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वर्ल्ड बैंक ने की हिमाचल सरकार को सहायता राशि देने की पेशकश, बोले- नुकसान का करें सटीक आकलन - हिमाचल बारिश

हिमाचल प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा ने जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है. प्रदेश में स्थिति सामान्य होने और पुनर्वास व पुनर्निर्माण में अभी लंबा समय लगेगा. आपदा के समय सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के काम की विश्व बैंक ने सराहना की और सरकार को सहायता राशि की पेशकश की है. (World Bank offered Financial Help to Himachal Govt)

World Bank on Himachal Disaster.
वर्ल्ड बैंक ने की हिमाचल आपदा को लेकर सीएम सुक्खू की तारिफ.
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Published : Jul 29, 2023, 11:30 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के बाद हुए लैंडस्लाइड और बाढ़ से भारी तबाही हुई है. विश्व बैंक ने प्रदेश में आई इस आपदा से शीघ्र गति से निपटने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रयासों की सराहना की है. भारत में बैंक के कंट्री डायरेक्टर ऑगस्त तानो कुआमे ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को इस बारे में एक पत्र लिखा है. इसमें प्राकृतिक आपदा से कुशलतापूर्वक निपटने के लिए मुख्यमंत्री की सराहना की गई. कंट्री डायरेक्टर ने राहत एवं बचाव कार्यों के लिए व्यक्तिगत रूप से निगरानी और प्रदेश से पर्यटकों की सकुशल वापसी सुनिश्चित करने और आपदा में जल्द कदम उठाने के लिए मुख्यमंत्री की तारीफ की.

मुख्यमंत्री ने विश्व बैंक का जताया आभार: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विश्व बैंक की हौसला अफजाई के लिए आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि हाल ही में आपदा के कारण प्रदेश को भारी क्षति पहुंची है. इस की भरपाई करने में कम से कम एक साल लगेगा. अब तक प्रदेश में लगभग 8000 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान का अनुमान है. सड़कों, पुलों, बिजली और पानी की आपूर्ति जैसी मूलभूत सुविधाओं की स्थायी बहाली राज्य सरकार की प्राथमिकता है. यह राज्य और प्रदेशवासियों के लिए परीक्षा की घड़ी है और विश्व बैंक का सहयोग यहां पुनर्वास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

विश्व बैंक ने की सहायता की पेशकश: विश्व बैंक ने प्रदेश को नुकसान के व्यापक आकलन और पूर्ण सहायता प्रदान करने की पेशकश की है. विश्व बैंक ने सड़क, बिजली, जलापूर्ति, आवास, सार्वजनिक भवन, सिंचाई बुनियादी ढांचे, कृषि, बागवानी, पशुधन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नुकसान के सटीक आकलन के लिए जीएफडीआरआर के सहयोग से मूल्यांकन का प्रस्ताव दिया है. प्रस्तावित मूल्यांकन का उद्देश्य पुनर्वास प्रक्रिया में सहायता और पुनर्निर्माण प्रयासों को सुविधाजनक बनाना है. इसके अलावा, विश्व बैंक, पुनर्वास और पुनर्निर्माण, आपदा जोखिम प्रबंधन, अधोसंरचना निर्माण, पारिस्थितिकी तंत्र और आजीविका के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए भी तैयार है.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस चुनौतीपूर्ण समय में सहयोग प्रदान करने के लिए विश्व बैंक का आभार व्यक्त किया. उन्होंने विश्वास जताया कि विश्व बैंक की सहायता से राज्य पुनर्वास और पुनर्निर्माण की दिशा में आगे बढ़ेगा और भविष्य में आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए सुदृढ़ प्रणाली विकसित करने की दिशा में कार्य करेगा.

ये भी पढे़ं: Himachal Disaster: आपदा की मुश्किल घड़ी में मदद को आगे आए लोग, एक दिन में 4 करोड़ से ज्यादा राशि राहत कोष में डोनेट

शिमला: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के बाद हुए लैंडस्लाइड और बाढ़ से भारी तबाही हुई है. विश्व बैंक ने प्रदेश में आई इस आपदा से शीघ्र गति से निपटने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रयासों की सराहना की है. भारत में बैंक के कंट्री डायरेक्टर ऑगस्त तानो कुआमे ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को इस बारे में एक पत्र लिखा है. इसमें प्राकृतिक आपदा से कुशलतापूर्वक निपटने के लिए मुख्यमंत्री की सराहना की गई. कंट्री डायरेक्टर ने राहत एवं बचाव कार्यों के लिए व्यक्तिगत रूप से निगरानी और प्रदेश से पर्यटकों की सकुशल वापसी सुनिश्चित करने और आपदा में जल्द कदम उठाने के लिए मुख्यमंत्री की तारीफ की.

मुख्यमंत्री ने विश्व बैंक का जताया आभार: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विश्व बैंक की हौसला अफजाई के लिए आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि हाल ही में आपदा के कारण प्रदेश को भारी क्षति पहुंची है. इस की भरपाई करने में कम से कम एक साल लगेगा. अब तक प्रदेश में लगभग 8000 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान का अनुमान है. सड़कों, पुलों, बिजली और पानी की आपूर्ति जैसी मूलभूत सुविधाओं की स्थायी बहाली राज्य सरकार की प्राथमिकता है. यह राज्य और प्रदेशवासियों के लिए परीक्षा की घड़ी है और विश्व बैंक का सहयोग यहां पुनर्वास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

विश्व बैंक ने की सहायता की पेशकश: विश्व बैंक ने प्रदेश को नुकसान के व्यापक आकलन और पूर्ण सहायता प्रदान करने की पेशकश की है. विश्व बैंक ने सड़क, बिजली, जलापूर्ति, आवास, सार्वजनिक भवन, सिंचाई बुनियादी ढांचे, कृषि, बागवानी, पशुधन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नुकसान के सटीक आकलन के लिए जीएफडीआरआर के सहयोग से मूल्यांकन का प्रस्ताव दिया है. प्रस्तावित मूल्यांकन का उद्देश्य पुनर्वास प्रक्रिया में सहायता और पुनर्निर्माण प्रयासों को सुविधाजनक बनाना है. इसके अलावा, विश्व बैंक, पुनर्वास और पुनर्निर्माण, आपदा जोखिम प्रबंधन, अधोसंरचना निर्माण, पारिस्थितिकी तंत्र और आजीविका के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए भी तैयार है.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस चुनौतीपूर्ण समय में सहयोग प्रदान करने के लिए विश्व बैंक का आभार व्यक्त किया. उन्होंने विश्वास जताया कि विश्व बैंक की सहायता से राज्य पुनर्वास और पुनर्निर्माण की दिशा में आगे बढ़ेगा और भविष्य में आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए सुदृढ़ प्रणाली विकसित करने की दिशा में कार्य करेगा.

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