हजार गायों को रखने की व्यवस्था हो जाएगी। इसके अलावा दो ऐसी बड़ी गौशाला में भी बनेगी जिनमें 3 से 4 हजार गौवंश रखा जाएगा। इसमें सरकारी अनुदान के साथ-साथ लोगों का भी सहयोग रहेगा। उन्होंने बताया कि एक सिरमौर में गम सेंचुरी तैयार हो गई है। दूसरी कान्हा लगा क्षेत्र में काम शुरू हो गया है। 4 जिला कांगड़ा, एक हमीरपुर व एक खैरी में है। खैरी वाली का कार्य भी चंद रोज में शुरू हो जाएगा। ऐसे में गऊ सेंचुरी के निर्माण से आवारा पशुओं की समस्या का काफी हद तक समाधान हो सकेगा।
बाइट : अशोक शर्मा, उपाध्यक्ष, गौ सेवा आयोग हिप्र


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