शिमला: सर्दियां शुरू हो गई हैं. ऐसे में छोटे बच्चों को अतिरिक्त केयर की आवश्यकता होती है. ठंडे मौसम में वायरस और बैक्टीरिया तेजी से बढ़ते हैं और छोटे बच्चों को बीमार बनाते हैं. शिशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता वयस्कों से बहुत कम होती है, इसलिए उन पर इन वायरस और बैक्टीरिया का असर बहुत ज्यादा होता है. आइए जानते हैं, आईजीएमसी में विशेषज्ञ डॉक्टर प्रवीण भाटिया से की बच्चों को ठंड से बचाने के लिए कौन कौन सी सावधानियां बरतना आवश्यक है.
पहनाएं गर्म कपड़े: बच्चों के कपड़ों का सर्दियों में विशेष ध्यान रखें. कपड़ों में की गई थोड़ी सी भी लापरवाही बच्चे पर भारी पड़ सकती है, इसलिए जैसे ही मौसम बदले, बच्चों को गर्म कपड़े पहनाना शुरू कर दें. हल्की ठंड को नजरअंदाज ना करें और बच्चों को हमेशा मोजे पहना कर रखें. इसके साथ ही सिर पर टोपी भी पहना लें. हालांकि ज्यादा कपड़े पहनाने से बच्चा चिड़चिड़ा हो जाता है ऐसे में जरूरी यह है कि बच्चे के लिए कपड़ों की सही लेयर के साथ उसकी नियमित पोषक को ध्यान में रखा जाए. (Take care of children in winter) (winter care tips for babies).
बच्चों को रोज स्टीम दें, विटामिन सी युक्त फल सर्दी जुखाम से बचाएंगे: आइजीएमसी के डिप्टी एमएस और विशेषज्ञ डॉक्टर प्रवीण भाटिया का कहना है कि संक्रमण से लड़ने में पोषक तत्व की अहम भूमिका होती है. बच्चों को संतरे, स्ट्रॉबेरी, टमाटर और ब्रोकली जैसे विटामिन सी वाले सिट्रस फल खाने को दें. ये फल और सब्जियां सर्दी-जुकाम से बचाने का काम करती हैं. ठंड लग भी जाएं तो विटामिन सी बच्चों की जल्दी रिकवरी करता है. इसके साथ ही बच्चों को स्टीम भी दे सकते हैं.
ना खिलाएं ठंडी चीजें: सर्दी में भूल से भी बच्चे को ठंडी चीजें ना खिलाएं. साथ ही उसे बासी खाना या ठंडा खाना भी न दें. बच्चा क्या खाता है इस बात पर विशेष ध्यान दें. वहीं, मालिश से जहां बच्चे की मांस पेशियां मजबूत रहती हैं, वहीं इसके साथ बच्चों का शरीर गर्म भी रहता है. इसलिए सर्दी के मौसम में बच्चों की मालिश जरूर करें. (How to keep baby healthy in winter).
नवजात का भी ठंड में रखें ध्यान: सबसे ज्यादा परेशानी छोटे बच्चों को होती है. सर्दियों में छोटे बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए अन्यथा वह बीमार हो जाते हैं. निमोनिया होने का भी खतरा रहता है, ऐसे में छोटे बच्चों को भी गर्म कपड़े पहना कर रखें. नवजात बच्चों को ठंड लगने से उल्टी और दस्त लगने का ज्यादा खतरा होता है. दस्त के साथ बच्चे के शरीर से बहुत पानी निकल जाता है. इसी कारण बच्चे को अधिक प्यास लगती है, कमजोरी महसूस होती है. पेशाब में कमी हो जाती है. इसलिए नवजात को मां के दूध के अलावा ओआरएस और बार-बार पानी देना बेहद जरूरी है.
इम्यूनिटी बढ़ाना जरूरी: सर्दी-जुकाम या बुखार होने पर बच्चे सुस्त हो जाते हैं और खाना-पीना छोड़ देते हैं. ठंड न लगे इसलिए बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ानी बहुत जरूरी है. डॉक्टरों की ओर से की गई रिसर्च के मुताबिक जो बच्चे पूरी नींद नहीं लेते हैं, उनमें सर्दी-जुकाम जैसी बीमारी होने की संभावना अधिक होती है. ऐसे में बच्चों के सोने का समय तय कर लें.
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