शिमला : कोरोना के खौफ में लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है और लोग रक्तदान के लिए भी अस्पतालों में जाने से परहेज कर रहे हैं. ऐसे में प्रदेश के बल्ड बैंकों में रक्त की भारी कमी हो गई है. कोरोना के चलते रक्तदान शिविरों का आयोजन भी नहीं किया जा सकता और विभिन्न अस्पताल प्रशासन लगातार बल्ड बैंकों में खून की कमी को पूरा करने की अपील कर रहे हैं. इन परिस्थितियों के बीच शिमला के एक युवा इंजीनियर ने घर पर ही समस्या का हल करने की बेहतरीन कोशिश की.
अस्पतालों के बल्ड बैंकों में खून की कमी को पूरा करने के लिए कच्ची घाटी के युवा इंजीनियर संजीव शर्मा ने अपने ही घर पर रक्तदान शिविर लगा दिया. इस शिविर में युवक के दोस्तों और 30 स्थानीय लोगों ने रक्तदान किया. आईजीएमसी ब्लड बैंक के डॉक्टर एमएल कौशल ने शिविर का संचालन किया. शिविर का उदघाटन आरकेएमवी की छात्रा शगुन ने पहली बार रक्तदान कर किया. आयोजकों ने शिविर को "कोरोना योद्धाओं" के नाम समर्पित किया.
संजीव शर्मा ने कहा कि डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मचारी, पुलिस एवं अन्य आवश्यक सेवाओं में डटे लोग अपनी जान जोखिम में डालकर समाज को बचाने में लगे हैं. ऐसे योद्धाओं के सम्मान में लगाए गए इस शिविर से अनेक नाजुक मरीजों को जीवनदान मिलेगा. शिविर में रक्तदान संबंधी सरकार के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया गया.
इस अवसर पर रक्तदान करने वालों में युवा दंपति परितोष और शगुन भी शामिल रहे. ब्लड बैंक के प्रभारी डॉक्टर एमएल कौशल ने कहा की युवा इंजीनियर संजीव शर्मा और उनके दोस्तों का प्रयास अत्यंत सराहनीय है. इस प्रयास से संकट के समय में ब्लड बैंक को काफी राहत मिलेगी. शिविर में उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव और वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता रोहतास कुठियाला ने भी हिस्सा लिया.