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हिमाचल में क्या होगा अटल आदर्श विद्यालयों का भविष्य, सीएम सुखविंदर सिंह लेंगे फैसला

हिमाचल में अटल आदर्श स्कूल योजना का भविष्य सीएम सुखविंदर सिंह तय करेंगे. बता दें कि नई सरकार ने हिमाचल में सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोलने का ऐलान किया है. ऐसे में पुरानी योजना को लेकर क्या किया जाना है इसका फैसला सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ही लेंगे. (Atal Adarsh Vidyalaya in Himachal) (Rajiv Gandhi Day Boarding Schools in Himachal)

Atal Adarsh Vidyalaya in Himachal
Atal Adarsh Vidyalaya in Himachal
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Published : Feb 12, 2023, 9:44 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में पूर्व की जयराम ठाकुर सरकार ने प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में अटल आदर्श स्कूल खोलने का ऐलान किया था. अपने कार्यकाल में जयराम सरकार इनमें से केवल 28 स्कूलों को लेकर ही प्रक्रिया शुरू कर पाई. इनमें से भी केवल तीन स्कूलों में ही निर्माण कार्य शुरू हो सके. अब राज्य में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है. सीएम सुखविंदर सिंह ने भी अपनी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल लागू करने का ऐलान किया है. इस पर तेजी से जमीन चयन की प्रक्रिया चल रही है. ऐसे में सवाल उठता है कि पूर्व सरकार के समय शुरू हुई अटल आदर्श स्कूल योजना का क्या होगा. दोनों ही योजनाएं डे बोर्डिंग सुविधा को लेकर है.

सीएम सुक्खू लेंगे फैसला: हिमाचल में अटल आदर्श स्कूल योजना का भविष्य सीएम सुखविंदर सिंह तय करेंगे. सीएम ही फैसला लेंगे की पुरानी योजना को लेकर क्या किया जाना है? क्या ये योजना नई योजना में मर्ज हो जाएगी यानी इसका नाम बदला जाएगा, या फिर पूर्व की योजना के तहत निर्मित हो रहे तीन स्कूल नई योजना में तब्दील होंगे. इन सभी बातों को लेकर नई सरकार के मुखिया सुखविंदर सिंह फैसला लेंगे.

सुक्खू सरकार का राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोलने का ऐलान: उल्लेखनीय है कि नई सरकार ने हिमाचल में सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोलने का ऐलान किया है. इसके लिए हर विधानसभा क्षेत्र में पचास बीघा जमीन चयन करने के लिए डीसी को निर्देश दिए गए हैं. हर डे-बोर्डिंग विद्यालय में एक हजार बच्चे शिक्षा ग्रहण करेंगे. सुखविंदर सिंह सरकार आसपास के पांच किलोमीटर के दायरे में पहले से चल रहे स्कूलों को बाद में उनमें मिला सकती है. राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूलों की यह लोकेशन जिला, ब्लॉक या तहसील मुख्यालय पर ही संभव होगी. सीएम ने इसे लेकर सभी जिलों के डीसी से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए जमीन चयन को लेकर निर्देश दिए थे.

उच्च शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा के अनुसार जमीन चयन की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. उनके अनुसार यह भूमि जिला मुख्यालय, सब-डिविजन अथवा ब्लॉक व तहसील मुख्यालय से चार से पांच किलोमीटर की परिधि में होनी चाहिए, ताकि इन स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को 10 से 15 मिनट की दूरी पर एकीकृत परिसर में बेहतर शिक्षा सुविधा उपलब्ध हो सके. इन स्कूलों में खेल इन्फ्रा स्ट्रक्चर का भी विकास किया जाना है. सरकार की योजना है कि इस स्कूल के कुल एरिया का 25 फीसदी हिस्सा खेल ढांचे के लिए हो. इन स्कूलों में इंडोर और आउटडोर स्टेडियम भी होंगे. स्कूल परिसरों में होस्टल नहीं बनेंगे, लेकिन प्री प्राइमरी से जमा दो क्लास तक की कक्षाएं होंगी.

पूर्व सरकार में 28 अटल आदर्श स्कूलों की प्रक्रिया: पूर्व में जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने अटल आदर्श विद्यालय नाम से डे बोर्डिंग स्कूल वाली योजना शुरू की थी. उस योजना में होस्टल के साथ स्कूल निर्माण की योजना थी. यह स्कूल भी हर विधानसभा क्षेत्र में बनने थे, लेकिन जयराम सरकार के कार्यकाल में सिर्फ 28 मामले ही प्रक्रिया में आ पाए थे. उनमें से भी सिर्फ छह मामलों में जमीन का ट्रांसफर शिक्षा विभाग को हो पाया था. सिर्फ तीन ही विधानसभा क्षेत्रों में स्कूल निर्माण शुरू हुआ. इनमें से दो पूर्व सीएम के जिला मंडी में धर्मपुर, नाचन व ऊना जिला के कुटलैहड़ में हैं. बाकी चुनाव क्षेत्रों में स्कूल भवन ही नहीं बन पाए. अब देखना है कि नई सरकार अटल आदर्श स्कूलों के मामले में क्या फैसला लेती है.

