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World AIDS Day:हिमाचल में नशे के आदी एक ही सिरिंज का प्रयोग कर AIDS को दे रहे न्योता- डॉ. गोपाल बेरी

आज विश्व में एड्स दिवस मनाया जा रहा है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना है. बीमारी के लक्षण और उपाय जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...(World AIDS Day) (HIV AIDs Symptoms) (HIV AIDs Treatment)

HIV AIDs cases in Himachal
हिमाचल में नशे के आदी युवा एक ही सिरिंज का प्रयोग कर AIDs को दे रहे खुला न्योता
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Published : Dec 1, 2022, 12:37 PM IST

शिमला: एचआईवी/एड्स एक ऐसा संक्रामक रोग है, जिसके बारे में जानकारी ही बचाव है. हिमाचल में 5332 एड्स से पीड़ित मरीज अपना इलाज करवा रहे हैं. इसमें युवा व बच्चे भी शामिल हैं. यह जानकारी एड्स कंट्रोल सोसाइटी की ओर से दी गई है. हिमाचल सरकार ने एचआईवी/एड्स की बीमारी से पीड़ित लोगों की जांच और इलाज दोनों ही सरकारी अस्पताल में निशुल्क होता है. इलाज का पूरा खर्चा सरकार देती है. (World AIDS Day) (HIV positivity rate in Himachal) (HIV AIDs cases in Himachal)

आईजीएमसी में 920 मरीज करा रहे इलाज: बात अगर शिमला स्थित आईजीएमसी अस्पताल की कि जाए तो यहां अभी 920 मरीज अपना इलाज करवा रहे हैं जिसमें 514 पुरुष, 350 महिला, 28 बच्चे, 27 बच्चियां और एक ट्रांसजेंडर शामिल है. हिमाचल में 52 सेंटर में टेस्टिंग की सुविधा है जबकि 3 सेंटर आईजीएमसी, टांडा और हमीरपुर में एआरटी सेंटर है जहां पर इलाज किया जाता है. (World AIDs Day 2022) (HIV positivity rate in India)

युवाओं में एड्स के लक्षण ज्यादा- एनएचएम के डिप्टी एमडी डॉ. गोपाल बेरी ने बताया कि हिमाचल में नशे के आदी युवा नशा करने के लिए सिरिंज का प्रयोग कर एड्स फैलने को खुला न्योता दे रहे हैं. बताया जा रहा है कि इन दिनों युवा वर्ग सिरिंज के माध्यम से तरह-तरह के नशे का प्रयोग कर रहे हैं. वैसे तो हिमाचल में सभी प्रकार के लोगों में एड्स की बीमारी देखी गई है, लेकिन युवा लोगों में ज्यादा लक्षण दिखाई दे रहे हैं. पीछले साल की अपेक्षा इस बार प्रदेश में एड्स के मामलों में जरूर कमी आई है, फिर भी वर्तमान में 52 केंद्रों में 5332 लोग एड्स की दवाइयां ले रहे हैं. (AIDs day theme 2022)

एड्स के लक्षण दिखते है करवाएं चेकअप- एआरटी सैंटर की अगर बात की जाए तो यहां कुछ बच्चों के नाम दर्ज हुए हैं, जिनमें एड्स की बीमारी फैली हुई है. बच्चों में एड्स का मुख्य कारण यह है कि मां अगर सुरक्षित नहीं है तो बच्चों में एड्स होना बिल्कुल तय है. अगर किसी बच्चे की मां एड्स से पीड़ित है और वह समय से अपना इलाज नहीं करवाती है तो बच्चों में एड्स होने की अधिक संभावना होती है. इसलिए चिकित्सकों द्वारा यही तर्क दिया जा रहा है कि महिलाओं को जैसे ही एड्स के लक्षण दिखते है तो वे समय से अस्पताल जाकर अपना चेकअप करवाएं. (HIV AIDs Symptoms) (HIV AIDs awareness)

IGMC और टांडा में एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी- प्रदेश भर में कई ब्लड बैंक हैं और यहां पर हर साल रक्तदान शिविर भी लगाए जाते हैं. ब्लड बैंक द्वारा लगाए गए इन शिविरों में डोनर की काउंसलिंग भी की जाती है. इसके अतिरिक्त आईजीएमसी और टांडा में एड्स संक्रमण के इलाज के लिए एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी भी चल रही है. जहां पर इलाज की बेहतर व्यवस्था की गई है. प्रदेश में हर वर्ष लगभग तीन लाख से अधिक लोगों की एचआईवी जांच की जा रही है. लोगों के लिए यह बेहतर रहेगा की वह नशे से दूर रहें. इससे एड्स की संभावना अधिक रहती है. (HIV AIDs hospital in himachal)

