शिमला: तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन करने से कैंसर हो सकता है. तंबाकू मौत का कारण भी बन सकता है. प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल एजेंसी के कैंसर अस्पताल में पानी वाले कैंसर के मरीजों में सबसे ज्यादा मरीज लंग कैंसर के हैं. दरअसल, कैंसर अस्पताल शिमला में प्रतिवर्ष 300 के लगभग मरीज लंग कैंसर के आते हैं, इसमें महिलाएं भी शामिल है. चिकित्सको का मानना है कि कैंसर का मुख्य कारण तम्बाकू और धूम्र है.
2022 में कैंसर अस्पताल में 2448 मरीज: आइजीएमसी के कैंसर अस्पताल शिमला में 2022 में कैंसर के कुल 2448 मरीज इलाज कराने आए. जिसमे से 800 से 900 मरीज में कैंसर का कारण तम्बाकू था. 331 लंग कैंसर के मरीज थे. जिसमे 256 पुरूष और 75 महिलाएं थी. 45 मरीज मुंह के कैंसर के थे जिसमें 35 पुरुष व 10 महिलाएं थी.
गांव से सबसे ज्यादा आते है मरीज: कैंसर अस्पताल शिमला में आने वाले कैंसर के मरीजों में सबसे ज्यादा गांव से मरीज आते हैं. जो अधीकतर धूम्रपान करने वाले होते है. कैंसर अस्पताल शिमला के एचओडी डॉ मनीष गुप्ता ने बताया कि कैंसर एक जानलेवा बीमारी है और समय पर यदि अस्पताल न पहुंचे तो मरीज को बचाना मुश्किल हो जाता है. उन्होंने बताया कि आईजीएमसी में 2500 की ओपीडी में 250 से 300 मरीज कैंसर के होते है. उनका कहना है कि उनके पास विभिन्न जिलों से मरीज आते है. अधितकर मरीज गांव से होते हैं. उन्होंने बताया कि महिलाओ में बच्चे दानी और ब्रेस्ट कैंसर होता है, जबकि पुरुषों में ज्यादा लंग कैंसर पाया जाता है. यानी साल में 400 मरीज कैंसर के होते है तो उसने से 300 के लगभग मरीज लंग कैंसर के होते हैं.
लंग कैंसर का मुख्य कारण तम्बाकू: आईजीएमसी में कार्डियोलॉजी विभाग के एचओडी डॉक्टर पी सी नेगी ने कहा कि तंबाकू जानलेवा है और इससे हार्ट अटैक जैसे बीमारियां हो रही है. उनका कहना था कि 20 साल के युवा को भी हार्ट अटैक हो रहा है. इसका मुख्य कारण तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन माना जा रहा है. उनका कहना था कि बड़ों में भी तंबाकू हार्ट अटैक का कारण बन रहा है. इसलिए तंबाकू से बचना चाहिए और विश्व नो तंबाकू दिवस पर या प्रण लेना चाहिए कि तंबाकू का सेवन नहीं करेंगे.
ये भी पढ़ें: सिगरेट पीने वालों को कोरोना से मौत का खतरा ज्यादा, शिमला में 200 लोगों ने छोड़ा धूम्रपान
World No Tobacco Day: प्रदेश में सबसे ज्यादा लंग कैंसर के मरीज, अधिकांश मरीजों में कैंसर का कारण तम्बाकू - World No Tobacco Day
हिमाचल प्रदेश में कैंसर के मरीजो में सबसे ज्यादा लंग कैंसर के मरीज हैं. 1 साल में 331 मामले गांव से आ रहे हैं. जिसका मुख्य कारण धूम्रपान है. देखिए ये रिपोर्ट...
शिमला: तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन करने से कैंसर हो सकता है. तंबाकू मौत का कारण भी बन सकता है. प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल एजेंसी के कैंसर अस्पताल में पानी वाले कैंसर के मरीजों में सबसे ज्यादा मरीज लंग कैंसर के हैं. दरअसल, कैंसर अस्पताल शिमला में प्रतिवर्ष 300 के लगभग मरीज लंग कैंसर के आते हैं, इसमें महिलाएं भी शामिल है. चिकित्सको का मानना है कि कैंसर का मुख्य कारण तम्बाकू और धूम्र है.
2022 में कैंसर अस्पताल में 2448 मरीज: आइजीएमसी के कैंसर अस्पताल शिमला में 2022 में कैंसर के कुल 2448 मरीज इलाज कराने आए. जिसमे से 800 से 900 मरीज में कैंसर का कारण तम्बाकू था. 331 लंग कैंसर के मरीज थे. जिसमे 256 पुरूष और 75 महिलाएं थी. 45 मरीज मुंह के कैंसर के थे जिसमें 35 पुरुष व 10 महिलाएं थी.
गांव से सबसे ज्यादा आते है मरीज: कैंसर अस्पताल शिमला में आने वाले कैंसर के मरीजों में सबसे ज्यादा गांव से मरीज आते हैं. जो अधीकतर धूम्रपान करने वाले होते है. कैंसर अस्पताल शिमला के एचओडी डॉ मनीष गुप्ता ने बताया कि कैंसर एक जानलेवा बीमारी है और समय पर यदि अस्पताल न पहुंचे तो मरीज को बचाना मुश्किल हो जाता है. उन्होंने बताया कि आईजीएमसी में 2500 की ओपीडी में 250 से 300 मरीज कैंसर के होते है. उनका कहना है कि उनके पास विभिन्न जिलों से मरीज आते है. अधितकर मरीज गांव से होते हैं. उन्होंने बताया कि महिलाओ में बच्चे दानी और ब्रेस्ट कैंसर होता है, जबकि पुरुषों में ज्यादा लंग कैंसर पाया जाता है. यानी साल में 400 मरीज कैंसर के होते है तो उसने से 300 के लगभग मरीज लंग कैंसर के होते हैं.
लंग कैंसर का मुख्य कारण तम्बाकू: आईजीएमसी में कार्डियोलॉजी विभाग के एचओडी डॉक्टर पी सी नेगी ने कहा कि तंबाकू जानलेवा है और इससे हार्ट अटैक जैसे बीमारियां हो रही है. उनका कहना था कि 20 साल के युवा को भी हार्ट अटैक हो रहा है. इसका मुख्य कारण तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन माना जा रहा है. उनका कहना था कि बड़ों में भी तंबाकू हार्ट अटैक का कारण बन रहा है. इसलिए तंबाकू से बचना चाहिए और विश्व नो तंबाकू दिवस पर या प्रण लेना चाहिए कि तंबाकू का सेवन नहीं करेंगे.
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