ये भी पढ़ें: 'फिजूलखर्ची रोकना और बचत बढ़ाना सबसे पहले खुद करके दिखाना पड़ता है'

शिमला: हिमाचल प्रदेश में पूर्व की जयराम ठाकुर सरकार ने प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में अटल आदर्श स्कूल खोलने का ऐलान किया था. अपने कार्यकाल में जयराम सरकार इनमें से केवल 28 स्कूलों को लेकर ही प्रक्रिया शुरू कर पाई. इनमें से भी केवल तीन स्कूलों में ही निर्माण कार्य शुरू हो सके. अब राज्य में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है. सीएम सुखविंदर सिंह ने भी अपनी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल लागू करने का ऐलान किया है. इस पर तेजी से जमीन चयन की प्रक्रिया चल रही है. ऐसे में सवाल उठता है कि पूर्व सरकार के समय शुरू हुई अटल आदर्श स्कूल योजना का क्या होगा. दोनों ही योजनाएं डे बोर्डिंग सुविधा को लेकर है.

सीएम सुक्खू लेंगे फैसला: हिमाचल में अटल आदर्श स्कूल योजना का भविष्य सीएम सुखविंदर सिंह तय करेंगे. सीएम ही फैसला लेंगे की पुरानी योजना को लेकर क्या किया जाना है? क्या ये योजना नई योजना में मर्ज हो जाएगी यानी इसका नाम बदला जाएगा, या फिर पूर्व की योजना के तहत निर्मित हो रहे तीन स्कूल नई योजना में तब्दील होंगे. इन सभी बातों को लेकर नई सरकार के मुखिया सुखविंदर सिंह फैसला लेंगे.

सुक्खू सरकार का राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोलने का ऐलान: उल्लेखनीय है कि नई सरकार ने हिमाचल में सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोलने का ऐलान किया है. इसके लिए हर विधानसभा क्षेत्र में पचास बीघा जमीन चयन करने के लिए डीसी को निर्देश दिए गए हैं. हर डे-बोर्डिंग विद्यालय में एक हजार बच्चे शिक्षा ग्रहण करेंगे. सुखविंदर सिंह सरकार आसपास के पांच किलोमीटर के दायरे में पहले से चल रहे स्कूलों को बाद में उनमें मिला सकती है. राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूलों की यह लोकेशन जिला, ब्लॉक या तहसील मुख्यालय पर ही संभव होगी. सीएम ने इसे लेकर सभी जिलों के डीसी से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए जमीन चयन को लेकर निर्देश दिए थे.

उच्च शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा के अनुसार जमीन चयन की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. उनके अनुसार यह भूमि जिला मुख्यालय, सब-डिविजन अथवा ब्लॉक व तहसील मुख्यालय से चार से पांच किलोमीटर की परिधि में होनी चाहिए, ताकि इन स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को 10 से 15 मिनट की दूरी पर एकीकृत परिसर में बेहतर शिक्षा सुविधा उपलब्ध हो सके. इन स्कूलों में खेल इन्फ्रा स्ट्रक्चर का भी विकास किया जाना है. सरकार की योजना है कि इस स्कूल के कुल एरिया का 25 फीसदी हिस्सा खेल ढांचे के लिए हो. इन स्कूलों में इंडोर और आउटडोर स्टेडियम भी होंगे. स्कूल परिसरों में होस्टल नहीं बनेंगे, लेकिन प्री प्राइमरी से जमा दो क्लास तक की कक्षाएं होंगी.

पूर्व सरकार में 28 अटल आदर्श स्कूलों की प्रक्रिया: पूर्व में जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने अटल आदर्श विद्यालय नाम से डे बोर्डिंग स्कूल वाली योजना शुरू की थी. उस योजना में होस्टल के साथ स्कूल निर्माण की योजना थी. यह स्कूल भी हर विधानसभा क्षेत्र में बनने थे, लेकिन जयराम सरकार के कार्यकाल में सिर्फ 28 मामले ही प्रक्रिया में आ पाए थे. उनमें से भी सिर्फ छह मामलों में जमीन का ट्रांसफर शिक्षा विभाग को हो पाया था. सिर्फ तीन ही विधानसभा क्षेत्रों में स्कूल निर्माण शुरू हुआ. इनमें से दो पूर्व सीएम के जिला मंडी में धर्मपुर, नाचन व ऊना जिला के कुटलैहड़ में हैं. बाकी चुनाव क्षेत्रों में स्कूल भवन ही नहीं बन पाए. अब देखना है कि नई सरकार अटल आदर्श स्कूलों के मामले में क्या फैसला लेती है.

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