टैटू सिरिंज से भी होता है एड्स- इन दिनों युवाओं में टैटू बनाना एक फैशन बन गया है. टैटू बनाने वाले जरा ध्यान दें कि जो सिरिंज इसमें इस्तेमाल होती है वह क्या सही है या नहीं. चिकित्सकों की मानें तो अगर यह सिरिंज ठीक नहीं है तो एड्स फैलना तय है. टैटू बनाने वाले काफी लोगों में एड्स के लक्षण सामने आए हैं. स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी की तरफ से जिला ऊना, बिलासपुर, मंडी, टांडा, शिमला, हमीरपुर सहित अन्य जिलों में एआरटी केंद्र खोले गए हैं. जहां पर एड्स से पीड़ितों को निशुल्क दवाईयां दी जाती है.

रोधन क्षमता को कमजोर करता है HIV/AIDs- यहां सबसे बड़ी बात तो यह है कि सोसायटी की तरफ से पीड़ित मरीजों को घर से आने व जाने का खर्च भी दिया जाता है. मरीजों के लिए यह राहत दी है. अपनी जेब से इलाज के लिए एक रुपया भी खर्च नहीं करना पड़ेगा. एड्स/एचआईवी मानव की रोधन क्षमता को कमजोर करने वाला वायरस से होता है, जो कि शरीर की रोधन क्षमता पर प्रहार करता है, जिसका काम शरीर को छूत या संक्रामक रोगों से बचाना होता है.

इन चीजों को करने से फैलता है HIV/AIDs- सुरक्षा कवच के बिना एड्स वाले लोग भयानक छूत के रोगों और कैंसर आदि से पीड़ित हो जाते हैं. एचआईवी एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है. यह एक इंजेक्शन की सिरिंज से संक्रमित व्यक्ति से दूसके व्यक्ति में फैल सकता है. एक संक्रमित मां से उसके बच्चे को जन्म या उसके आसपास के समय में भी फैल सकता है. हालांकि मौखिक संभोग से भी संक्रमण की संभावना रहती है. वहीं, औरत या पुरुष के साथ असुरक्षित यौन संबंध रखने से भी खतरा होता है. . (HIV AIDs Treatment in himachal )

एचआईवी/एड्स से बचने के उपाय- अपने साथी से वफादार रहें, ज्यादा व्यक्तियों के साथ यौन संबंध नहीं बनाने चाहिए, यौन संबंध बनाने पर निरोध का प्रयोग करना चाहिए, अगर बाहर शेव बनाते है तो हमेशा ही नए ब्लेड का प्रयोग करना चाहिए, अस्पताल में इंजेक्शन लगाते समय नई सिरिंज का प्रयोग करें, अगर अस्पताल में खून चढ़ाने की जरूरत पड़ जाए तो पहले पूरी तरह स्पष्ट हो जाए कि जो खून आपको चढ़ाया जा रहा है वह किसी रोग से ग्रस्त तो नहीं है.

यह है एड्स के लक्षण- एड्स के लक्षण ऊर्जा की कमी, वजन घटना, बार-बार बुखार और पसीना, देर तक या बार-बार होने वाली फंगल की छूत, देर तक रहने वाला डायरिया, कुछ समय के लिए विस्मृति, मुख जननेन्द्रिय और गर्दन में फोड़े, खांसी और श्वास फूलना.

आज मनाया जाएगा एड्स दिवस- आज पूरे प्रदेश में एड्स दिवस मनाया जा रहा है. इस उपलक्ष्य पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. लोगों को इसमें अधिकारियों द्वारा जानकारी दी जाएगी की इस बीमारी से कैसे बचना है और इससे रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए.

हिमाचल की स्थिति बाकी राज्य से बेहतर- डॉ. गोपाल बेरी ने बताया कि हिमाचल की स्थिति बाकी राज्य से बेहतर है, क्योंकि विभाग द्वारा विभिन्न संस्थाओं के साथ मिल कर जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं. प्रदेश में पीछले साल की अपेक्षा इस बार मामलों में कमी आई है. विभिन्न कार्य्रकमों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है. लोगों से अपील की जाती है कि वह स्वयं भी इस बीमारी से बचकर रहें. युवा लोग नशे से बचें व असुरक्षित सिरिंज का इस्तेमाल करने से बचें.

