रामपुर: जिला शिमला के रामपुर उपमंडल में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट को लेकर स्थानीय युवाओं में खासा रोष देखने को मिल रहा है. युवाओं का कहना है कि रामपुर और इसके आसपास के क्षेत्रों में कई हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट चल रहे हैं, लेकिन हैरत की बात यह है कि यह प्रोजेक्ट स्थानीय युवाओं को कोई रोजगार नहीं दे रहा है.
युवाओं का कहना है कि इन प्रोजेक्टों में अधिकतर बाहरी राज्यों के लोग काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि रामपुर और आसपास के इलाकों में कई मिनी हाइड्रो प्रोजेक्ट चल रहे हैं. जिनके माध्यम से कंपनियां करोड़ों रुपयों का लाभ कमा रही हैं, लेकिन कंपनियां स्थानीय लोगों की जगह बाहरी लोगों को रोजगार मुहैया करवा रही हैं.
कूट पंचायत के नीतीश भंडारी का कहना है कि क्षेत्र मौजूद हाइड्रो प्रोजेक्ट की मनमानी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. उन्होंने बताया कि परियोजना के प्रबंधक लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए तैयार नहीं हैं. नीतीश भंडारी ने कहा कि अगर समय रहते उनकी मांगों को नहीं सुना गया तो स्थानीय युवा प्रोजेक्ट के खिलाफ आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे.
नीतीश भंडारी ने यह भी बताया कि कई परियोजनाएं प्रभावित पंचायतों को ना तो राहत राशि प्रदान कर रही है और ना ही वहां के बेरोजगार युवाओं को रोजगार मुहैया करवाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि स्थानीय लोग अपनी जमीन इस कारण हाइड्रो प्रोजेक्ट को दे देते हैं, ताकि वह आने वाले समय में स्थानीय युवाओं को रोजगार दें, लेकिन कंपनियां ग्रामीणों की जमीन लेने के बाद युवाओं को रोजगार मुहैया नहीं करवाती.
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