ये भी पढ़ें: World AIDS Day: राष्ट्रीय दर से कम हिमाचल में HIV पॉजिटिविटी रेट, इन उपायों से मिली सफलता

शिमला: एचआईवी/एड्स एक ऐसा संक्रामक रोग है, जिसके बारे में जानकारी ही बचाव है. हिमाचल में 5332 एड्स से पीड़ित मरीज अपना इलाज करवा रहे हैं. इसमें युवा व बच्चे भी शामिल हैं. यह जानकारी एड्स कंट्रोल सोसाइटी की ओर से दी गई है. हिमाचल सरकार ने एचआईवी/एड्स की बीमारी से पीड़ित लोगों की जांच और इलाज दोनों ही सरकारी अस्पताल में निशुल्क होता है. इलाज का पूरा खर्चा सरकार देती है. (World AIDS Day) (HIV positivity rate in Himachal) (HIV AIDs cases in Himachal)

आईजीएमसी में 920 मरीज करा रहे इलाज: बात अगर शिमला स्थित आईजीएमसी अस्पताल की कि जाए तो यहां अभी 920 मरीज अपना इलाज करवा रहे हैं जिसमें 514 पुरुष, 350 महिला, 28 बच्चे, 27 बच्चियां और एक ट्रांसजेंडर शामिल है. हिमाचल में 52 सेंटर में टेस्टिंग की सुविधा है जबकि 3 सेंटर आईजीएमसी, टांडा और हमीरपुर में एआरटी सेंटर है जहां पर इलाज किया जाता है. (World AIDs Day 2022) (HIV positivity rate in India)

युवाओं में एड्स के लक्षण ज्यादा- एनएचएम के डिप्टी एमडी डॉ. गोपाल बेरी ने बताया कि हिमाचल में नशे के आदी युवा नशा करने के लिए सिरिंज का प्रयोग कर एड्स फैलने को खुला न्योता दे रहे हैं. बताया जा रहा है कि इन दिनों युवा वर्ग सिरिंज के माध्यम से तरह-तरह के नशे का प्रयोग कर रहे हैं. वैसे तो हिमाचल में सभी प्रकार के लोगों में एड्स की बीमारी देखी गई है, लेकिन युवा लोगों में ज्यादा लक्षण दिखाई दे रहे हैं. पीछले साल की अपेक्षा इस बार प्रदेश में एड्स के मामलों में जरूर कमी आई है, फिर भी वर्तमान में 52 केंद्रों में 5332 लोग एड्स की दवाइयां ले रहे हैं. (AIDs day theme 2022)

एड्स के लक्षण दिखते है करवाएं चेकअप- एआरटी सैंटर की अगर बात की जाए तो यहां कुछ बच्चों के नाम दर्ज हुए हैं, जिनमें एड्स की बीमारी फैली हुई है. बच्चों में एड्स का मुख्य कारण यह है कि मां अगर सुरक्षित नहीं है तो बच्चों में एड्स होना बिल्कुल तय है. अगर किसी बच्चे की मां एड्स से पीड़ित है और वह समय से अपना इलाज नहीं करवाती है तो बच्चों में एड्स होने की अधिक संभावना होती है. इसलिए चिकित्सकों द्वारा यही तर्क दिया जा रहा है कि महिलाओं को जैसे ही एड्स के लक्षण दिखते है तो वे समय से अस्पताल जाकर अपना चेकअप करवाएं. (HIV AIDs Symptoms) (HIV AIDs awareness)

IGMC और टांडा में एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी- प्रदेश भर में कई ब्लड बैंक हैं और यहां पर हर साल रक्तदान शिविर भी लगाए जाते हैं. ब्लड बैंक द्वारा लगाए गए इन शिविरों में डोनर की काउंसलिंग भी की जाती है. इसके अतिरिक्त आईजीएमसी और टांडा में एड्स संक्रमण के इलाज के लिए एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी भी चल रही है. जहां पर इलाज की बेहतर व्यवस्था की गई है. प्रदेश में हर वर्ष लगभग तीन लाख से अधिक लोगों की एचआईवी जांच की जा रही है. लोगों के लिए यह बेहतर रहेगा की वह नशे से दूर रहें. इससे एड्स की संभावना अधिक रहती है. (HIV AIDs hospital in himachal)

टैटू सिरिंज से भी होता है एड्स- इन दिनों युवाओं में टैटू बनाना एक फैशन बन गया है. टैटू बनाने वाले जरा ध्यान दें कि जो सिरिंज इसमें इस्तेमाल होती है वह क्या सही है या नहीं. चिकित्सकों की मानें तो अगर यह सिरिंज ठीक नहीं है तो एड्स फैलना तय है. टैटू बनाने वाले काफी लोगों में एड्स के लक्षण सामने आए हैं. स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी की तरफ से जिला ऊना, बिलासपुर, मंडी, टांडा, शिमला, हमीरपुर सहित अन्य जिलों में एआरटी केंद्र खोले गए हैं. जहां पर एड्स से पीड़ितों को निशुल्क दवाईयां दी जाती है.

रोधन क्षमता को कमजोर करता है HIV/AIDs- यहां सबसे बड़ी बात तो यह है कि सोसायटी की तरफ से पीड़ित मरीजों को घर से आने व जाने का खर्च भी दिया जाता है. मरीजों के लिए यह राहत दी है. अपनी जेब से इलाज के लिए एक रुपया भी खर्च नहीं करना पड़ेगा. एड्स/एचआईवी मानव की रोधन क्षमता को कमजोर करने वाला वायरस से होता है, जो कि शरीर की रोधन क्षमता पर प्रहार करता है, जिसका काम शरीर को छूत या संक्रामक रोगों से बचाना होता है.

इन चीजों को करने से फैलता है HIV/AIDs- सुरक्षा कवच के बिना एड्स वाले लोग भयानक छूत के रोगों और कैंसर आदि से पीड़ित हो जाते हैं. एचआईवी एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है. यह एक इंजेक्शन की सिरिंज से संक्रमित व्यक्ति से दूसके व्यक्ति में फैल सकता है. एक संक्रमित मां से उसके बच्चे को जन्म या उसके आसपास के समय में भी फैल सकता है. हालांकि मौखिक संभोग से भी संक्रमण की संभावना रहती है. वहीं, औरत या पुरुष के साथ असुरक्षित यौन संबंध रखने से भी खतरा होता है. . (HIV AIDs Treatment in himachal )

एचआईवी/एड्स से बचने के उपाय- अपने साथी से वफादार रहें, ज्यादा व्यक्तियों के साथ यौन संबंध नहीं बनाने चाहिए, यौन संबंध बनाने पर निरोध का प्रयोग करना चाहिए, अगर बाहर शेव बनाते है तो हमेशा ही नए ब्लेड का प्रयोग करना चाहिए, अस्पताल में इंजेक्शन लगाते समय नई सिरिंज का प्रयोग करें, अगर अस्पताल में खून चढ़ाने की जरूरत पड़ जाए तो पहले पूरी तरह स्पष्ट हो जाए कि जो खून आपको चढ़ाया जा रहा है वह किसी रोग से ग्रस्त तो नहीं है.

यह है एड्स के लक्षण- एड्स के लक्षण ऊर्जा की कमी, वजन घटना, बार-बार बुखार और पसीना, देर तक या बार-बार होने वाली फंगल की छूत, देर तक रहने वाला डायरिया, कुछ समय के लिए विस्मृति, मुख जननेन्द्रिय और गर्दन में फोड़े, खांसी और श्वास फूलना.

आज मनाया जाएगा एड्स दिवस- आज पूरे प्रदेश में एड्स दिवस मनाया जा रहा है. इस उपलक्ष्य पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. लोगों को इसमें अधिकारियों द्वारा जानकारी दी जाएगी की इस बीमारी से कैसे बचना है और इससे रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए.

हिमाचल की स्थिति बाकी राज्य से बेहतर- डॉ. गोपाल बेरी ने बताया कि हिमाचल की स्थिति बाकी राज्य से बेहतर है, क्योंकि विभाग द्वारा विभिन्न संस्थाओं के साथ मिल कर जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं. प्रदेश में पीछले साल की अपेक्षा इस बार मामलों में कमी आई है. विभिन्न कार्य्रकमों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है. लोगों से अपील की जाती है कि वह स्वयं भी इस बीमारी से बचकर रहें. युवा लोग नशे से बचें व असुरक्षित सिरिंज का इस्तेमाल करने से बचें.

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